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मुख्यमंत्री के गृह जिले से बड़े आंदोलन का आगाज, जाटों ने डाला रेलवे ट्रैक पर डेरा

 

आरएनई , स्टेट ब्यूरो। 

मुख्यमंत्री के गृह जिले से आरक्षण को लेकर जाटों ने ताल ठोक दी है। राजस्थान में एक बार फिर से बड़े आरक्षण आंदोलन की आग धधकने के आसार बनने लग गए हैं। केन्द्र में आरक्षण की मांग को लेकर जाट समाज ने आज दिल्ली-मुंबई ट्रैक के किनारे महापड़ाव डाल दिया है। यह महापड़ाव भरतपुर के उच्चैन इलाके के जयचौली गांव में डाला गया है। यहां समाज के लोगों का जुटना शुरू हो गया। 11 बजे महापड़ाव का आगाज कर दिया गया है। आरक्षण आंदोलन को देखते हुए पुलिस प्रशासन अलर्ट मोड पर आ गया है। केन्द्र में ओबीसी वर्ग में शामिल करने की मांग है।

ढाई सौ पुलिसकर्मी तैनात किए

महापड़ाव के दौरान रेलवे ट्रैक जाम करने की आशंका को लेकर मंगलवार को अधिकारियों ने यहां का निरीक्षण किया था। यहां स्थानीय पुलिस प्रशासन और रेलवे प्रशासन की ओर से चाक चौबंद व्यवस्थाएं की गई हैं। मौके पर करीब ढाई सौ पुलिसकर्मी तैनात किए गए हैं। आरएसी की एक बटालियन को भी तैनातगी की गई है। जाट आरक्षण संघर्ष समिति के संयोजक नेम सिंह फौजदार ने कहा है कि अभी शांतिपूर्वक महापड़ाव डाला जा रहा है। अगर उनकी सुनवाई नहीं हुई तो फिर आगे समाज फैसला लेगा कि क्या करना है?

महापंचायत के बाद लिया फैसला

इससे पहले बीते सात जनवरी को डीग इलाके के जनूथर गांव में समाज की महापंचायत हुई थी। उसमें पूर्व कैबिनेट मंत्री विश्वेन्द्र सिंह भी शामिल हुए थे। उस समय समाज ने सरकार को दस दिन का समय देते हुए 17 जनवरी से महापड़ाव की चेतावनी दी थी। उसके बाद पांच दिन पहले 12 जनवरी को प्रधानमंत्री के नाम जिला कलेक्टर को ज्ञापन सौंपा गया था। महापड़ाव की तारीख को देखते हुए मंगलवार को संघर्ष समिति की जिला प्रशासन से वार्ता भी हुई थी। लेकिन वह बेनतीजा रही।

घर-घर जाकर पीले चावल बांटे गए हैं
उसके बाद आज से जाट समाज ने यहां महापड़ाव डाल दिया है। जाट समाज ने केन्द्र में आरक्षण की मांग को लेकर इससे पहले वर्ष 2015 और 2017 में आंदोलन किया था लेकिन वह सिरे नहीं चढ़ पाया था। अबकी बार इस आंदोलन को अंजाम तक पहुंचाने के लिए संघर्ष समिति ने घर-घर जाकर पीले चावल बांटे हैं और बड़ी संख्या में महापड़ाव में आने का न्यौता दिया गया है।

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