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कांग्रेस कई हारे और कुछ जीते विधायकों को लोकसभा चुनाव में उतारेगी, युवाओं पर जोर

 

राजस्थान कांग्रेस अब पूरी तरह से लोकसभा चुनाव की तैयारियों में जुट गई है। स्क्रीनिंग कमेटी दो दिन जयपुर में रही और उसने सभी 25 सीटों पर फीड बैक लिया। स्क्रीनिंग कमेटी की अध्यक्ष व सांसद रजनी पाटिल ने सभी विधायकों, लोकसभा के पर्यवेक्षकों व वरिष्ठ नेताओं से चर्चा की। पार्टी की इलेक्शन कमेटी, कोर्डिनेशन कमेटी सहित सभी कमेटियों की बैठकें हुई। स्क्रीनिंग कमेटी ने सबसे बात की।

हर लोकसभा सीट के लिए अब 3 नामों का पैनल तैयार किया जायेगा और उसे एआईसीसी को भेजा जायेगा। रजनी पाटिल का स्पष्ट निर्देश है कि लोकसभा में हारे लोगों के बजाय व्यापक जनाधार वाले नेताओं व खासकर युवाओं को चुनाव लड़ाया जाये। नये लोगों पर दाव लगाने का कमेटी ने निर्णय किया है।पार्टी इस बार कुछ हारे हुए मगर ताकतवर विधायकों को उम्मीदवार बनाने की सोच रहा है। इसके अलावा अगर कोई विधायक पूरे लोकसभा क्षेत्र में पकड़ रखता है तो उसे भी लोकसभा में उतारा जा सकता है।
कांग्रेस की स्क्रीनिंग कमेटी बड़े नेताओं का भी मन टटोल रही है, ताकि उनको भी मैदान में उतारा जा सकता है। पार्टी का तर्क है कि जब भाजपा अपने सांसदों को विधायक का चुनाव लड़ा सकती है तो हम भी अपने विधायकों को सांसद का चुनाव लड़ा सकते हैं।

कांग्रेस पिछले दो चुनाव से राज्य में एक भी सीट जीत नहीं सकी है, इसलिये ज्यादा ताकत से चुनाव लड़ना चाहती है। विधानसभा चुनाव के परिणामों के आधार पर कांग्रेस 10 सीटों पर फोकस कर रही है। जिन हारे विधायकों को चुनाव लड़ाने का विचार है उनमें रघु शर्मा, गोविंद मेघवाल, प्रताप सिंह खाचरियावास आदि के नाम शामिल है। जिन बड़े नेताओं को लड़ाने पर विचार हो रहा है उनमें अशोक गहलोत, सचिन पायलट, गोविंद डोटासरा, हरीश चौधरी, शांति धारीवाल के नाम शामिल है। लोकसभा चुनाव को लेकर पार्टी इस बार ज्यादा गम्भीर है। कांग्रेस इस बार पिछले चुनावों के सभी उम्मीदवारों को बदलने के मूड में है और उनकी जगह युवाओं को उतारने का मानस है।

श्रीकरणपुर चुनाव जीतने के बाद कांग्रेस की उम्मीदें भी बढ़ी है। कांग्रेस ने लोकसभा चुनाव को देखते हुए ही गोविंद डोटासरा को अध्यक्ष पद से नहीं हटाया और एससी के टीकाराम जूली को नेता प्रतिपक्ष बनाया है। कांग्रेस अपने कोर वोटर जाट, एससी, अल्पसंख्यक, गुर्जर, मीणा पर फोकस कर रही है और इनकी बहुलता वाली सीटों पर नजरें गड़ाए हुए है।

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