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बीकानेर ने 4,27,582 के लक्ष्य के विरुद्ध पहले दिन 70.8% उपलब्धि हासिल की

RNE, BIKANER .

राष्ट्रीय पल्स पोलियो महाअभियान के तहत रविवार को 0 से 5 वर्ष तक के 3,02,698 बच्चों को बूथों पर बाईवेलेंट ओरल पोलियो वैक्सीन की 2 बूँदें पिलाई गई। जिले के 4,27,582 के लक्ष्य के विरुद्ध पहले दिन 70.8% उपलब्धि हासिल कर ली गई। सोमवार से पल्स पोलियो वैक्सीन घर-घर पिलाई जाएगी।

विधायक व्यास और जिला कलेक्टर वृष्णि ने एसडीएम जिला अस्पताल से राष्ट्रीय पल्स पोलियो अभियान का किया उद्घाटन। अभियान का जिला स्तरीय कार्यक्रम एसडीएम जिला अस्पताल के पोलियो बूथ पर हुआ। जहां बीकानेर (पश्चिम) विधायक जेठानंद व्यास और जिला कलेक्टर नम्रता वृष्णि ने बच्चों को पोलियो से बचाव की ड्रॉप पिलाई।

विधायक व्यास ने कहा कि देश के सुरक्षित और मजबूत भविष्य के लिए शत-प्रतिशत नौनिहालों को दो बूंद जिंदगी की पिलाएं। उन्होंने सभी सहयोगी संस्थाओं से सक्रिय योगदान की अपील की और कहा कि जिले का एक भी पात्र बच्चा दवा से वंचित न रहे, इसके लिए पुख्ता प्रबंध तथा मॉनिटरिंग की जाए।

जिला कलेक्टर नम्रता वृष्णि ने बताया कि पल्स पोलियो अभियान के तहत जिले के शहरी ग्रामीण क्षेत्रों में कुल 1 हजार 579 बूथ बनाए गए हैं। जहां 6 हजार वैक्सीनेटर तैनात किए गए हैं, जिससे आमजन को घर के नजदीक ही दवा पिलाने की सुविधा मिल सके। इसी के साथ रेलवे स्टेशन और बस स्टैंड जैसे 63 ट्रांजिट बूथ व 116 मोबाइल दल भी बनाए गए हैं। उन्होंने बताया कि भारत 2014 में ही पोलियो मुक्त घोषित हो चुका है, लेकिन पड़ोसी देशों में अब भी वायरस मौजूद हैं, ऐसे में हर बार पोलियो खुराक देनी आवश्यक है।

इस साल 0 से 5 वर्ष तक के 4 लाख 27 हजार 582 बच्चों को पोलियो खुराक देने का लक्ष्य निर्धारित किया गया है। इसे शत प्रतिशत हासिल किया जाएगा। इस दौरान मुख्य चिकित्सा एवं स्वास्थ्य अधिकारी डॉ राजेश कुमार गुप्ता, जिला अस्पताल के अधीक्षक डॉ सुनील हर्ष, अभियान के नोडल अधिकारी आरसीएचओ डॉ. मुकेश जनागल, डॉ प्रवीण चतुर्वेदी, विश्व स्वास्थ्य संगठन के डॉ. अनुरोध तिवारी सहित रोटरी क्लब के सदस्यों ने भी बच्चों को पोलियो खुराक पिलाई।

अब घर-घर पिलाएंगे ओपीवी

सीएमएचओ डॉ राजेश कुमार गुप्ता ने बताया कि पोलियो बूथ पर कार्यरत चार सदस्यीय दल 1 जुलाई व 2 जुलाई को दो टीमों में विभक्त होकर सम्पूर्ण जिले में घर-घर जाकर बूथ पर दवा पीने से वंचित रह गये बच्चों को ढुंढते हुये पोलियो के विरूद्ध प्रतिरक्षण का कार्य करेगें। घरों में विजिट के दौरान बच्चों की उपस्थिति, अनुपस्थिति एवं पोलियो वेक्सीन पीने के आधार पर घरों पर मार्किंग करेगें। जब तक शत प्रतिशत बच्चे प्रतिरक्षित ना हो जाएं अभियान जारी रहेगा।