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जिला कलेक्टर ने की तैयारियों की समीक्षा

आरएनई,बीकानेर।

बीकानेर नगर का 537वां स्थापना दिवस पूरे उल्लास एवं उमंग के साथ मनाया जाएगा। इस दौरान विभिन्न कार्यक्रम आयोजित होंगे। इसकी पूर्व तैयारियों के संबंध में बुधवार को जिला कलक्टर नम्रता वृष्णि की अध्यक्षता में बैठक आयोजित हुई। जिला कलक्टर वृष्णि ने कहा कि नगर स्थापना दिवस प्रत्येक नागरिक के लिए महत्वपूर्ण होता है। इसमें प्रत्येक नागरिक की भागीदारी के प्रयास हों। उन्होंने आह्वान किया कि नगर स्थापना दिवस का उत्सव घर-घर में मनाया जाए।

जिला कलक्टर ने बताया कि नगर स्थापना दिवस समारोह के दौरान पारम्परिक कार्यक्रम भी होंगे। जिला प्रशासन द्वारा राव बीकाजी संस्थान के संयुक्त तत्वावधान् में 6 से 8 मई तक महारानी सुदर्शना कला दीर्घा में कैमरे और फोटो की प्रदर्शनी लगाई जाएगी। सात मई को सायं 4.30 बजे महारानी सुदर्शना कला दीर्घा में ही संगोष्ठी आयोजित की जाएगी। इसी श्रृंखला में 8 मई को नरेन्द्र सिंह ऑडिटोरियम में कवि सम्मेलन व मुशायरा तथा 9 मई को स्थापना दिवस के अवसर पर प्रातः 7 बजे राव बीकाजी प्रतिमा स्थल पर पूजा अर्चना तथा मुख्य समारोह आयोजित किया जाएगा।

जिला कलक्टर ने बताया कि जिला प्रशासन द्वारा श्री लक्ष्मीनाथ मंदिर पर्यावरण विकास समिति के संयुक्त तत्वावधान् में 7 मई को सायं 5.30 बजे से चंदा महोत्सव तथा 8 मई को सायं 7.30 बजे से सांस्कृतिक संध्या का आयोजन होगा। दोनों कार्यक्रम लक्ष्मीनाथ मंदिर परिसर में आयोजित होंगे। उन्होंने बताया कि नगर स्थापना दिवस के अवसर पर देवस्थान विभाग द्वारा लक्ष्मीनाथ मंदिर तथा देशनोक स्थित करणी माता मंदिर में विशेष पूजा अर्चना की जाएगी।

जिला कलक्टर ने कहा कि राव बीकाजी प्रतिमा स्थल पर रंग-रोगन, साफ-सफाई, लाइटिंग सहित अन्य आवश्यक व्यवस्थाएं समय पर कर दी जाएं। इसी प्रकार लक्ष्मीनाथ मंदिर परिसर से जुड़ी व्यवस्थाएं करने के लिए भी निर्देशित किया।

राव बीकाजी ट्रस्ट की ओर से राजेंद्र जोशी तथा लक्ष्मीनाथ मंदिर पर्यावरण विकास समिति की ओर से सीताराम कच्छावा ने कार्यक्रमों की जानकारी दी।
बैठक में अतिरिक्त जिला कलक्टर (नगर) उम्मेद सिंह रतनू, राव बीकाजी संस्थान के नरेंद्र सिंह स्याणी, डाॅ.फारूक चौहान, संजय पुरोहित, आत्माराम भाटी, इरशाद अजीज, अजीज भुट्टा और अभिषेक आचार्य, श्री लक्ष्मीनाथ मंदिर पर्यावरण विकास समिति के श्रीरतन तम्बोली, शिवप्रकाश सोनी, शशि मोहन दरगड़ आदि मौजूद रहे।