डॉ.एस.एन. हर्ष ने बताई मेडिकल कॉलेज की संघर्ष भरी कहानी (देखे वीडियो)
 Apr 1, 2024, 18:52 IST
                                                    
                                                
                                            आरएनई, बीकानेर। सरदार पटेल मेडिकल कॉलेज बीकानेर की स्थापना दिवस पर प्राचार्य एवं नियंत्रक डॉ. गुंजन सोनी एवं कॉलेज के चिकित्सक शिक्षकों तथा पूर्व चिकित्सकों ने कॉलेज परिसर स्थित भारत के प्रथम ग्रहमंत्री सरदार वल्लभ भाई पटेल की मूर्ति पर पुष्पांजलि अर्पित कर उन्हें श्रद्धांजलि दी ।  
 इस दौरान प्राचार्य ने बताया कि राजस्थान के मुख्यमंत्री मोहन लाल सुखाड़िया ने 5 फरवरी 1959 को इस मेडिकल कॉलेज की आधारशिला रखी। बाद में पं. जवाहरलाल नेहरू ने 1 अप्रैल 1959 को आधारशिला रखी। डॉ. एस. सी. मेहता ने दिसंबर 1958 में विशेष कर्तव्य अधिकारी का कार्यभार संभाला और वह राज्य के दूसरे मेडिकल कॉलेज के पहले प्रिंसिपल बने, जब 45 छात्रों का पहला बैच शामिल हुआ। 
 हालाँकि वर्तमान राजस्थान में पहला चिकित्सा संस्थान उन्नीसवीं सदी के मध्य में जयपुर में खोला गया था, लेकिन मानव शवों के विच्छेदन के लिए जनता के विरोध के कारण इसका जीवनकाल बहुत कम था, और जल्द ही इसे भुला दिया गया। 
 इस अवसर पर पूर्व चिकित्सकों में डॉ. अजीज अहमद सुलेमानी, डॉ. हनुमान सिंह कासवान, डॉ.एस.एन. हर्ष, डॉ. धनपत कोचर, डॉ. केसी माथुर, डॉ. शंकर लाल, डॉ. मदनलाल गौड़, डॉ. सुमन गौड़, डॉ. सतीश कच्छावा, डॉ. महेश दाधीच, डॉ. एम.एम. बागड़ी, तथा मेडिकल कॉलेज से डॉ. बी.के.गुप्ता, डॉ. बी.एल. खजोटीया, डॉ. एस.पी व्यास, डॉ. आर.पी. लोहिया, डॉ. विनोद छिंपा आदि उपस्थित रहे। 
 उल्लेखनीय है कि प्रारंभ में, यह बीकानेर मेडिकल कॉलेज था क्योंकि बीकानेर के लोगों ने दान करने के लिए एक अच्छी राशि की पेशकश की थी। जब यह पर्याप्त रूप से सफल नहीं हुआ, तो स्वर्गीय डॉ. एस.सी. मेहता ने सरकार के परामर्श से राजस्थान सरकार ने कॉलेज का नाम आधुनिक भारत के निर्माता सरदार वल्लभ भाई पटेल के नाम पर रखने का निर्णय लिया। नामकरण समारोह की अध्यक्षता स्वर्गीय श्रीमती इंदिरा गांधी को करनी थी, जिन्हें तत्कालीन प्रधान मंत्री, पंडित द्वारा नियुक्त किया गया था। जवाहरलाल नेहरू, लेकिन राजस्थान के तत्कालीन मुख्यमंत्री श्री मोहन लाल सुखाड़िया की कार दुर्घटना के कारण समारोह कभी नहीं हुआ। छपे हुए निमंत्रण कार्ड ही हमें समारोह की याद दिलाते हैं। 
                                            
 इस दौरान प्राचार्य ने बताया कि राजस्थान के मुख्यमंत्री मोहन लाल सुखाड़िया ने 5 फरवरी 1959 को इस मेडिकल कॉलेज की आधारशिला रखी। बाद में पं. जवाहरलाल नेहरू ने 1 अप्रैल 1959 को आधारशिला रखी। डॉ. एस. सी. मेहता ने दिसंबर 1958 में विशेष कर्तव्य अधिकारी का कार्यभार संभाला और वह राज्य के दूसरे मेडिकल कॉलेज के पहले प्रिंसिपल बने, जब 45 छात्रों का पहला बैच शामिल हुआ। 
 हालाँकि वर्तमान राजस्थान में पहला चिकित्सा संस्थान उन्नीसवीं सदी के मध्य में जयपुर में खोला गया था, लेकिन मानव शवों के विच्छेदन के लिए जनता के विरोध के कारण इसका जीवनकाल बहुत कम था, और जल्द ही इसे भुला दिया गया। 
 इस अवसर पर पूर्व चिकित्सकों में डॉ. अजीज अहमद सुलेमानी, डॉ. हनुमान सिंह कासवान, डॉ.एस.एन. हर्ष, डॉ. धनपत कोचर, डॉ. केसी माथुर, डॉ. शंकर लाल, डॉ. मदनलाल गौड़, डॉ. सुमन गौड़, डॉ. सतीश कच्छावा, डॉ. महेश दाधीच, डॉ. एम.एम. बागड़ी, तथा मेडिकल कॉलेज से डॉ. बी.के.गुप्ता, डॉ. बी.एल. खजोटीया, डॉ. एस.पी व्यास, डॉ. आर.पी. लोहिया, डॉ. विनोद छिंपा आदि उपस्थित रहे। 

                                                