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80 पंचांग के जिक्र सहित सनातन दृक पंचांग सामिति के हवाले से पं. जितेन्द्र कहते हैं 01 नवंबर श्रेष्ठ!

  • बीकानेर में आज फिर विद्वान रखेंगे अपनी बात
  • जयपुर में विद्वत परिषद ने 31 अक्टूबर को श्रेष्ठ बताया

RNE Bikaner.

आखिर लोग दीपावली किस दिन मनाएं? जयपुर में विद्वत परिषद ने 31 अक्टूबर को श्रेष्ठ बताया है। बीकानेर में विद्वानों की सभा में पहले एक नवंबर को ठीक बताया जा चुका है। देशभर में जयपुर विद्वत परिषद के बताई तिथि पर भी पंचांगकर्ता और कई विद्वान सवाल उठा रहे हैं। रविवार को एक बार फिर बीकानेर में पंडित-विद्वान दीपावली के मुहूर्त पर मंथन कर अपनी राय रखने जा रहे है।


पंचांगों, उद्वरणों के साथ, पंडित जितेन्द्र की बात ;

इन सबके बीच पंचांगकर्ता पंडित जितेन्द्र आचार्य देश के 80 से अधिक पंचांगकर्ता और पंडितों के दिये गए मुहूर्त का जिक्र कर पंडितों के बीच हुई चेटिंग का सार भी बताते हैं। इस चेटिंग के हवाले से कहते है, दीपावली पूजन एक नवंबर को श्रेष्ठ है। भारतीय सनातन समाज के नाम एक अपील में दृक सिद्धांत से निर्मित करने वाले पंचांग कर्ताओं द्वारा शास्त्र सम्मत लक्ष्मीपूजन (दीपावली) 1 नवंबर 2024, शुक्रवार के दिन को ही शास्त्र सम्मत माना गया है |


जानिये कैसे तर्क और उद्वरण :

इस वर्ष (संवत् 2081) शक 1946 में 31 अक्टूबर 2024 के दिन चतुर्दशी समाप्ति 15.53 है। चतुर्दशी समाप्ति के बाद अमावस्या शुरु होकर दूसरे दिन 1 नवंबर शुक्रवार के दिन सायं 18.17 को अमावस्या समाप्ति हो रही है।

31 अक्टूूबर को प्रदोषकाल में अमावस्याकी अधिक व्याप्ति है और दूसरे दिन 1 नवंबर शुक्रवार के दिन प्रदोषकाल में अमावस्या अल्पकाल है, फिर भी 1 नवंबर को लक्ष्मीपूजन करना ही उचित है।


धर्मसिंधु, पुरुषार्थ चिंतामणि, तिथिनिर्णय, व्रतपर्व विवेक आदि ग्रंथों से तर्क :

  • परदिने एव दिंद्वयेपि वा प्रदोषव्याप्तौ परा। पूर्वत्रैव प्रदोषव्याप्तौ लक्ष्मीपूजनादौ पूर्वा। (धर्मसिंधु)
  • इयं प्रदोषव्यापिनी ग्राह्या, दिंद्वये सत्त्वाऽसत्त्वे परा। (तिथिनिर्णय)
  • यदा सायाह्मराभ्य प्रवृत्तोत्तरदिने किंचिन्युन्यामात्रयम् अमावस्या तदुत्तरदिने यामत्रायमिता प्रतिपत्तदाऽमावस्याप्रयुक्त दीपदानलक्ष्मीपूजादिकं पूर्वत्र। यदा तु द्वितीयदिने यामत्रयेममावस्या तदुत्तरदिने सार्धयामात्रयं प्रतिपत्तदा परा। (पुरुषार्थ चिंतामणि)
  • अर्थात तीन प्रहर के उपरान्त पर अंत हो रही हो और दूसरे दिन प्रतिपदा साढितीन प्रहर के उपरान्त पर अंत हो रही हो ऐसी स्थिति में लक्ष्मीपूजनादि करें।
  • धर्मसिंधु, पुरुषार्थ चिंतामणि, तिथिनिर्णय, व्रतपर्व विवेक आदि ग्रंथों में दिये हुए वचनों का विचार करके दोनों दिन प्रदोषकाल में अमावस्या की व्याप्ति कम या अधिक होनेपर दूसरे दिन अर्थात अमावस्या के दिन लक्ष्मीपूजन करना शास्त्रसंमत है।


खास बात : युग्म को महत्व :

एक विशेष बिंदु यह भी है कि जब प्रदोषकाल में अमावस्या अल्पकाल होती है तब उस दिन सायाह्नकाल और प्रदोषकाल इन दोनों कालों में अमावस्या रहती है तथा अमावस्या और प्रतिपदा का युग्म होने से युग्म को महत्त्व देकर प्रतिपदायुक्त अमावस्या के दिन लक्ष्मीपूजन करना चाहिए। उपर्युक्त सभी वचनों पर विचार कर 1 नवंबर 2024 शुक्रवार के दिन लक्ष्मीपूजन दिया है। यद्यपि शुक्रवार के दिन सूर्यास्त के पश्चात् अमावस्या प्रदोष में अल्पकाल है, तथापि सायह्नकाल से प्रदोषकाल समाप्त होने तक अर्थात सूर्यास्त के बाद सामान्यतः 2 घंटे 24 मि. तक के कालावधी में लक्ष्मीपूजन कर सकते है।


62 सालों में तीन बार आ चुका ऐसा मुहूर्त संकट :

इसके पूर्व 28-10-1962, 17-10-1963 तथा 2-11-2013 तिथियों के दिन इसी प्रकार अमावस्या प्रदोष में अल्पकाल होनेपर अमावस्या के दिन लक्ष्मीपूजन पंचांग में दिया था। उपर्युक्त निर्दिष्ट ग्रंथों के वचनों का तथा पुराने पंचांगों में दिये हुए शास्त्रार्थ निर्णयों का विचार कर 1 नवंबर 2024 शुक्रवार के दिन दिया हुआ लक्ष्मीपूजन ही शास्त्रसंमत है।


इतने पंचांगों में 1 नवंबर को दीपावली मुहूर्त होने का दावा :

1. भागीरथ जोशी, श्री भादवमाता पंचांग, नीमच म.प्र., 2. डाॅ. अशोक शर्मा , बद्रिकाशी पंचांग, अशोक नगर, म.प्र., 3. मनोज व्यास, श्री शिवपंचांग, विदिशा म.प्र., 4. मोहन दाते, दाते पंचांग, सोलापूर , महाराष्ट्र, 5. राजज्योतिषी पं.जनार्दन ओझा , अर्बुद श्री पंचांग जावाल राजस्थान, 6. विद्याधर करंदीकर कालनिर्णय पंचांग, मुंबई, 7. दा.कृ. सोमण , निर्णयसागर पंचांग, मुंबई, 8. डाॅ..राम लखन महेरे, दैवज्ञ प्रबोध पंचांग, भिंड, म.प्र., 9. इंद्रकंटी वारी, गणकानंद गणित, कडपा ।, 10. डाॅ..रमेश चन्द्र जोशी, श्रीताराप्रसाद दिव्य पंचांग , रामनगर,नैनीताल, उत्तराखण्ड, 11. राजेश मिश्र , पुष्पांजली पंचांग, भोपाल म.प्र., 12. नक्षत्र लोक तिथि पंचांग उत्तराखंड, 13. कैलाश पंचांग पं.देव शर्मा, कैलाश पंचांग , हरियाणा, 14. मेडेन कुमार बिशि, परमेश्वरी पंजिका, 15. मेडन कुमार बिशि श्रीक्षेत्र पंजिका ओड़िशा।, 16. सिध्देश्वर पंचांग, तीर्थक्षेत्र अवंतिका, 17. दीपक जोशी, श्रीगणेश मार्तण्ड पंचांग, नैनिताल, 18. समंत चंद्र शेखर पंजिका , ओडिशा, 19. विद्या राजंदेकर, महाराष्ट्रीय पंचांग, नागपूर, महाराष्ट्र, 20. अजय व्यास श्री व्यास पंचांग, गुजरात।

21. कनुभाई पुरोहित , संदेश पंचांग, गुजरात, 22. पंडित जितेन्द्र आचार्य , गृहस्थ दर्पण पंचांग, कोलकाता, 23. पं.सुरेश गौड़ सनातन ज्योतिष पंचांग सुमेरपुर(राजस्थान), 24. डाॅ. विष्णु कुमार शास्त्री, के सिद्ध विजय पंचांग ,उज्जैन म.प्र., 25. केतन विद्याधर करंदीकर, महालक्ष्मी पंचांग,महाराष्ट्र, 26. पं. विनोद बिजल्वाण श्री सिद्धिदात्री पंचांग ऋषिकेश उत्तराखण्ड, 27. पं. विनोद बिजल्वाण श्री पीताम्बरा 60 वर्षीय पंचांग ऋषिकेश उत्तराखण्ड, 28. पं. रमेश द्विवेदी श्री चंडमार्तंड पंचांग जोधपुर राज., 29. ओंकार दाते, कन्नड पंचांग, सोलापूर ,महाराष्ट्र, 30. रवि शर्मा , ज्योतिष सम्राट पंचांग, जयपुर, 31. श्री मेवाड विजय पंचांग, उदयपुर, 32. श्री जय मार्तंड पंचांग, जयपुर, 33. सवाई जयपुर पंचांग, जयपुर, 34. शेखावाटी पचार पंचांग, सीकर, 35. ज्योतिष सम्राट कालदर्शक, जयपुर, 36. अखिल भारतवर्षीय पंचांग, जयपुर, 37. तिथिप्रधान छः न्याति पंचांग, बीकानेर, 38. किशोर जंत्री, जयपुर, 39. किशोर कालचक्र, जयपुर, 40. आशिष शर्मा, निर्णयसागर पंचांग, नीमच म.प्र.।

41. पंडित आशीष गौड़ श्रीधर शिवलाल पंचांग किशनगढ़ राज, 42. रमेश पण्ड्या कालचक्र पंचांग राजोद मप्र, 43. पंडित मदन व्यास अवंतिका पंचांग उज्जैन मप्र, 44. सुनील दत्त जेटली पप्पी पंचांग दिल्ली, 45. इंदुशेखर शर्मा मार्तंड पंचांग कुराली पंजाब, 46. अक्षय शर्मा श्री साकेत पंचांग बूंदी राज, 47. नवरत्न शर्मा अपराजिता पंचांग बूंदी राज, 48. आशीष शर्मा निर्णयसागर कालदर्शक पंचांग नीमच मप्र, 49. पंडित आशीष गौड़ श्रीधरी कालदर्शक पंचांग किशनगढ़ राज, 50. डाॅ. श्याम चतुर्वेदी सियाभवानी पंचांग सागर मप्र, 51. पंडित मदन व्यास धूतपापेश्वर पंचांग,उज्जैन, 52. पंडित मदन व्यास श्री विक्रमादित्य पंचांग उज्जैन, 53. महीधरी कीर्ति पंचांग , गढवाल (उत्तराखण्ड), 54. पंडित नरोत्तम पुजारी श्री गुरुधाम पंचांग सालसर राजस्थान, 55. नरनारायण, श्रीनिवासन् पंचांग, सेलं, तमिलनाडु, 56. विजयराघव, पांबु पंचांग, तंजावूर, तमिलनाडु, 57. श्री देव पंचांगम् रायपुर छत्तीसगढ, 58. श्री शिवशक्ति पंचांग जोधपुर, 59. पंडित बंशीधर ज्योतिष पंचांग, जयपुर, 60. मार्तण्ड(बटुक पंचांग) पंचांग, चंडीगढ।

61. सूर्यभास्कर पंचांग, दिल्ली, 62.आर्यभट्ट पंचांग, दिल्ली, 63. पंचांगदिवाकर, जालन्धर, 64. जि.एन. त्रिपाठी पंजिका उड़ीसा, 65. धर्मग्रंथ स्टोर पंजिका उड़ीसा, 66. कोहिनूर प्रेस पंजिका उड़ीसा, 67. रिधारमण प्रेस पंजिका उड़ीसा, 68. सारला पंजिका उड़ीसा, 69. असलि खडिरत्न पंजिका उड़ीसा, 70. भाग्यदीप प्रेस पंजिका उड़ीसा, 71. विरजा पंजिका उड़ीसा, 72. स्वामी समर्थ पंचांग , मुंबई, 73. सोमण पंचांग, मुंबई 74. केतन विद्याधर करंदीकर,श्री स्वामी गादी पंचांग, महाराष्ट्र, 75. काँची पीठ पंचांग, काँची, 76.श्रीविश्वविजय पंचांग, सोलन, 77.श्रीवाणी भूषण पंचांग, गढवाल, उतराखण्ड, 78.श्री वशिष्ठ पंचांग कैथल (हरियाणा), 79.श्री राघवेन्द्र पंचांग, जम्मू, 80. संकट मोचन पंचांग पथरिया दमोह।