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जाने दुनिया के सबसे बड़े लोकतंत्र के पहले चुनाव की गाथा

RNE, NATIONAL BUREAU .

रिंकू हर्ष ‘अवनीश’

भारत दुनिया का सबसे बड़ा लोकतंत्र है और इस लोकतंत्र में चुनाव एक पर्व है। अब तक देश में 17 लोकसभा चुनाव सम्पन्न हो चुके है और वर्तमान बिगुल 18 वीं लोकसभा के लिये बजा है।

इसी कड़ी में हम बात करते है देश के पहले आम चुनाव की :

देश में पहला लोकसभा चुनाव 25 अक्टूबर 1951 से 21 फरवरी 1952 के बीच सम्पन्न कराए गए थे और इसी के साथ ही भारत में एक नए अध्याय की शुरुआत हुई जो अनवरत चल रही है। आजादी के बाद पहला लोकसभा चुनाव करवाना किसी चुनौती से कम नहीं था देश की अधिकांश जनता अशिक्षित थी और साधनों का अभाव था। सभी पार्टियों के लिए अलग मतपेटी थी जिस पर उनके चुनाव चिन्ह चस्पा थे। इन सबके लिए करीब 2 करोड़ 12 लाख मतपेटियां तथा 62 करोड़ मतपत्र छापे गए थे। विकट परिस्थितियों में चुनाव संपन्न कराने में 4 महीनों के वक्त के साथ 68 चरण लगे।

क्या आप जानते है ?

कभी एक निर्वाचन क्षेत्र में 1 से ज्यादा सीटे हुआ करती थी।

देश के पहले लोकसभा चुनाव में 401 संसदीय क्षेत्रों में 489 सीटों के चुनाव हुआ था। जिसमें 53 राजनीतिक पार्टियां और करीब 17.3 करोड़ मतदाता थे। इस आम चुनाव में 314 संसदीय सीटें ऐसी थी जहां से एक-एक प्रतिनिधि चुनकर आते थे वहीं 86 सीटों से 2 प्रतिनिधि चुने जाते थे और एक मात्र सीट उत्तर बंगाल जहां से तीन सांसद चुने जाते थे। एक संसदीय क्षेत्र से एक से अधिक सदस्य चुनने का यह सिलसिला 1957 के लोकसभा चुनाव तक जारी रहा तथा 1962 के लोकसभा चुनाव से एक संसदीय क्षेत्र में 1 ही सीट होने लगी।

चुनाव से पूर्व हुआ चुनाव का अभ्यास :

देश की लगभग अशिक्षित जनता जो चुनाव प्रकिया से अनभिज्ञ थी उनको चुनाव प्रक्रिया से अवगत करवाने के लिये सिंतबर 1951 में नकली चुनाव के जरिए अभ्यास करवाया गया था।

17 अप्रैल 1952 को पहली लोकसभा अस्तित्व में आई :

25 अक्टूबर 1951 से 21 फरवरी 1952 के मध्य हुए। 17 अप्रैल 1952 को देश में पहली लोकसभा अस्तिव में आई जिसकी प्रथम बैठक 13 मई 1952 को आयोजित की गई । पहली लोकसभा के अध्यक्ष गणेश वासुदेव मावलंकर उपाध्यक्ष एम अनंतशयनम आयंगर थे और पहले चुनाव आयुक्त सुकुमार सेन थे।

कांग्रेस को मिला प्रचंड बहुमत :

आजादी के पहले से ही कांग्रेस पूरे देश में लोकप्रिय पार्टी इसका परिणाम देश में हुए पहले लोकसभा चुनाव में देखने को मिला। पहले आम चुनाव में कांग्रेस को 4,76,65,951 वोट मिले जो कि कुल डाले गए मत्तो का 44.99 प्रतिशत था। कांग्रेस ने 364 सीटों का प्रचंड बहुमत प्राप्त किया

जबकि भारतीय कम्युनिस्ट पार्टी को 16 सीटें, सोशलिस्ट पार्टी को 12 सीटें , किसान मजदूर पार्टी को 9 सीटें, हिन्दू महासभा को 4 सीटें, भारतीय जनसंघ और रिवोल्शनरी पार्टी को 3-3 सीटें तथा शेड्यूल कास्ट को 2 सीटों से ही संतुष्टि करनी पड़ी। इसी के साथ ही 2 सदस्य आंग्ल-भारतीय समुदाय से नामांकित हुए।