बीकानेर में विधि मंत्री मेघवाल की मौजूदगी में सीजेआई डीवाई चंद्रचूड़ के बयान से गरमाया है माहौल
आरएनई, बीकानेर।
बीकानेर हाईकोर्ट बैंच खोलने की 15 साल से चल रही मांग के पक्ष में हर महीने की 17 तारीख को राष्ट्रपति के नाम दिये जाने वाले ज्ञापन की कड़ी में इस बार भी बीकानेर के अधिवक्ताओं ने कलेक्टर के माध्यम से ज्ञापन सौंपा।
बीकानेर में हाईकोर्ट बैंच का मसला इस बार प्रदेशभर में गरमाया हुआ है। वजह, केन्द्रीय विधि मंत्री अर्जुनराम मेघवाल की मौजूदगी में हुए एक सभा में देश के सीजेआई डा.डी.वाई.चंद्रचूड़ ने हाईकोर्ट वर्चुअल बैंच के फेज-थ्री कार्यक्रम का जिक्र किया था। इसी जिक्र में बीकानेर के अधिवक्ताओं के हाईकोर्ट में सीधे वीडियो कान्फ्रेंसिंग से बहस करने का अवसर मिलने की बात भी आई। ऐसे में इसे हाईकोर्ट की वर्चुअल बैंच मानते हुए अधिवक्ताओं ने केन्द्रीय मंत्री अर्जुनराम का स्वागत भी किया।
दूसरी ओर इस मसले पर जोधपुर में अधिवक्ताओं ने जबरदस्त विरोध किया। हाईकोर्ट की पीठ को और खंडित नहीं होने देने का संकल्प लिया। राज्य के कानून मंत्री जोगाराम पटेल ने भी जोधपुर के अधिवक्ताओं की मांग का समर्थन किया। उदयपुर में भी इस मसले पर आंदोलन चल रहा है। कोटा और अजमेर में भी हाईकोर्ट बैंच की मांग उठ रही है। इन सबके बीच ही बीकानेर के अधिवक्ताओं ने इस बार भी अपनी मांग रखी। हालांकि यहां काफी अधिवक्ता अब इस बात पर आश्वस्त है कि केन्द्रीय मंत्री की मौजूदगी में सीजेआई के वक्तव्य के बाद जल्द यहां वर्चुअल बैंच की सुविधा मिल सकती है।
ज्ञापन देने वालों में ये रहे शामिल:
राष्ट्रपति के नाम कलेक्टर को ज्ञापन देने गए अधिवक्ताओं में बार एसोसिएशन बीकानेर के सचिव भंवर बिश्नोई, उपाध्यक्ष प्रहलाद जाखड़, हनुमान बिश्नोई, प्रेम बिश्नोई, आशु पारीक, जगदीश सेवग, हेमाराम जाखड़, विजयपाल शेखावत, रणवीर आचार्य, फूलचंद चौधरी, मनोज भादाणी, अनिल सोनी, नवनीत कुमार सैन, दीपक वर्मा आदि शामिल रहे।
मामला यह है:
बीकानेर में पिछले 15 वर्षों से हाइकोर्ट की बेंच की मांग को लेकर बार एसोसिएशन, बीकानेर के अधिवक्ता आंदोलनरत है। 17 अगस्त 2009 से बार एसोसिएशन, बीकानेर के तत्कालीन अध्यक्ष अजय कुमार पुरोहित के कार्यकाल में शुरू हुआ आंदोलन लगातार जारी है । हर माह की 17 तारीख को राष्ट्रपति सहित विधि मंत्री भारत सरकार को जिला कलेक्टर के माध्यम से व मुख्य न्यायाधिपति उच्च न्यायालय राजस्थान को सेशन न्यायाधीश के माध्यम से ज्ञापन दिया जाता है।