नोखा जिला हॉस्पिटल पर राजनीति : सरकार ने कहा पुनर्विचार करो, हाई कोर्ट ने स्टे दिया
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- डूडी परिवार न्यायालय पहुंचा, हाईकोर्ट ने पुनर्विचार के आदेश पर स्टे दिया
- श्रीनिवास झंवर, कन्हैयालाल झंवर, बिहारीलाल बिश्नोई ‘डूडी हॉस्पिटल’ की बजाय दूसरे प्रस्तावों के पक्ष में
RNE, NOKHA (BIKANER) .
नोखा में जिला हॉस्पिटल निर्माण का मसला राजनीतिक दांव-पेंच में उलझने लगा है। पर्वूवर्ती अशोक गहलोत सरकार के कार्यकाल में रामेश्वर डूडी परिवार की ओर से यहां हॉस्पिटल के लिए जमीन देने के साथ हॉस्पिटल निर्माण का खर्च भी वहन करने का करार किया था। इसकी घोषणा हो गई। मौके पर काम भी शुरू हो गया लेकिन सरकार बदलने के साथ इस जमीन और हॉस्पिटल के नाम पर पुनर्विचार शुरू हो गया है। कन्हैयालाल झंवर, श्रीनिवास झंवर, बिहारीलाल बिश्नोई आदि ने अलग-अलग प्रस्तावों के पक्ष में अपनी बात कहते हुए हॉस्पिटल की जगह पर पुनर्विचार का आग्रह किया था।
सरकार ने बीकानेर कलेक्टर से रिपोर्ट मांगी :
सरकार ने हॉस्पिटल निर्माण के लिए उचित जमीन को लेकर बीकानेर कलेक्टर से दुबारा रिपोर्ट मांगी है। सरकार ने बीकानेर कलेक्टर को इस ‘डूडी हॉस्पिटल’ मंजूरी से पहले और बाद में आए दूसरे प्रस्ताव शामिल भेजे। इन सबकी समीक्षा कर दुबारा रिपोर्ट देने को कहा है।
डूडी के परिवार ने कोर्ट की शरण ली :
दरअसल डूडी परिवार यहां पूर्व प्रधान जेठाराम डूडी के नाम से जिला हॉस्पिटल बनवाना चाहता है। इसके लिए 20 करोड़ रूपए लागत की 15 बीघा जमीन देने के साथ ही सरकार की ओर से दिये जाने वाले नक्शे के अनुरूप हॉस्पिटल बनाकर दे रहा था। इसी बीच सरकार की ओर से पुनर्विचार का आदेश आने पर इस परिवार ने कोर्ट की शरण ली है। रामेश्वर डूडी की पॉवर ऑफ अटॉर्नी के जरिये अतुल डूडी ने हाईकोर्ट में रिट दायर की। कोर्ट ने स्वास्थ्य निदेशक की ओर से जारी किये गए पुनर्विचार के आदेश पर स्टे दिया है।
जानिये किसने क्या कहा, प्रस्ताव दिये :
बजट घोषणा के बाद सरकारी जमीन अलॉट :
मुख्यमंत्री बजट घोषणा 2021-22 में उप जिला चिकित्सालय नोखा को जिला चिकित्सालय में क्रमोन्नत किया गया। इसके लिए भारत सरकार से पीआईपी में राशि प्राप्त हुई। तत्कालीन कलेक्टर ने नोखा मंडी के खसरा नंबर 205 रकबा 8.52 हैक्टेयर में से 2.52 हैक्टेयर जमीन भू-परिवर्तन कर 22 अक्टूबर 2021 को निशुल्क आबंटित की गई।
निर्माण के लिए तीन प्रस्ताव :
- पीआईपी में प्राप्त पैसे से इस जमीन पर हॉस्पिटल भवन का निर्माण।
- श्रीनिवास झंवर द्वारा एनएच-62 पर हॉस्पिटल के लिए जमीन देने। इसके साथ ही सहभागिता में हॉस्पिटल बनाने के लिए 10 करोड़ रूपए देने का प्रस्ताव दिया। इसके साथ ही प्रस्तावित जमीन के पास ही वीरां देवी ट्रस्ट के अपना घर में मंदबुद्धि व्यक्तियों के लिये संचालित एक वार्ड भी मनोचिकित्सा या सामान्य वार्ड के रूप में देने की पेशकश। इसके बदले में शर्त यह कि हॉस्पिटल का नाम ‘वीरां देवी रामचंद्र झंवर राजकीय जिला अस्पताल नोखा’ रखा जाए।
डूडी के प्रस्ताव को मानते हुए मंजूर कर लिया :
बीकानेर कलेक्टर से उपरोक्त तीन प्रस्तावों पर विचार कर उचित राय देने को कहा गया। ऐसे में 29 अगस्त 2023 को बीकानेर कलेक्टर ने डूडी के प्रस्ताव को उचित बताया। इस पर सरकार ने 13 सितंबर 2023 को ‘जेठाराम डूडी राजकीय जिला हॉस्पिटल, नोखा’ की मंजूरी दे दी।
कन्हैयालाल झंवर इसके खिलाफ कोर्ट में गये :
सालासर बिल्डकॉम ने भी एक जमीन और निर्माण का प्रस्ताव दिया। इसके साथ ही हाईकोर्ट में एक मुकदमा दायर कर दिया कि हमारी ओर से दी जाने वाली जमीन उपयुक्त है। उसी पर हॉस्पिटल बनाया जाये। डूडी परिवार की ओर से दी जा रही जमीन को हॉस्पिटल के अनुपयुक्त बताया। कन्हैयालाल झंवर की ओर से दायर वाद में डूडी परिवार की ओर से दी गई जमीन पर हॉस्पिटल निर्माण नहीं करवाने का आग्रह किया गया।
बिहारीलाल बिश्नोई ने भी जताई आपत्ति :
नोखा के पूर्व विधायक बिहारीलाल बिश्नोई भी इस मुद्दे पर चिकित्सा एवं स्वास्थ्य विभाग के अतिरिक्त मुख्य सचिव से मिले। बिश्नोई ने कहा, राजनीति प्रभाववश जल्दबाजी में पूर्ववर्ती सरकार ने रामेश्वर डूडी के पक्ष में स्वीकृति जारी कर दी। बिश्नोई का कहना है, डूडी के साथ हुआ एमओयू निरस्त किया जाए। डूडी की ओर से दी गई जमीन हॉस्पिटल में उपयोग के लिए बिलकुल भी उपयुक्त नहीं है।
यह कहा था सरकार ने :
स्वास्थ्य निदेशक ने इन तीनों प्रस्तावों के साथ कलेक्टर को दुबारा समीक्षा कर जिला हॉस्पिटल के लिए उपयुक्त जमीन के प्रस्ताव देने को कहा था। सरकार के इसी निर्देश के खिलाफ डूडी परिवार ने कोर्ट मंे रिट लगाई। कोर्ट ने इस आदेश पर एकबारगी स्टे दिया है।