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यू-टर्न ! पहले जींस, टी-शर्ट को अशोभनीय पोशाक बताया, फिर स्पष्टीकरण : यह सामान्य प्रशासन विभाग का इंटरनल ऑर्डर

RNE, STATE BUREAU .

लगता है राजस्थान सरकार यह तय करने में पूरी तरह कन्फ्यूज्ड है कि जींस, टी-शर्ट अशोभनीय पोशाक है या इसे फॉर्मल मान सकते हैं। यही वजह है कि पहले एक आदेश वायरल हुआ जिसमें जींस, टी-शर्ट को अशोभनीय पोशाक बताया। सरकारी कर्यालयों में इसका उपयोग नहीं करने का आदेश दिया गया। बाद में सरकार ने स्पष्टीकरण दिया कि उक्त समाचार तथ्यहीन है। ‘जींस, टी-शर्ट नहीं पहनने’ का आदेश सिर्फ सामान्य प्रशासन विभाग का इंटरनल ऑर्डर है। इसका मतलब यह कि अब यह आदेश सभी विभागों में लागू नहीं है।

सबसे पहले जानिये मामला क्या है !

दरअसल सामान्य प्रशासन विभाग के संयुक्त शासन सचिव नीतू राजेश्वर के हवाले से एक आदेश जारी हुआ जिसमें मुख्य सचिव की अध्यक्ष में हुई बैठक के निर्णयों का हवाला दिया गया। इसमें खासतौर पर यह कहा गया कि ‘सभी राजकीय कार्यालयों में’ अधिकारियों-कार्मिकों को गरिमापूर्ण पोशाक, अनुशासन, शिष्टाचार और नैतिकता की पालना सुनिश्चित की जावें। जींस, टी-शर्ट एवं अन्य अशोभनीय वेशभूषा का उपयोग नहीं किया जावे।’ यहां यह उल्लेखनीय है कि आदेश में स्पष्ट तौर पर ‘सभी राजकीय कार्यालयों में’ कहा गया।

सरकार का यू-टर्न :

बुधवार देर रात सरकार ने कुछ समाचारों का खंडन किया। इसमें कहा गया कि सभी विभागों में ‘जींस, टी-शर्ट’ पहनने का समाचार तथ्यहीन है। डीआईपीआर ने बयान में कहा, यह विभिन्न विभागों के लिए आदेश नहीं है, अपितु सामान्य प्रशासन विभाग का इंटरनल ऑर्डर है।

मायने क्या :

मतलब यह कि सरकार ने उक्त आदेश से इनकार तो नहीं किया लेकिन इसके प्रभाव को सामान्य प्रशासन विभाग के आंतरिक कार्यालयों तक सीमित रखा। दूसरे अर्थों में यह कहा जा सकता है कि सामान्य प्रशासन विभाग में काम करने वाले अगर ‘जींस, टी-शर्ट’ पहनेंगे तो वह अशोभनीय पोशाक मानी जाएगी। ऐसे में सवाल उठता है कि कोई पोशाक अगर किसी एक सरकारी कार्यालय में उचित नहीं मानी जाती तो बाकी कार्यालयों में कैसे ठीक मानी जाएगी।