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बीकानेर के इन एक्सईएन दंपति ने अपने ही घर में पूरे साल धीमी आवाज में बातें की (देखे वीडीयो)

RNE, BIKANER .

‘मैं आज इतना खुश हूं कि बता नहीं सकता। भगवान की मेहरबानी से मेरी बेटी ने मुझे इतनी बड़ी खुशी दी है। रही बात, मेरे प्रयास की तो साफ कहता हूं कि मेरा योगदान कुछ नहीं। बेटी ने अपनी सेल्फ स्टडी से यह मुकाम हासिल किया है।’

भावुक होकर एक सांस में यह बात बोल गये राजेश सोलंकी। खुशी आंखों के साथ ही उनकी आवाज से साफ झलकती महसूस हुई। बोलते-बोलते गला रूंधने लगा। फिर संयत होकर कहा, ‘हम लोग सिर्फ यही ध्यान रखते थे कि घर पर इसे अच्छा माहौल मिले। कोई डिस्टर्बेंस न हो। सालभर तक हम घर के दूसरे कमरे में भी धीमे-धीमे बात करते थे। उसका परिणाम आज भगवान ने दे दिया। मैं बहुत शुक्रगुजार हूं भगवान का।’

राजेश सोलंकी वे पिता हैं जिनकी बेटी खुशहाली ने यूपीएससी में 61वीं रैंक हासिल की है। खुद इंजीनियर और सरकारी सेवा में एक्साईएन है। बात जब खुशहाली की माता संगीता सोलंकी से हुई तो उनके होठों पर हंसी, माथे पर गर्व की लकीरे और आंखों में खुशी के आंसू दिखे।

संगीता सोलंकी बोली, ‘मै रूरल डवलपमेंट में जिला परिषद में थी। गांवों में जाकर वापस लौटती तो बेटी बहुत सवाल करती। कहती, वहां क्या करते हो! कलेक्टर कैसे काम करते हैं! क्या कहते हैं! मैं कलेक्टर्स के कामकाज अपने अनुभव के आधार पर उसे बताती। तभी से इसकी सोच डवलप हो गई कि मुझे आईएएस बनना है। आगे इसकी तैयारी थी। घर पर हमने माहौल दिया। इसने मेहनत की। भगवान की कृपा हुई और अच्छा नतीजा मिला।’