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अंग प्रत्यारोपण फर्जी एनओसी : फोर्टिस को एनओसी दिलाने वाला कर्मचारी गिर्राज पहले मणिपाल हॉस्पिटल का कर्मचारी था

  • अतिरिक्त मुख्य सचिव शुभ्रा सिंह के निर्देश पर कार्रवाई
  • प्राधिकृृत अधिकारी डॉ. रश्मि गुप्ता ने जानकारी दी
  • मणिपाल हॉस्पिटल का पंजीकरण एवं नवीनीकरण प्रमाण-पत्र भी निलंबित
  • भ्रष्टाचार निरोधक ब्यूरो एवं पुलिस कर रही प्रकरण की जांच

RNE, STATE BUREAU .

मानव अंग प्रत्यारोपण के लिए फर्जी एनओसी के मामले में जयपुर की फोर्टिस, ईएचसीसी अस्पताल के बाद अब मणिपुर हॉस्पिटल का भी रजिस्ट्रेशन सस्पेंड कर दिया गया है। चिकित्सा एवं स्वास्थ्य तथा चिकित्सा शिक्षा विभाग की अतिरिक्त मुख्य सचिव शुभ्रा सिंह के निर्देश पर बुधवार को मानव अंग एवं ऊत्तक प्रत्यारोपण की प्राधिकृत अधिकारी ने प्रकरण में संदिग्ध भूमिका के दृष्टिगत मणिपाल हॉस्पिटल, जयपुर को जारी पंजीकरण एवं नवीनीकरण प्रमाण-पत्र (फॉर्म-16 व 17) को निलंबित कर दिया।


प्राधिकृृत अधिकारी डॉ. रश्मि गुप्ता ने बताया कि मणिपाल हॉस्पिटल को मानव अंगों के प्रत्यारोपण के लिए ट्रांसप्लांट ऑफ ह्यूमन ऑर्गन एक्ट के तहत पंजीकरण एवं नवीनीकरण प्रमाण-पत्र जारी किए गए थे। विगत दिनों मानव अंग प्रत्यारोपण के लिए फर्जी एनओसी जारी होने का प्रकरण सामने आने के बाद इस मामले में फोर्टिस हॉस्पिटल से कार्मिक गिर्राज शर्मा को गिरफ्तार किया गया था। यह कार्मिक पूर्व में मणिपाल हॉस्पिटल में भी कार्यरत था।

मणिपाल हॉस्पिटल में भी मानव अंग प्रत्यारोपण के लिए एनओसी प्राप्त करने में इस कार्मिक की भूमिका सामने आई है। मणिपाल हॉस्पिटल द्वारा प्राप्त एनओसी भी संदेह के दायरे में है और भ्रष्टाचार निरोधक ब्यूरो एवं पुलिस द्वारा इस प्रकरण में जांच कार्यवाही प्रक्रियाधीन है।

इसे देखते हुए बुधवार को मणिपाल हॉस्पिटल का मानव अंग प्रत्यारोपण के लिए पंजीकरण एवं नवीनीकरण प्रमाण-पत्र निलंबित कर दिया गया है।
उल्लेखनीय है कि फर्जी एनओसी प्रकरण में इससे पूर्व जयपुर के फोर्टिस अस्पताल एवं ईएचसीसी अस्पताल का पंजीकरण एवं नवीनीकरण प्रमाण-पत्र निलंबित कर दिया गया था।