बीकानेर के तावणीया से 05 करोड़ फिरौती मांगने के मामले में मेरठ से राजू वैद को पकड़ा
- सिलीगुड़ी से पकड़े गए इनामी हार्डकोर माधव पारीक को भी प्रोडक्शन वारंट पर लेकर शुरू की पूछताछ
- श्रीडूंगरगढ के तावणिया से पांच करोड़ की फिरौती मांगने के मामले कई कड़ियां जुड़ी
- फर्जी पासपोर्ट बनाने वाले वैद के कई गैंगस्टरों से संबंध का अनुमान
आरएनई, बीकानेर।
बीकानेर पुलिस ने अपराधों की कड़ियां जोड़ते हुए देश के कई शहरों मंे दबिश देकर हार्डकोर अपराधियों को पकड़ने में सफलता हासिल की है। इतना ही नहीं अब तक पकड़े गए आरोपियों के जिस तरह के कनेक्शन सामने आ रहे हैं उससे लगता है आने वाले दिनों में कई नये और चौंकाने वाले खुलासे होंगे।
एसपी तेजस्विनी गौतम ने जिले की पुलिस की ओर से की गई बड़ी कार्रवाई की जानकारी दी है। इसमें सबसे बड़ी गिरफ्तारी राजू वैद नामक आरोपी की है। इसे बीकानेर पुलिस मेरठ से दस्तयाब कर बीकानेर लाई है। राजू वैद वह शातिर है जो गैंगस्टर के फर्जी पासपोर्ट बनाता है। बीकानेर पुलिस के इस शख्स तक पहुंचने की कहानी भी काफी रोचक है।
तावणिया से फिरौती मांगने वाले को तलाश रही थी पुलिस:
दरअसल बीकानेर के श्रीडूंगरगढ निवासी जुगलकिशोर तावणिया को फोन कर धमकाने और पांच करोड़ रूपए की फिरौती मांगने के आरोपियों को पुलिस तलाश रही थी। इसी कड़ी में सिलीगुड़ी से गिरफ्तार कर लाये गए 40 हजार के ईनामी हार्डकोर माधव पारीक से दुबारा पूछताछ हुई। पता चला कि माधव पारीक मंे सिलीगुड़ी में तावणिया की रैकी की थी।
ऐसे मंे पारीक से कड़ी पूछताछ में कई नाम सामने आते गए। इनमें दो नाम आये राहुल रिनाऊ और महेन्द्र उर्फ समीर के। ये दोनों भी गोदारा गैंग के गुर्गे होने की जानकारी मिली। इसके साथ ही एक जानकारी यह भी मिली कि इन दोनों के फर्जी पासपोर्ट राजू वैद ने बनाये हैं।
पुलिस की तकनीकी टीम ने ऑनलाइन तथा फील्ड टीम ने मौके पर कार्डिनेशन के साथ छानबीन शुरू की तो राजू वैद की लोकेशन मेरठ की आई। ऐसे में पुलिस ने मेरठ से दस्तयाब किया है। इसके साथ ही माधव पारीक को भी जेल से प्रोडक्शन वारंट पर लाया गया है।
दोनों रिमांड पर:
राजू वैद को 01 मई तक तथा माधव पारीक केा 06 मई तक रिमांड पर लिया गया है। ऐसे मंे इन दोनों से अभी कड़ी पूछताछ होने के साथ ही कई नये खुलासे होने का अनुमान है।
इस टीम की शानदार परफॉर्मेंस:
इन बड़े अपराधियों पर हाथ डालकर कब्जे में लेने के इस केस में श्रीडूंगरगढ़ थानाधिकारी इंद्रकुमार, जसरासर थानाधिकारी संदीप कुमार, सउनि रविन्द्रसिंह, दिलीप सिंह, दीपक यादव, राजूराम, श्रीराम, शिवप्रकाश, सूर्यप्रकाश, लेखराम, नरेन्द्रसिंह, राजवीर आदि की भूमिका खास रही।