एस्ट्राजेनेका ने ब्रिटेन की अदालत में स्वीकारा कि रेयर केस में वैक्सीन से हार्ट अटैक का खतरा
AstraZeneca Admits : Covishield Can Cause Rare Side Effects
भारत में इसी कंपनी के फार्मूले पर बनी कोवीशील्ड, 175 करोड़ डोज लगी
आरएनई, नेटवर्क।
दुनियाभर मंे आज जो सबसे बड़ी खबर आग की रह फैल रही है वही है यूके के कोर्ट में एस्टेªजेनिका की वह स्वीकारोक्ति जिसमें उसने माना है कि कोरोना वैक्सीन से थ्रोंबोसाइटोपीनिया हो सकता है। इस सिंड्रोम में खून के थक्के जम सकते हैं। ऐसे क्लॉट्स हार्ट की बीमारी के कारण भी बनते हैं।
बात आगे बढ़ाने से पहले यह जान लें कि एस्ट्रेजेनिका कौनसी कंपनी है। दरअसल यह वही कंपनी ने जिसके फार्मूले से भारत के पुणे मंे कोवीशील्ड नाम से वैक्सीन बनाई गई थी। इतन ही नहीं देशभर में 1756 करोड़ डोज कोवीशील्ड की लगाई गई।
हालांकि कोविड के बाद हार्ट अटैक के पेशेंट बढ़ने और कम उम्र के लोगों मंे यह बीमारी बढ़ने के बाद आशंका जताई जा रही थी कि वैक्सीनेशन से हार्ट पर असर हो सकता है। अब कंपनी की इस स्वीकारोक्ति ने इस चिंता को थोड ही सही लेकिन बल जरूर दिया है। मीडिया रिपोर्ट्स के मुताबिक हालांकि एस्ट्रेजेनेका ने कहा है कि थ्रोंबोसिस की रिपोर्टिंग बहुत रेयर यानी दुर्लभ केसेज में है।
कंपनी ने क्यूं स्वीकारी यह बात!
दरअसल ब्रिटेन में इस कंपनी के खिलाफ 51 केस लगे है। ंआरोप है कि इस वैक्सीन से कई लोगों की मौत हो चुकी है। पीड़ितों ने लगभग एक हजार करोड़ रूपए के बराबर जुर्माना मांगा है। इसी पर जवाब मंे कंपनी की ओर से ब्रिटिश हाईकोर्ट मंे डॉक्यूमेंट जमा करवाए गए हैं। इनमें माना है कि उनकी वैक्सीन से थ्रोंबोसिस थ्रोंबोसाइटोपीनिया सिंड्रोम हो सकता है।