Banswara: जिला कोषाधिकारी को स्टांप के स्टॉक में मिली बड़ी गड़बड़ी, कैशियर और वेंडर गिरफ़्तार
आरएनई,स्टेट ब्यूरो।
सूबे में एक बार फ़िर प्रशासनिक महकमे में करोड़ों रुपये का स्टांप घोटाला सामने आया है। इस मामले में एक कैशियर सहित दो जनों को हिरासत में लिया गया है। कैशियर को ज़िला कलेक्टर ने तत्काल प्रभाव से निलंबित कर दिया है। मामला बांसवाड़ा जिले का है। कुल 5.23 करोड़ रुपये का हेरफेर बताया जा रहा है।
ये है पूरा मामला
पुलिस से मिली जानकारी के अनुसार घोटाले की एफआईआर जिला कोषाधिकारी हितेश गौड़ ने कोतवाली थाने में दर्ज कराई है। रिपोर्ट में बताया गया कि 23 फरवरी को उन्होंने कोषाधिकार पद पर ज्वॉइन किया था। इसके बाद स्ट्रॉन्ग रूम में रखे स्टांप की जांच के लिए कमेटी का गठन किया गया। जांच के बाद जब कमेटी ने अपनी रिपोर्ट दी, तो सामने आया कि जो ऑनलाइन स्टॉक है और स्ट्रॉन्ग रूम में स्टांप है उनमें अंतर है।
कैशियर और वेंडर हिरासत में
पुलिस ने कैशियर और वेंडर दोनों को हिरासत में ले लिया है और आगे की जांच कर रही है। इधर जिला कलेक्टर इंद्रजीत यादव ने मीडिया से बात करते हुए कहा कि सिस्टम के अंदर दर्ज स्टांप और उपलब्ध स्टांप में अंतर है, इसको लेकर कमेटी बैठाई गई थी और जांच की गई। दोनों में अंतर पाए जाने पर कर्मचारी को निलंबित किया गया और एफआईआर दर्ज करवाई गई है। आरोप है कि कैशियर ने वेंडर के जरिए स्टांप बाजार में बेचे। फिलहाल मामले की जांच की जा रही है।