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Indonesia में ‘Cold Lava’ का कहर : 50 से ज्यादा मौतें, 250 घर, कई पुल ढहे

Indonesia में बड़ी आफत : Cold Lava ने मचाई तबाही

अभी चल रहा रेस्क्यू ऑपरेशन

RNE Network.

ज्वालामुखी के गर्म लावे से तबाही की तो देखी-सुनी होगी लेकिन पिछले तीन दिनों से Indonesia एक अलग तरह के लावे को तबाही झेल रहा है जिसे कहते हैं “Cold Lava.” इस कोल्ड लावे से तबाही का अनुमान इसी से लगाया जा सकता है कि अब तक 50 से ज्यादा मौतों की पुष्टि हो चुकी है। लगभग 250 घर और कई पुल ढह चुके हैं। अभी भी रेस्क्यू ऑपरेशन चल रहा है।

पहले जाने होता क्या है ये “Cold Lava”

ठंडा लावा, पानी और चट्टान के टुकड़ों का मिश्रण है जो ज्वालामुखी से बहता है। कोल्ड लावा को इंडोनेशिया में “लहार” के नाम से भी जाना जाता है। यह पानी, ज्वालामुखी की राख, चट्टान के टुकड़े और बर्फ के टुकड़ों का मिश्रण है, जो गीले कंक्रीट की तरह बहता है।

अब जानिये Indonesia में क्या हुआ :

इंडोनेशिया में 12-13 मई को भारी बारिश के साथ ज्वालामुखी के प्रभाव से “Cold Lava” की घटना हुई। इंडोनेशिया के सुमात्रा द्वीप में माउंट मारापी से ढलान में बहा ठंडा लावा पूरी बस्तियां निगलता चला। लगभग 50 से ज्यादा मौतें हो गई। अब तक 250 घरों को नुकसान और 16 पुल ढहने की मीडिया रिपोर्ट्स सामने आ चुकी हैं। बचावकर्मियों को अगम जिले के सबसे अधिक प्रभावित कैंडुआंग गांव में 19 शव मिले, और पड़ोसी जिले तनाह दातार में 9 शव बरामद हुए।

क्या कहते हैं वैज्ञानिक :

युनाइटेड स्टेट्स जियोग्राफिकल सर्वे (USGS) के मुताबिक, कोल्ड लावा, गीले कंक्रीट के घूमते हुए घोल जैसा दिखता है। यह लावा इमारतों, पुलों और सड़कों सहित अपने रास्ते में आने वाली लगभग किसी भी चीज़ को कुचल सकता है, दफना सकता है या अपने साथ ले जा सकता है।

USGS के मुताबिक, यह आमतौर पर ज्वालामुखी विस्फोट से जुड़ा होता है, लेकिन जब कोई विस्फोट नहीं होता है तो भी लहार आ सकता है. कभी-कभी, भारी बारिश या बर्फबारी ज्वालामुखी की राख को एक जगह से दूसरी जगह पहुंचाने का काम करती है. इसे एक घोल बना देती है।