तप रहा बीकानेर संभाग: श्रीगंगानगर 46 के पास, चूरू-जैसलमेर 45 पार, बीकानेर अधिकांश शहर 40 से आगे
RNE, BIKANER .
राजस्थान में गर्मी का प्रकोप कैसा है? सवाल का जवाब एक पंक्ति में देना हो तो सबसे सटीक जवाब लगता है-हरीश भादानी के गीत जैसा! ऐसा क्यूं? यह जानने से पहले जनकवि स्व.भादानी के इस गीत की कुछ पंक्तियां जान लीजिये :
‘थारै लांबा जोड़ूं हाथ
उनाळा थड़ी-थड़ी कर ऊभ
पगलिया ले ले रे…’
मायने यह कि उनाळा यानी गर्मी के आगे हाथ जोड़ राजस्थानी किसान, आम आदमी निवेदन कर रहा है : हे, गर्मी अब विदाई ले लो।
इतना परेशान कर रही आंधी-लू :
थारी मायड़ लू बळता खीरां सूं
सींची सारी रेत जी
थारी आंधी बैनड़ रा रोळा सुण
रूस्या रसिया खेत जी
‘लू’ को उनाळा यानी गर्मी की ‘मां’ बताते हुए कहा गया है, लू के तेवर इतने तेज हैं कि अंगारों की तरह रेत तप रही है। तुम्हारी बहिन आंधी ऐसा शोर मचा रही है कि मेरे खेत नाराज हो गए हैं यानी बंजर हो रहे हैं।
इसलिये कहा गया है कि गर्मी के तेवर हरीश भादानी के उनाळा गीत जैसे हैं। हालांकि इस गीत में किसान-मजदूर की गर्मी के दौरान ही कर्मठता को उजागर किया गया है। इसके साथ ही गर्मी के मौसम में खान-पान की नसीहतें भी गई है।
मसलन :
जे तूं बोले बैरी थारे ओळा और मखाणा घोळ दूं…
म्हारै डोवै रांधी राब, राब में मौळी-मौळी छाछ, सबड़का ले ले रे.. आदि।
अब जानिये गर्मी के तेवर :
भादानी की कविता का भाव गर्मी को पूरी तरह अभिव्यक्त कर रहा है उसका प्रमाण है गुरूवार को बीकनेर सहित राजस्थान के अधिकांश हिस्सों मंे गर्मी के तेवर। दोपहर लगभग तीन बजे तक बीकानेर संभाग के श्रीगंगानगर में तापमान 45.8 डिग्री यानी 46 के पास पहुंच गया। चूरू और जैसलमेर में भी 45 डिग्री तापमान रिकॉर्ड किया गया। बीकानेर में भी तापमान 43.4 डिग्री तक पहुंच गया। गर्म हवा के थपेड़े चेहरे को झुलसाते महसूस हुए।
अगले छह दिन लू के हालात :
मौसम विभाग के अनुमान के लिहाज से देखें तो अगले छह दिन बीकानेर में लू के हालात रहेंगे। कल यानी 17 मई से 22 मई तक तापमान 45 से 46 डिग्री के बीच रहेगा।
- 17-May 31.0 45.0 Heat Wave
- 18-May 32.0 46.0 Heat Wave
- 19-May 32.0 46.0 Heat Wave
- 20-May 32.0 46.0 Heat Wave
- 21-May 31.0 45.0 Heat Wave
- 22-May 31.0 45.0 Heat Wave
बस, ठंडक-छांव की जरूरत :
तपती दुपहरी में राहगीरों से लेकर हॉस्पिटल में आए मरीजों के परिजनों तक। रेलवे स्टेशन से लेकर बाजारों तक हर जगह लोगों की तलाश कुछ रही तो वह है, ठंडी जगह, छांव और पानी। जहां भी छांव मिली, राहगीर सुस्ताते नजर आये।