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राज्य के कांग्रेस नेता, दिल्ली- पंजाब में, स्टार प्रचारक पायलट ने अब तक की 99 सभाएं

आरएनई,बीकानेर।

राजस्थान में लोकसभा की 25 सीटों के लिए मतदान पहले व दूसरे चरण में पूरा हो गया। उसके बाद यहां के कांग्रेस नेताओं को अलग अलग राज्यों में ऑबजर्वर बनाकर भेजा गया है। देश की राजधानी दिल्ली में कांग्रेस 3 सीट पर चुनाव लड़ रही है जिसमें से दो सीट की जिम्मेवारी राज्य के नेताओं के पास है।

चांदनी चौक से कांग्रेस के जे पी अग्रवाल लड़ रहे हैं, जहां का प्रभारी पूर्व विधानसभा अध्यक्ष सी पी जोशी को बनाया है। वहीं उत्तर पूर्वी दिल्ली सीट जहां कन्हैया कुमार उम्मीदवार है, उसका जिम्मा कांग्रेस के महासचिव व स्टार प्रचारक सचिन पायलट के पास है। यूपी की अमेठी सीट का जिम्मा पूर्व सीएम अशोक गहलोत को दिया गया था।

आंकड़ों की बात करें तो कांग्रेस के स्टार प्रचारकों में सचिन पायलट ने आज तक 99 चुनाव सभाएं कर ली है। उनकी 99 वीं सभा कल शाम ग्राम दमदमा, सोहना, गुरुग्राम में हुई। इतनी चुनावी सभाएं दूसरे किसी स्टार प्रचारक ने शायद ही की हो। पायलट का चुनावी काम देखने वालों की जानकारी के अनुसार अब तक पायलट 99 चुनावी सभाओं में भाग ले चुके हैं , ये सभाएं 14 राज्यों में हुई है। देश की 51 लोकसभा सीटों पर पायलट सभाएं कर पार्टी के लिए बड़ा काम कर चुके हैं।

पायलट की चुनावी सभाएं राजस्थान, जहां वे प्रभारी हैं छत्तीसगढ़, केरल, मध्यप्रदेश, महाराष्ट्र, जम्मू कश्मीर, उत्तराखंड, उत्तर प्रदेश, आंध्र प्रदेश, दिल्ली, ओडिसा, हरियाणा, पंजाब व हिमाचल प्रदेश में हुई है। राज्य कांग्रेस में टकराहट के बाद आलाकमान की पहल पर समझौता हुआ और पायलट को सीडब्ल्यूसी का सदस्य, महासचिव व छत्तीसगढ़ का प्रभारी बनाया गया। कांग्रेस में राज्य व पायलट का कद बढ़ा है।

राज्य में कांग्रेस पिछले दो लोकसभा चुनाव से सभी 25 सीटें हार रही है मगर इस बार खाता खुलने व अच्छे प्रदर्शन की उम्मीद की जा रही है। इस तरह के बयान पायलट व गहलोत दोनों के है। लोकसभा टिकट वितरण में ये भी आईडेंटिफाई है कि किसके कहने से किसे टिकट मिली। उसी आधार पर परिणाम का भी मूल्यांकन होगा। उसी के आधार पर राज्य में कांग्रेस की सूरत व सीरत तय होती लग रही है।

पीसीसी भी उन सबका डाटा रख रही है जिनको अन्यत्र चुनावी ड्यूटी पर लगाया गया है, उसके परिणाम के आधार पर एक रिपोर्ट तैयार होगी और वो आलाकमान को दी जायेगी। दूसरी तरफ उन लोगों की भी जिलेवार सूचियां बनी है जो लोकसभा चुनाव में निष्क्रिय रहे या पार्टी उम्मीदवार के खिलाफ काम किया।

उन पर गाज गिरने की बात तो पीसीसी चीफ गोविंद डोटासरा पहले ही कह चुके हैं। चुनाव परिणाम के बाद पीसीसी चीफ पर भी निर्णय होना है। ये तय होगा कि डोटासरा को एक्सटेंशन मिलेगा या चेहरा बदलेगा, सब परिणाम पर निर्भर होगा। चुनाव परिणाम के बाद राज्य कांग्रेस में बड़े बदलाव की उम्मीद सभी कर रहे हैं।