नोखा: जिन हाथों में पेन,कॉपी होनी चाहिए वे हाथ पानी के घड़े लिए इधर से उधर भटकते नजर आ रहे
आरएनई, नोखा।
चिलचिलाती धूप ,भयंकर गर्मी में जहां ठंडी छांव में बैठकर आराम करने की सलाह चिकित्सा विभाग व सरकार आमजन को देती है। वही क्षेत्र के निवासियों को पेयजल के लिए परेशान होना पड़ता है । और चिलचिलाती, भयंकर गर्मी, धूप में सर पर पानी का गड़ा, लेकर आना पड़ता है। जिनके हाथों में पेन, कॉपी, होनी चाहिए वे हाथ पानी के घड़े के लिए इधर से उधर, उधर से इधर भटकते नजर आते हैं।
जी हां नोखा कस्बे में पिछले कई दिनों से पेयजल की किल्लत बनी हुई है। राजनीतिक शून्यता वाले इस क्षेत्र में आमजन मात्र सरकार व प्रशासन को कोसकर ही रह जाते हैं। क्योंकि उनकी सुनवाई कहीं नहीं होती। आश्वासन के अलावा कुछ भी नहीं मिलता। जलदाय विभाग के अधिकारियों के पास गर्मी के समय उत्तर तैयार रहता है कि बिजली नहीं होने के कारण पेयजल की किल्लत हो गई।
गर्मी में जल की खपत ज्यादा होने से समस्या होने लग गई व्यवस्थाओं का आलम यह है कि उपखंड के इतने बड़े क्षेत्र में सक्षम अधिकारी भी विभाग के उपलब्ध नहीं है। आधा दर्जन से अधिक ट्यूबवेल पिछले कई दिनों से खराब पड़े हैं। खरीद कर लाना होता है पेयजल…. नगर पालिका ने नोखा क्षेत्र के निवासियों को शुद्ध जल उपलब्ध हो इसके लिए आरो लगाए हुए हैं।
जहां निर्धारित शुल्क से पेयजल उपलब्ध होता है परंतु इस गर्मी में यह आरो भी कम पड़ रहे हैं। जोरावरपुरा क्षेत्र के निवासियों का तो हाल ही बे हाल है क्योंकि विभाग द्वारा 5 दिन में एक बार सप्लाई दी जाती है वह भी मुश्किल से आधा घंटा पानी सप्लाई हो पता है।
टेल पर बैठे उपभोक्ता को यह पानी नसीब भी नहीं होता। आने की उम्मीद लगा ये उपभोक्ता को कब मजबूरन आंदोलन करना पड़ जाए। यह विभाग व प्रशासन को सोचना चाहिए। समय रहते अगर इस समस्या का समाधान नहीं होता है तो कभी भी ज्वालामुखी फट सकती है।