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बड़ा सवाल : एक ही हॉस्पिटल में 21 डॉक्टर कैसे नियुक्त, सारे एक साथ अनुपस्थित क्यों ?

  • चिकित्सा शिक्षा सचिव शुभ्रासिंह ने रिपोर्ट मांगी, मेडिकल कॉलेज प्राचार्य से मिले सीएमएचओ
  • कार्यवाहक सीएमएचओ की कार्रवाई ने मचाई खलबली
  • प्रदेश के सभी हॉस्पिटलों में नियुक्त हो रहे रेजिडेंट्स की रिपोर्ट हो रही तैयार

RNE, BIKANER .

बीकानेर जिले के एक हॉस्पिटल में एक साथ 21 रेजिडेंट डॉक्टर की नियुक्ति और इनमें से 20 अनुपस्थित होने का मामला मुख्यमंत्री कार्यालय तक पहुंच गया है। सीएमओ के निर्देश पर चिकित्सा शिक्षा सचिव शुभ्रासिंह ने इस मामले की पड़ताल शुरू की है।

बीकानेर से जहां तथ्यात्मक रिपोर्ट मांगी गई है वहीं प्रदेश के सभी सरकारी हॉस्पिटलों में यह पता लगाया जा रहा है कि कहीं हर जगह ऐसे ही हालात तो नहीं है।

मामला क्या है :

दरअसल बीकानेर के कार्यवाहक सीएमएचओ डा.राजेश गुप्ता ने रविवार को जिले के कई हॉस्पिटलों का निरीक्षण किया। इसी दौरान पूगल सीएचसी पर हालात देख हैरान रह गए। वहां मेडिकल कॉलेज से 21 रेजिडेंट डॉक्टर नियुक्त थे लेकिन मौके पर महज एक ही था।

इतना ही नहीं दो दिनों से रजिस्टर में इन 20 रेजिडेंट डॉक्टर के दस्तखत नहीं थे मतलब यह कि वे अब्टसेंट थे। इस पर डा.गुप्ता ने मेडिकल कॉलेज प्राचार्य और पीबीएम हॉस्पिटल सुपरिटेंडेंट से भी बात की।

रूद्रा न्यूज एक्सप्रेस ने बताया, कैसे नियुक्त हुए डॉक्टर :

एक ही हॉस्पिटल में 21 डॉक्टर नियुक्त होने का मसला सामने आने पर रूद्रा न्यूज एक्सप्रेस ने पड़ताल की तो पता चला कि नेशनल मेडिकल कमीशन ने मेडिकल पीजी के पाठ्यक्रम में संशोधन करते हुए डिस्ट्रिक्ट रेजिडेंसी प्रोग्राम जोड़ा था। इस प्रोग्राम के तहत रेजिडेंट डॉक्टर्स को एक साल का पाठ्यक्रम पूरा होने के बाद तीन महीने के लिए जिले को हॉस्पिटलों में नियुक्ति करना है। इन तीन महीनों में जहां डॉक्टर्स को फील्ड का अनुभव मिलता है वहीं गांवों के मरीजों को भी स्पेशलिस्ट डॉक्टर की सेवाएं मिलती है।

बड़ा सवाल, एक ही हॉस्पिटल में इतने डॉक्टर क्यों ?

बीकानेर जिले की ही बात करें तो यहां तीन हॉस्पिटलों में रेजिडेंट डॉक्टर्स को नियुक्त किया गया है। इनमें से अकेले पूगल हॉस्पिटल में 21 डॉक्टर हैं। नोखा में महज एक डॉक्टर को नियुक्त किया गया है। इससे इतर कोलायत में 12 रेजिडेंट डॉक्टर्स की नियुक्ति हैं। जानकारी मिली है कि एसपी मेडिकल कॉलेज को 09 हॉस्पिटलों में डिस्ट्रिक्ट रेजिडेंसी प्रोग्राम में डॉक्टर नियुक्त करने की छूट है।

क्या कहते हैं जिम्मेदार :

हमारे यहां से डॉक्टर की नियुक्ति होती है। वे अनुपस्थित हुए हैं तो संबंधित हॉस्पिटल के प्रभारी, स्वास्थ्य विभाग के अधिकारी देखते हैं। हॉस्पिटलों में नियुक्ति भी मेडिकल कॉलेज अपनी ओर से तय नहीं करता। यह मैरिट कम च्वाइस के आधार पर होता है।

– डा.गुंजन सोनी, प्राचार्य एसपी मेडिकल कॉलेज

निरीक्षण में जो स्थितियां सामने आई थी उसके बारे में रिपोर्ट बनाकर सरकार को भेज दी है। मेडिकल कॉलेज प्राचार्य से मिलकर इस बारे में बात भी की है। आग्रह किया है कि अगले तीन महीनों में जब भी डॉक्टर्स की नियुक्ति हो तो वह सभी हॉस्पिटलों में जरूरत के मुताबिक समान रूप से हों। प्राचार्य ने इस संबंध में हमसे रिक्वायरमेंट की लिस्ट भी मांगी है। हम जल्द ही उन्हें उपलब्ध करवाएंगे।

डा.राजेश गुप्ता, सीएमएचओ बीकानेर

असर :

आज पहुंच गए सभी डॉक्टर :

कार्यवाहक सीएमएचओ की कार्रवाई का असर यह है कि पिछले दो दिन एक हॉस्पिटल से नदारद 20 रेजिडेंट आज ड्यूटी पर पहुंच गए हैं। इसके साथ ही अब सभी हॉस्पिटलों में नियुक्त रेजिडेंट डॉक्टर्स की भी उपस्थिति के बारे में जानकारी ली जा रही है।