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एक साल से जल रहा मणिपुर शांति की राह देख रहा इसे प्राथमिकता के आधार पर निपटाना हमारा कर्तव्य है

  •  चुनाव सहमति बनाने की प्रक्रिया है
  • देश की समस्याओं पर विचार करना होगा
  • मणिपुर पर विशेष फोकस

RNE, NATIONAL BUREAU .

राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ प्रमुख मोहन भागवत जी ने कहा है कि एक साल से जल रहा मणिपुर शांति की राह देख रहा है। इस पर प्राथमिकता से विचार होना चाहिए।
नागपुर में आरएसएस के कार्यकर्ता विकास वर्ग के द्वितीय समापन समारोह को संबोधित करते हुए भागवत ने ये बात कही है। लोकसभा चुनाव परिणाम आने के बाद ये उनकी पहली प्रतिक्रिया सामने आई है।

अपने संबोधन में भागवत जी ने कहा कि काम करें, पर मैंने किया, इसका अहंकार न पालें, वही सही सेवक है। संघ प्रमुख के इस संबोधन को केंद्र सरकार को संदेश के रूप में देखा जा रहा है। भागवत ने कहा कि चुनाव सहमति बनाने की प्रक्रिया है।

चुनाव प्रचार में एक दूसरे को लताड़ना, तकनीक का दुरुपयोग, असत्य प्रसारित करना ठीक नहीं है। चुनाव के आवेश से मुक्त होकर देश के सामने उपस्थित समस्याओं पर विचार करना होगा।

भगवान ने सबको बनाया है
संघ प्रमुख ने कहा कि हजारों वर्षों से जो पाप हमने किया उसका प्रक्षालन करना होगा। भगवान ने सबको बनाया है। भगवान की बनाई कायनात के प्रति अपनी भावना क्या होनी चाहिए, सोचना पड़ेगा। समय के प्रवाह में जो विकृति आयी है, उसे हटाना होगा।

भागवत जी ने कहा कि मत अलग हो सकते हैं, तरीके अलग हो सकते हैं, लेकिन हमें इस देश को अपना मानकर , उसके साथ भक्तिपूर्ण सम्बंध स्थापित कर , इस देश के सभी बेटे अपने भाई हैं, ये जानकर व्यवहार करना पड़ेगा।