लघु एवं सीमांत महिला कृषकों को निःशुल्क दिये जाएंगे 62 हजार मिनीकिट
आरएनई, बीकानेर।
कृषि विभाग द्वारा बुधवार को सहायक निदेशक (कृषि) विस्तार कार्यालय सभागार में मासिक तकनीकी कार्यशाला आयोजित की गई। इसमें जिले के समस्त सहायक कृषि अधिकारी, कृषि पर्यवेक्षक व प्रगतिशील किसान उपस्थित रहे। संयुक्त निदेशक (कृषि) विस्तार कैलाश चौधरी ने बताया कि जिले के लघु एवं सीमांत महिला किसानो को 62 हजार 100 मिनी किट निःशुल्क उपलब्ध करवाये जाने हैं। इसके लिए फील्ड फंक्शनरीज को निर्देशित किया गया है कि विभागीय दिशा-निर्देशानुसार तय कमेटी की अध्यक्षता में किसानों के मोबाईल नं. व खसरा नं. प्राप्त करें और कृषक के जनआधार कार्ड के माध्यम से राजकिसान साथी पोर्टल का उपयोग करते हुए शत-प्रतिशत ऑनलाईन वितरण किया जाए।
उन्होंने बताया कि मोठ किस्म आरएमओ-2251, बाजरा एचएचबी-299 व मूंग एमएच-421 के 35 हजार, 20 हजार 500 व 6 हजार 600 सहित कुल 62 हजार 100 मिनीकिट किसानों को उपलब्ध करवाये जाने हैं। सहायक निदेशक भैराराम गोदारा ने कृषि विभाग के प्रतिनिधियों को कृषि विभागीय योजनाओं की जानकारी दी एवं मानसून सत्र के मध्यनजर अधिक से अधिक पौधारोपण के लिये प्लान तैयार रखने हेतु निर्देशित किया। सहायक निदेशक अमर सिंह ने कृषि पर्यवेक्षको को उनकी डेली डायरी अपडेट कर 7 दिवस में प्रस्तुत करने के निर्देश दिए। उन्होंने कहा कि कृषि पर्यवेक्षक निरन्तर, क्षेत्र में रहकर किसानों को विभागीय योजनाओ की जानकारी के साथ योजना क्रियान्वयन पर ध्यान देवे।
सहायक निदेशक प्रदीप चौधरी ने बताया कि कृषि पर्यवेक्षक, किसानों से बेहतर समन्वय कर अधिक से अधिक वाॅटसअप ग्रुप बनाएं और अधिक से अधिक संख्या में किसानों की भागीदारी सुनिश्चित करें। कृषि अधिकारी मुकेश गहलोत ने उद्यान विभाग की विभिन्न योजनाओं की जानकारी दी व निर्देश दिये कि वे जिले में इच्छुक पात्र किसानों के यहां फल बगीचा अनार, खजूर, नीम्बू वर्गीय फसल इत्यादि अनुदान पर लगाने के लिए अधिक से अधिक पत्रावलियां तैयार करवा राज मासिक पोर्टल पर आवेदन करवाएं, जिससे फल बगीचा स्थापना पर देय अनुदान का लाभ किसानों को व्यापक रूप से मिल सके।
तकनीकी कार्यशाला में कृषि विभागीय अधिकारी महेन्द्र प्रताप, रमेश भाम्भू, लालचंद सारण, बलराम स्वामी, मामराज मेघवाल, चन्द्रमोहन पुरोहित, कांता मूण्ड, सोनिया, कुसुम, रामकुमार, भैराराम, लक्ष्मण सिंह, इत्यादि उपस्थित रहे। कार्यशाला का संचालन कृषि अधिकारी मुकेश गहलोत ने किया।