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बजट पर लोगों की राय में ओपीएस का मुद्दा बड़ा, फ्री बिजली पर भी दबाव, सरकार असमंजस में

आरएनई,स्टेट ब्यूरो।

राजस्थान की सोहलवीं विधानसभा का दूसरा सत्र 3 जुलाई से आरम्भ हो रहा है। दो दिन विधायी कार्य होंगे और सदन स्थगित हो जायेगा। सत्र का दूसरा चरण 10 जुलाई से आरम्भ होगा तब राज्य का बजट भी रखा जायेगा। परंपरा के अनुसार मुख्यमंत्री भजनलाल शर्मा बजट पेश होने से पहले अलग अलग वर्गों से बजट पर सुझाव लेंगे। युवाओं, व्यवसायियों, बुद्धिजीवियों आदि से बात करेंगे। किसानों से भी चर्चा करेंगे। उसके आधार पर सरकार बजट प्रावधान करेंगे।

इससे पूर्व सीएम ने पोर्टल पर आम लोगों से भी बजट पर सुझाव मांगे। लोगों ने हजारों की संख्या में सुझाव भी दिए हैं। इनमें सबसे अधिक सुझाव ओपीएस यानी ओल्ड पेंशन स्कीम को लेकर भी दिए गए हैं। इस मुद्दे को कांग्रेस ने चुनावी मुद्दा भी बनाया था। हालांकि वो चुनाव हार गई। मगर लाखों सरकारी कर्मचारी व पेंशनधारी इस मुद्दे से जुड़े हुए हैं। वे पुरानी पेंशन स्कीम लागू रखने के पक्ष में है। पिछली सरकार ने उनको ये सुविधा दी थी।

ओल्ड पेंशन स्कीम इस समय हर राज्य का व केंद्र का मुख्य मुद्दा बना हुआ है। केंद्र सरकार के कर्मचारी तो इस मसले पर दिल्ली में दो बार प्रदर्शन भी कर चुके हैं। वे इसे अपना हक मान रहे हैं। इस बात पर सभी कर्मचारी संगठन राज्य से केंद्र तक एक है। ये सरकार के लिए गंभीर मुद्दा है इसी कारण नई केंद्र सरकार ने भी इस पर विचार आरम्भ किया है और वो इस पर आंध्रा का पैटर्न कुछ परिवर्तनों के साथ लागू करने पर विचार भी कर रही है।

राज्य में भी ये मुद्दा बड़ा है, इसका अहसास सरकार को है। सोहलवीं विधानसभा के पहले सत्र में 8 विधायकों ने ओपीएस को लेकर सवाल पूछे थे मगर लोकसभा चुनाव को निकट देखते हुए सरकार की तरफ से कोई जवाब इन विधायकों को नहीं दिया गया। सरकार इस पर असमंजस में साफ दिख रही है। केंद्र के निर्णय के अनुसार ही राज्य सरकार भी कुछ निर्णय करेगी, ये तो अब आभास होने लग गया है। ये मुद्दा टालने की स्थिति नहीं है। बजट सुझावों से ये बात स्पष्ट हो गई है।

इसके अलावा फ्री बिजली का विषय भी बजट सुझावों में जनता ने उठाया है। पिछली सरकार ने घरेलू उपभोक्ताओं व किसानों को फ्री बिजली देना शुरू किया था। उसकी निरंतरता चाहते हैं लोग। इस पर भी राज्य सरकार अभी तक असमंजस में है। अभी बिजली की कमी है और राज्य सरकार को बिजली महंगी दर पर खरीदनी पड़ रही है।

फिर भी लोगों की भावना उसे पता है। तभी तो सरकार ने फ्यूल चार्ज बढ़ाया है। फ्री बिजली, ओपीएस पर बजट में क्या रहता है, इस पर अधिकतर लोगों की निगाहें है। सरकार भी इस विषय में फूंक फूंककर कदम रख रही है और बोलने से बच रही है। बजट में ही इनका खुलासा होगा।
— मधु आचार्य ‘ आशावादी ‘