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बीकानेर के एसपी मेडिकल कॉलेज में मंत्री सुमित गोदारा ने सभी विभागाध्यक्षों से की बात, जरूरतें जानीं

  • ट्रोमा सेंटर में तुरंत मिले उपचार, डाक्टर-नर्सेज एप्रिन में रहे, नाम पट्टिका लगाकर रखें

आरएनई, बीकानेर।

कैबिनेट मंत्री एवं लूणकरणसर विधायक सुमित गोदारा ने डॉक्टर्स से दो टूक कहा है कि वे मरीजों को सेवाएं देने में कोई कमी नहीं रखें। उनके साथ अच्छा व्यवहार करें। जितने भी संसाधन चाहिए वे मुझे बताएं। मैं चिकित्सा मंत्री से लेकर मुख्यमंत्री तक से बात करूंगा। हर संभव संसाधन जुटाऊंगा।

यह सार है शनिवार को मेडिकल कॉलेज में चली मैराथन मीटिंग की। मंत्री गोदारा ने इस मीटिंग में मेडिकल कॉलेज प्राचार्य डा.गुंजन सोनी, सुपरिटेंडेंट डा.पी.के.सैनी  से लेकर सभी विभागाध्यक्षों, नर्सिंग प्रतिनिधियों तक से बात की। इस दौरान डॉक्टर्स, नर्सेज ने जमकर जरूरतों का ब्यौरा रखा वहीं गोदारा ने ट्रोमा सेटर में अव्यवस्थाओं को लेकर अपने अनुभव बताए।

कहा, वहां इमरजेंसी में मरीज पहुंचता है। कई बार डेंटिस्ट नहीं होता, कई बार रेडियोलॉजिस्ट नहीं होता। ज्यादातर यह पता नहीं चलता कि डॉक्टर कौन है, नर्सिंगकर्मी कौन है। ऐसे में जरूरी है कि सभी एप्रिन में रहें। एप्रिन पर अपने नाम और पद की पट्टिका लगाए रखें। सबसे जरूरी बात यह है कि पूरे सेवाभाव के साथ मरीजों का उपचार करें।

बजट से पहले जरूरतों का ब्यौरा जानने का तरीका :

दरअसल गोदारा ने राज्य बजट से पहले एसपी मेडिकल कॉलेज और पीबीएम हॉस्पिटल में जरूरतों का ब्यौरा जानने के लिये यह मीटिंग रखी थी। इसका मकसद यह था कि बेहतर सेवाएं देने के लिए जो भी संसाधन चाहिये वे बताएं ताकि समय पर सूचीबद्ध उन्हें उपलब्ध करवाया जा सके।

सबसे ज्यादा जरूरत फेकल्टी-स्टाफ की:
मीटिंग में सबसे ज्यादा जरूरत डॉक्टर्स और स्टाफ की सामने आई। लगभग हर विभाग में डॉक्टर्स की कमी बताई गई। इसके साथ ही नर्सेज ने भी लगातार बढ़ रहे विभागों की तुलना में नर्सिंगकर्मियों के पदों में बढ़ोतरी नहीं होने से काम प्रभावित होने की बात कही।

प्राचार्य डा.सोनी ने बताई उपलब्धियां:
मेडिकल कॉलेज प्राचार्य डा.गुंजन सोनी ने कॉलेज-हॉस्पिटल में अब तक हुए काम बताये। लगातार चल रहे निर्माण कार्य और सेवाओं में की जा रही बढ़ोतरी का भी ब्यौरा दिया। डा.सोनी ने कहा, जितने संसाधन उपलब्ध है उनका अधिकाधिक उपयोग करते हुए बेहतर सेवाएं देने का प्रयास कर रहे हैं।

ये जरूरतें आई सामने:

  • कार्डियोलोजी विभाग में दो एसोसिएट और एक असिस्टेंट प्रोफेसर का पद खाली। यहां एक और कैथलैब की जरूरत।
  • गेस्ट्रो और सिटी सर्जरी में पोस्ट खाली होने से सर्जरी प्रभावित।
  • न्यूरोलोजी में भी कैथलैब की जरूरत।
  • ट्रोमा में डेंटिस्ट की नियमित ड्यूटी लगाने की जरूरत।
  • लगातार नये विभाग खुल गए। एनस्थिसिया एक्सपर्ट को हर ओटी में पहुंचना होता है। ऐसे में पोस्ट बढ़ाने की जरूरत।
  • नर्सिंग कर्मचारियों की कमी होने से काम की गुणवत्ता प्रभावित हो रही है। इनके पद भी मंजूर करने और बढ़ाने की जरूरत।