ऐसे थे भंडारी : दो बार राज्यसभा सदस्य बने, तीसरी बार खुद मना कर दिया
Bikaner BJP : सुन्दर सिंह भंडारी स्मृति सभा, मेघवाल वक्ता, विजय आचार्य की अध्यक्षता
सुंदरसिंह भण्डारी को याद किया, अर्जुनराम ने जीवन प्रसंग सुनाये
RNE Bikaner.
सुंदरसिंह भंडारी के प्रयास से 1952 के पहले चुनाव में राजस्थान से जनसंघ के आठ विधायक जीते। वे 1966 से 1972 तक राजस्थान से राज्यसभा सदस्य रहे। आपातकाल के विरुद्ध हुए संघर्ष के दौरान उन्हें जेल हुई और जेल से ही वे राज्यसभा के लिए निर्वाचित हुए। दो बार राजस्थान से राज्यसभा में भेजा गया। तीसरी बार उन्होंने यह कहकर मनाकर दिया कि अब किसी अन्य कार्यकर्ता को अवसर मिलना चाहिए।
जनसंघ और भाजपा के संस्थापक सदस्य, नेता सुंदरसिंह भंडारी के बारे में यह कथन है बीकानेर सांसद एवं केंद्रीय मंत्री अर्जुनराम मेघवाल का। मेघवाल आज बीकानेर में भंडारी की पुण्यतिथि पर हुई श्रद्धांजलि सभा को संबोधित कर रहे थे। शहर भाजपा अध्यक्ष विजयकुमार आचार्य ने इस सभा की अध्यक्षता की। मंत्री मेघवाल ने कहा, भाजपा का आज जो वटवृक्ष दिखता है, उसकी बुनियाद स्वर्गीय सुंदर सिंह भंडारी जैसे महापुरुषों ने डाली है।
सादगी ऐसी :
भंडारी की सादगी और राजनीति में शुचिता को हमेशा याद रखा जाएगा। वे ऐसे शख्स थे जो राज्यपाल बनने के बावजूद अपनी धोती खुद धोते थे। ऐसे में राजनीति जीवन में कितनी सादगी रखते रहे होंगे इसका अंदाजा आसानी से लगाया जा सकता है।
भंडारी का व्यक्तित्व-कृतित्व :
- जन्म 12 अप्रैल 1921 को उदयपुर में डॉ. सुजान सिंह के घर।
- निधन 22 जून 2005 को हुआ।
- 1942 में मेवाड़ कोर्ट में वकालत की।
- 1946 में आरएसएस के प्रचारक बने।
- प्रचारक के तौर पर सबसे पहले जोधपुर विभाग का काम मिला।
- 1948 के प्रतिबंध काल में जोधपुर,बीकानेर, शेखावाटी में सत्याग्रह संचालन।
- राजस्थान में जनसंघ के संगठन मन्त्री रहे।
ये रहे मौजूद :
श्रद्धांजलि कार्यक्रम में विधायक जेठानंद व्यास, ताराचंद सारस्वत, महापौर सुशीला कंवर राजपुरोहित, उपमहापौर राजेंद्र पंवार, ओबीसी मोर्चा प्रदेशाध्यक्ष चंपालाल गैदर, पूर्व विधायक बिहारीलाल विश्नोई, प्रदेश कार्यकारणी सदस्य सत्यप्रकाश आचार्य, मुमताज अली भाटी, पूर्व जिलाध्यक्ष गोपाल गहलोत, अखिलेश प्रताप सिंह, महामंत्री मोहन सुराणा, नरेश नायक, श्याम सुंदर चौधरी, श्याम सुंदर पंचारिया, महेश मूंड उपाध्यक्ष, हनुमान सिंह चावड़ा, गोकुल जोशी, विजय उपाध्याय, किशन गोदारा, जितेंद्र रजवी, आनंद सिंह भाटी, संवाई सिंह तंवर, हनुमान बेद, भगवान सिंह मेड़तिया, मंत्री मनीष सोनी, महेश व्यास, रामनिवास कसवा, भारती अरोड़ा, कमल आचार्य, नरसिंह सेवग, विनोद करोल, चंद्रप्रकाश गहलोत, संपत पारीक, सुमन छाजेड़, सुमन जैन कर्नल हेम सिंह, पंकज अग्रवाल, भूपेंद्र शर्मा, मोती सिंह राठौड़, गोपाल अग्रवाल, राजेश गहलोत आदि शामिल रहे।