आने वाले हैं खिड़किया पाग वाले : शाम को निकलेगी बारातें, दिनभर खीरोड़ा, मायरा
मायरा, खीरोड़ा, अन्न-जल पूजापा शुरू, आने वाली हैं बारातें
आरएनई,बीकानेर।
बीती पूरी रात बीकानेर शहर परकोटे में पुष्करणा सावे की धूम रही। शाम गहराते ही बीकानेर शहर के परकोटे के लगभग हर चौक में ‘ओम ना सूं सी सा, ओम बिरखा भोम…’ गूंजने लगा। किसी तरफ से केसरिया कुर्ता पहना दूल्हा गाड़ी में बैठकर जा रहा था साथ वाले उद्घोष की तरह इसे लय में गा रहे थे। इसी तरह दुल्हन के साथ जा रहे परिजन यही ‘मंत्र’ दोहराते दिखे। दरअसल यह बीकानेर के पुष्करणा समाज में निभाई जाने वाली खास रस्म है जिसे कहते हैं ‘छींकी’। यह ऐसी रस्म है जिसमें पहली बार दूल्हा-दुल्हन ससुराल के दरवाजे तक जाते हैं। इसी रस्म में दोनों की सास उन्हें ‘पोखती’ है।
आज दिनभर ये आयोजन :
आज शाम को बारातें निकलेगी। खासतौर पर वे बारातें आकर्षण का केंद्र होगी जिसमें खिड़किया पाग वाले दूल्हों को देखने लोग जुटेंगे। इससे पहले सुबह से ही ब्याह की कई खास रस्मों की रमक-झमक दिखी। इनमें बीरा ‘रमक झमक होय आयजो…‘ गाते हुए दूल्हे-दुल्हन के घर ननिहाल से पहुंचता मायरा और ‘नौ मण मिसरी घोल, बीरोजी ने शर्बत पावे ए…के बीरो म्हारो आयो ए…’ गाते हुए बीरो का स्वागत करती बहिनें नजर आई। दोपहर होते-होते ‘खीरोडों’ के साथ दूल्हे के घर पहुंचने लगे बेटी वाले। तेज आवाज में दोनों ओर से शुरू हुआ गोत्राचार। इसकी साथ गूंजे सगा-सगी के गीत। इसके साथ ही अन्न-जल पूजापा जैसी रस्में निभाई और शुरू हो गई बारातों की तैयारी।