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फोन टैपिंग का जिन्न फिर बाहर, गहलोत घिरे तो डोटासरा ने सरकार पर जड़े आरोप

RNE, State Bureau 

राजस्थान में फोन टैपिंग का जिन्न एक बार फिर से अपना खोल छोड़कर बाहर निकल आया है। एक ऑडियो सोशल मीडिया पर तीन दिन से वायरल हो रहा है जिसमें कहा जा रहा है कि ये कथित रूप से अशोक गहलोत व उनके उस समय के ओएसडी लोकेश शर्मा का है। समय वो है जब गहलोत व सचिन पायलट के मध्य तकरार थी और वे अपने विधायकों के साथ गहलोत से अलग हो गये थे।

इस कथित ऑडियो में ओएसडी को फोन नष्ट करने सहित अनेक बातें कही गई है। ऑडियो सही है या गलत, ये जांच से स्पष्ट होगा। उस पर अभी कुछ भी कहना सम्भव नहीं। मगर दो बड़ी बातें इस वायरल ऑडियो से जरूर सामने आयी है। पहली तो ये कि उस टकराहट के समय सचिन ने ये आरोप भी लगाया था कि उनके व साथियों के फोन टेप किये जा रहे हैं। खूब हल्ला उस समय मचा था। बात कांग्रेस आलाकमान तक भी पहुंची थी। मगर गहलोत सरकार की तरफ से कहा गया कि किसी भी तरह की फोन टैपिंग नहीं हुई है।

गहलोत व पायलट की टकराहट में फोन टैपिंग भी एक मुद्दा बना था उस समय। बाद में यानी सरकार बदल जाने के बाद गहलोत के ओएसडी लोकेश शर्मा ने कई आरोप जडते हुए कुछ खुलासे भी विधानसभा चुनाव से पहले प्रेस के सामने किये। समय के साथ उनकी आवाज धीमी हो गई मगर इस नये कथित ऑडियो के आने के बाद ये जिन्न फिर से बाहर आ गया है।

कथित ऑडियो के बाहर आते ही पीसीसी चीफ गोविंद डोटासरा ने वर्तमान सरकार पर फोन टैपिंग का आरोप भी लगा दिया है। लोकतंत्र में यदि नेताओं के फोन टेप किये जाते हैं तो उसे उचित तो नहीं ठहराया जा सकता। इसलिए इन मामलों की एक स्वतंत्र एजेंसी से जांच होनी चाहिए। ताकि इस नाम पर भद्दी राजनीति न हो।

नये कथित ऑडियो की बात भी अब दूर तलक जायेगी। इसे कुछ लोग कांग्रेस की अंदरूनी राजनीति का हिस्सा मान रहे हैं। आडियो सही है या गलत, इसका तो निर्णय होना ही चाहिए, साथ ही ये भी स्पष्ट होना चाहिए कि इस समय इसे जारी किसने किया ? बहरहाल, फोन टैपिंग का जिन्न एक बार फिर राज्य की राजनीति में बाहर जरूर निकल आया है।

 


— मधु आचार्य ‘ आशावादी ‘