Anand Pal Encounter : कोर्ट ने सीबीआई की क्लोजर रिपोर्ट नहीं मानी, हत्या सहित अन्य धाराओं में केस का आदेश
- फेक था आनंदपाल एनकाउंटर ?
- चुरू एसपी बारहठ सहित सात पर हत्या का मुकदमा चलेगा
- 24 जून, 2017 को चूरू के मालासर में हुआ था एनकाउंटर
- केंद्र सरकार ने एनकाउंटर की जांच सीबीआई को सौंपी थी
- सीबीआई ने 31 अगस्त, 2019 को क्लोजर रिपोर्ट दाखिल की
- आनंदपाल की पत्नी राज कंवर ने प्रोटेस्ट याचिका पेश की थी
RNE Network. Jodhpur.
देशभर में सुर्खियां बटोर चुका गैंगस्टर आनंदपाल एनकाउंटर मामला सात साल बाद एक बार फिर चर्चा में आ गया है। इस पूरे मामले में एनकाउंटर पर सवालिया निशान लग गया है। कोर्ट ने एनकाउंटर में शामिल तत्कालीन एसपी सहित सात पुलिसकर्मियों पर हत्या सहित अन्य धाराओं में केस चलाने का आदेश दिया है।
ऐसे में अब बहुचर्चित आनंदपाल सिंह एनकाउंटर प्रकरण में चूरू जिले के तत्कालीन पुलिस अधीक्षक राहुल बारहठ सहित सात पुलिसकर्मियों के खिलाफ हत्या व अन्य धाराओं में केस चलेगा।
सीबीआई की क्लोजर रिपोर्ट खारिज :
अतिरिक्त मुख्य न्यायिक मजिस्ट्रेट (सीबीआई प्रकरण), जोधपुर महानगर ने बुधवार को सीबीआई की ओर से दायर क्लोजर रिपोर्ट अस्वीकार कर दी तथा आरोपी पुलिसकर्मियों के खिलाफ प्रसंज्ञान लेते हुए नियमित फौजदारी प्रकरण दर्ज करने का आदेश पारित किया। गैंगस्टर आनंदपाल सिंह की 24 जून, 2017 को चूरू जिले के मालासर गांव में पुलिस एनकाउंटर में मौत हो गई थी। विरोध प्रदर्शनों को देखते हुए राज्य सरकार की अनुशंसा पर केंद्र सरकार ने एनकाउंटर की जांच सीबीआई को सौंपी थी। सीबीआई ने प्रकरण की जांच करने के बाद 31 अगस्त, 2019 को कोर्ट में क्लोजर रिपोर्ट दाखिल की। हैरानी की बात यह है कि एनकाउंटर मामले की जांच के बाद सीबीआई ने क्लोजर रिपोर्ट सबमिट कर दी थी। कोर्ट ने इसे अस्वीकार कर दिया है।
पत्नी ने दाखिल की थी याचिका :
आनंदपाल की पत्नी राज कंवर ने प्रोटेस्ट याचिका पेश की थी। प्रोटेस्ट याचिका पर प्रसंज्ञान आदेश पारित करते हुए पीठासीन अधिकारी युवराज सिंह ने चूरू के तत्कालीन एसपी बारहठ सहित कुचामन सिटी के तत्कालीन वृत्त अधिकारी विद्या प्रकाश, पुलिस निरीक्षक सूर्यवीर सिंह, हेड कांस्टेबल कैलाश चंद्र, कांस्टेबल सोहन सिंह, धर्मपाल एवं धर्मवीर के खिलाफ भारतीय दंड संहिता की धारा 147, 148, 302, 326, 325, 324 सहपठित धारा 149 के तहत अपराध का प्रसंज्ञान लिया।
माना आनंदपल इनामी बदमाश था लेकिन..
कोर्ट ने कहा, यह सही है कि आनंदपाल सिंह इनामी बदमाश था। उस पर विभिन्न आपराधिक प्रकरण दर्ज थे एवं पकड़े जाने से पूर्व उसने पुलिस बल पर फायर भी किया था, लेकिन इसके बाद पकड़े जाने के उपरांत उसकी हत्या को उचित नहीं माना जा सकता।
सात साल बाद फिर आईपीएस राहुल बारहठ की मुश्किलें बढ़ी:
आईपीएस राहुल बारहठ की सात साल बाद एक बार फिर मुश्किलें बढ़ सकती हैं। फिलहाल मुंबई में डेपुटेशन पर तैनात राहुल बारहठ मूल रूप से गुजरात के हैं। वह 2007 के राजस्थान कैडर के भारतीय पुलिस सेवा के अधिकारी हैं। वह 24 जून 2015 से 23 जुलाई 2018 तक चूरू पुलिस अधीक्षक (एसपी) के पद पर तैनात रहे थे। इसी दौरान गैंगस्टर आनंदपाल एनकाउंटर मामला हुआ। वे बीकानेर में थर्ड आरएसी में भी रहे। राजस्थान में जालोर, बाड़मेर और झालावाड़ जिले के भी एसपी रहे।