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बाजरा खरीद सवाल पर मंत्री सुमित गोदारा का जवाब, पक्ष-विपक्ष में जमकर आरोप-प्रत्यारोप

  • सुमित गोदारा के जवाब पर बवाल, सीएम भजनलाल पक्ष में उतरे, कहा-गोदारा सही बोले!
  • बयाना की विधायक ऋतु बनावत के सवाल पर हुआ हंगामा

RNE Network. 

राजस्थान विधानसभा में शुक्रवार को बाजरा की समर्थन मूल्य पर खरीद से जुड़े एक सवाल पर मंत्री सुमित गोदारा की ओर से दिये गये जवाब के बाद सदन मंे हंगामा हो गया। पक्ष-विपक्ष दोनों एक-दूसरे पर किसानों की अनदेखी की आरोप लगाने लगे। सदन मंे मौजूद मुख्यमंत्री भजनलाल शर्मा ने हस्तक्षेप करते हुए गोदारा के जवाब को पूरी तरह सटीक बताया। विपक्ष को नसीहत दी कि वे सवाल करने हैं तो जवाब सुनने की जिम्मेदारी भी निभाएं। साथ ही वादा किया कि बाजरा पैदा करने वाले किसानों को सरकार मदद करेगी।

मामला यह है:

दरअसल बयाना की निर्दलीय विधायक रितु बनावत ने बाजरे की समर्थन मूल्य पर खरीद से जुड़ा प्रश्न किया। इसमें पूछा कि वर्ष 2022 से 2024 के बीच समर्थन मूल्य पर बाजरे की कितनी खरीद हुई! खाद्य एवं नागरिक आपूर्ति मंत्री सुुमित गोदारा ने जवाब दिया कि खरीद नहीं हुई। प्रश्न का अगला हिस्सा था कि 2024 में बाजरा फसल की कितनी खरीद का लक्ष्य तय किया गया है। इसका जवाब भी यही था कि समर्थन मूल्य पर खरीद का लक्ष्य निर्धारित नहीं किया गया है। ऐसे में पूरक प्रश्न आता और उसका जवाब दिया जाता उसके बीच कांग्रेसी सदस्यों ने हंगामा खड़ा कर दिया। आरोप लगे कि प्रधानमंत्री ने बाजरा को ‘श्रीअन्न’ बताया और भाजपा ने घोषणा-पत्र में बाजरा की समर्थन मूल्य पर खरीद की घोषणा की थी।

हंगामे के बीच गोदारा ने भी जवाबी हमला किया और कहा, आपने पांच साल में बाजरा नहीं खरीदा। हमने बाजरा खरीद के लिए सवाल उठाये तो कहा, प्रक्रिया नहीं हो रही है। हालांकि गोदारा ने इस बीच कहा कि सरकार ने केन्द्र को बाजरा खरीद के लिए पत्र लिखा है लेकिन वह जानकारी हंगामे की भेंट चढ़ गई। दोनों पक्ष एक-दूसरे पर छींटाकशी करते नजर आये।

सीएम भजनलाल बोले, मंत्री का जवाब सही,

सदन में मौजूद मुख्यमंत्री भजनलाल शर्मा ने प्रश्नकाल समाप्ति की घोषणा के साथ इस मसले में हस्तक्षेप करते हुए वक्तव्य दिया। कहा, ये सदन है, सदन मंे आवश्यक है कि अगर प्रश्न किया है तो उत्तर सुनने की जिम्मेदारी भी होनी चाहिए। किसी की तरफ एक अंगुली करते हैं तो चार अपनी तरफ होती है। प्रश्न पूछा कि बाजरे की खरीद कितनी? मैं पूछना चाहता हूं कि बाजरे की फसल अभी आने वाली है। सरकार बनने के बाद यह पहली फसल आएगी। इस बात पर भी विचार करना चाहिये कि पांच साल के अंदर आपने उसकी कितनी खरीदारी की।

मंत्री महोदय का जवाब पूरा सुनने के बाद आपका पूरक प्रश्न आता है। पहले मंत्रीजी का पूरा जवाब आप सुनिये। मंत्रीजी कह रहे हैं कि हमने आगामी बाजरे की फसल के लिये केन्द्र सरकार को पत्र लिखा है। आपके समय में एक जगह नहीं कई जगह धरना देना पड़ा क्योंकि हरियाण्ण, गुजरात, एमपी, यूपी के किसान को बाजरे के 2300 रूपए मिला तो हमारे किसान का बाजारा 1400-1500 रूपए मंे बिका।

हमारे जनप्रतिनिधि ने कोई बात कही है तो पूरी होगी:

सीएम भजनलाल ने सवाल किया, आप बताओ, किसान को धोखा किसने दिया। साथ ही कहा, मंत्रीजी का जवाब पूरी स्पष्टता के साथ था। हमने सुना हैण् हमारी सरकार जो कुछ कहेगी व करके दिखाएगी। राजस्थान की जनता के बीच किसी भी जनप्रतिनिधि ने आश्वासन में एक शब्द निकाला है तो उस शब्द का पालन हम करेंगे। हमारे मंत्रीजी का जवाब स्पष्ट और पूर्ण है। राजस्थान के किसान को बाजरे के लिये लाभ देने पर सरकार निश्चिित रूप से विचार करेगी।

नेता प्रतिपक्ष टीकाराम जूली ये बोले:

नेता प्रतिपक्ष टीकाराम जूली ने कहा, हम आपके मंत्रियों पर लांछन नहीं लगाना चाहते। हम ये चाहते हैं कि स्पेसिफिक प्रश्न लगाया है उसका उत्तर मिले। घुमा-फिराकर नहीं करे। बाजरे की खरीद को लेकर प्रधानमंत्री चिंतित है। आपके घोषणा पत्र में था कि बाजरे की समर्थन मूल्य पर खरीद करेंगे। लेकिन खरीद नहीं हो पा रही। आप कह रहे हो कि किसनों की बहत बड़ी इमदाद कर रहे हैं मदद कर रहे हैं। गेहूं में 2700 की बात की 125 रूपए बढ़ा दिये। गेहूं की खरीद भी पूरी नहीं हुई।

जूली के आंकड़े को गोदारा ने नकारा:

अपने बयान में नेता प्रतिपक्ष टीकाराम जूली ने आरोप लगाया कि पिछले साल के मुकाबले गेहूं की खरीद कम हुई है। जूली ने कहा, हमारी सरकार ने 20 लाख टन गेहूं खरीदा जबकि भाजपा सरकार ने इसका एक चौथाई यानी पांच लाख टन गेहूं ही खरीदा है। गोदारा ने इस पर खड़े होकर कहा, आंकड़ा गलत बता रहे हैं। भाजपा सरकार मंे अब तक 12 लाख टन गेहूं की खरीद हो चुकी है।