राजस्थान हाइकोर्ट ने कहा, 195 बीघा जमीन किसानों को लौटाओ
RNE Network, Jodhpur.
राजस्थान में अडाणी रिन्यूएबल एनर्जी को बड़ा झटका लगा है। हाईकोर्ट कंपनी को आवंटित जमीन किसानों को वापस देने का आदेश दिया है। प्राप्त जानकारी के मुताबिक जस्टिस दिनेश मेहता ने 195 बीघा जमीन को किसानों को 2 माह में लौटाने का आदेश दिया।
मामला यह है :
दरअसल गहलोत सरकार ने अडाणी रिन्यूएबल एनर्जी को जैसलमेर के फतेहगढ़ तहसील के भीमसर गांव में जमीन आवंटित की थी।
आबंटित 3200 बीघा जमीन के एक हिस्से पर 11 किसानों ने अपनी जमीन होने का दावा करते हुए आवंटन को हाइकोर्ट में चुनौती दी।
दोनों पक्षों की सुनवाई के बाद जस्टिस दिनेश मेहता ने कुल 32 किसानों को उनकी जमीन वापस देने का आदेश जारी किया। इसके साथ ही आदेश में कहा कि कंपनी ने किसानों की जो फसल बर्बाद की है, उसके मुआवजे के रूप में किसानों को 10 हजार रुपए प्रति बीघा का भुगतान किया जाए।
कोर्ट ने निर्देश दिए कि जैसलमेर जिला कलेक्टर 15 दिन में किसानों की जमीन के अलॉटमेंट की कार्रवाई शुरू करें। कलेक्टर 1970 के नियम के तहत तीन महीने के अंदर आवंटन का आदेश पूरा करेंगे। जो आवंटन के पात्र पाए जाए, उनको पिछले पांच साल के कृषि भूमि पर कब्जे के दस्तावेज देने होंगे। आवंटन होने वाले इलाके पर कंपनी का कब्जा है तो वह कंपनी किसान को हैंड-ओवर करेगी। अगर वहां किसी कारण से कंपनी कब्जा नहीं दे पाती है तो उसी क्षेत्र में किसान को नई जमीन खरीद कर कब्जा देगी।
साथ ही निर्देश दिए हैं कि कलेक्टर जो किसानों को रकबा आवंटित करेगा, उतना ही कंपनी के रकबे में से कम करेगा। कंपनी की ओर से किसानों की फसल खराब करने के एवज में तीन दिन के अंदर उनके क्षेत्र के अनुसार 10 हजार रुपए प्रति बीघा किसानों के खाते में जमा कराएगी। शेष जमीन कंपनी को आवंटित की जाएगी, जिसके सबंध में तहसीलदार को निर्देश दिए गए हैं।