सड़ांध से मिल सकती है निजात : सफाईकर्मियों से सरकार करेगी बात
- सफाई कर्मचारियों की भर्ती होगी रद्द, सोमवार को टूट सकता है गतिरोध
- सराफ को दी सरकार ने जिम्मेवारी
- बीकानेर सहित पूरे राज्य की हालत बिगड़ी
RNE Network
23 जुलाई से राज्य के सफाई कर्मचारियों ने अपनी मांगों को लेकर कार्य बहिष्कार कर हड़ताल की हुई है। बीकानेर सहित पूरे राज्य में सफाई व्यवस्था पूरी तरह चौपट हो गई है।
बीकानेर में जगह जगह गंदगी के ढेर लगे हैं और सड़कों पर गंदा पानी बह रहा है। जिसकी बदबू के कारण मुख्य सड़कों पर चलना भी मुश्किल हो गया है। गलियों और मोहल्लों में नालियां साफ नहीं होने से दुर्गंध फैली हुई है और कचरा पसरा हुआ है।
सरकार अब हुई सक्रिय :
एक सप्ताह बाद आखिर सरकार सक्रिय हुई है। राज्य में 24797 पदों पर सफाई कर्मचारियों की भर्ती रद्द होगी। स्वायत्त शासन विभाग अब नए सिरे से भर्ती निकालेगा। इसके बाद राज्य में 12 दिनों से जारी सफाई कर्मचारियों की हड़ताल खत्म हो सकती है।
सरकार ने 1 मार्च को प्रदेश में 24797 पदों पर सफाई कर्मचारियों की भर्ती निकाली थी। इसके लिए प्रदेश भर में 9 लाख 20 हजार से ज्यादा आवेदन आये थे। इन आवेदनों में बड़ी संख्या में गैर वाल्मीकि समाज के युवा भी शामिल थे। इस पर वाल्मीकि समाज ने सफाई कर्मचारी भर्ती में प्राथमिकता को लेकर आंदोलन शुरू कर दिया।
सरकार ने जब भर्ती नियम में संशोधन नहीं किया तो वाल्मीकि समाज ने 23 जुलाई से कार्य बहिष्कार कर हड़ताल शुरू कर दी।
सराफ को जिम्मेवारी
सरकार ने इस हड़ताल को खत्म कराने की जिम्मेवारी मालवीय नगर से भाजपा के विधायक व पूर्व मंत्री कालीचरण सराफ को दी है। सराफ ने स्वायत्त शासन विभाग के अधिकारियों, हड़ताल पर गये सफाई कर्मचारियों से बातचीत कर पूरे मामले की जानकारी यूडीएच मंत्री झाबर सिंह खर्रा को दी। बताया जा रहा है कि उन्होंने मौजूदा भर्ती प्रक्रिया को रद्द कर नए सिरे से भर्ती करने का निर्णय किया है। इसके आदेश सोमवार को जारी हो सकते हैं।