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नेता प्रतिपक्ष ने मंत्री के बेटे को नियमों के विरूद्ध सरकारी वकील बनाने का मुद्दा उठाया

  • सचेतक जोगेश्वर गर्ग बोले-मंत्री का बेटा होना पाप या अपराध नहीं है

RNE, Network.

राजस्थान विधानसभा में सोमवार को जबरदस्त हंगामा हो गया। विधानसभा अध्यक्ष वासुदेव देवनानी इस कदर तैश में आ गये कि बार-बार खड़े होकर कार्रवाई करने या प्रस्ताव लाने की चेतावनी देते रहे। हाल ये हुआ कि ध्यानाकर्ष प्रस्तावों पर भी मंत्रियों ने हंगामे के बीच ही जवाब दिया।

ऐसे में न तो प्रस्ताव सुनाई दिये और न ही मंत्रियों के जवाब पर ठीक से सुने जा सके। आखिरकर मुख्य सचेतक जोगेश्वर गर्ग ने विधायक मुकेश भाकर की ओर से अध्यक्ष पीठ पर अंगुली उठाने का जिक्र करते हुए विधानसभा की कार्रवाई से निलंबित करने का प्रस्ताव रखा जिस पर अध्यक्ष देवनानी ने तुरंत निलंबित करने का निर्णय सुना दिया। इसके साथ ही विधानसभा की कार्रवाई आधे घंटे के लिए स्थगित कर दी।

दरअसल भोजनावकाश के बाद नेता प्रतिपक्ष टीकाराम जूली ने कहा कि एक जुलाई से भारतीय न्याय संहिता लागू हो गई है लेकिन राजस्थान सरकार ने 12 से ज्यादा सरकारी वकीलों को सीआरपीसी यानी पुराने नियमों में नियुक्ति दी है। इनमें एक मंत्री का बेटा भी है। अध्यक्ष देवनानी ने इससे आगे बात रखने की अनुमति जूली को नहीं दी तो दोनों में कुछ देर नोक-झोंक हुई। अध्यक्ष देवनानी ने ध्यानाकर्षण प्रस्तावों पर बोलने के लिये दूसरे नाम पुकारने शुरू किये तो कांग्रेस के विधायकों ने हंगामा कर दिया। ‘न्याय दो-न्याय दो’ नारे लगाने शुरू कर दिये।

इस बीच मुख्य सचेतक जोगेश्वर गर्ग भी बोले ‘मंत्री का बेटा होना पाप या अपराध नहीं है।’
अध्यक्ष देवनानी ने कहा, नेता प्रतिपक्ष नियमों में आइये। लिखित सूचना दीजिये फिर उसका परीक्षण करवाकर इस मुद्दे पर चर्चा के लिए कल व्यवस्था दूंगा। इससे इतर नेता प्रतिपक्ष टीकाराम जूली इस मामले में सरकार का जवाब चाहते थे। हंगामा कम होने की बजाय बढ़ता गया और इसी बीच ‘विधायकों के अनुभवों और नवाचारों पर विचार’ चर्चा शुरू हो गई।

ऐसे में दूसरी ओर विपक्षी सदस्य वैल में आ गये और नारेबाजी करने लगे। इन हालात में अध्यक्ष वासुदेव देवनानी काफी उत्तेजित दिखाई दिये। वे खड़े होकर जोर-जोर से विपक्षी सदस्यों को डांटते, नियमों में आने की बात कहत रहे। उन्हें जगह पर जाकर बैठने की हिदायत दी और कहा, अगर नहीं माने तो प्रस्ताव लाऊंगा। आखिरकार उनकी नसीहत पर मुख्य सचेतक जोगेश्वर गर्ग ने विधायक मुकेश भाकर को निलंबित करने का प्रस्ताव दिया जिस पर अध्यक्ष देवनानी ने तुरंत निर्णय देते हुए कार्रवाई आधे घंटे के लिए स्थगित कर दी।