Skip to main content

Rajasthan Vidhansabha : रात सदन में सोये, सुबह नारों के बीच एमएलए की तबीयत बिगड़ी, कार्रवाई स्थगित!

  • राजस्थान विधानसभा में ऐतिहासिक हंगामा !
  • ऐसे बीती रात: रामकीर्तन चला, टिफिन आये, गद्दे बिछे, महिला-पुरूष विधायकों सदन की जमीन पर गुजारी रात
  • सदन की शुरूआत: सोमवार सुबह सदन की कार्रवाई शुरू हुई तो अध्यक्ष ने सीटों पर जाने का निर्देश नहीं लेकिन नहीं माने, शोर-शराबे के बीच प्रश्नोत्तर
  • शोर-शराबे के बीच महिला विधायक की तबीयत बिगड़ी, विधानसभा की कार्रवाई स्थगित!

RNE Network. 

राजस्थान विधानसभा में पिछले लगभग 24 घंटों का समय यादगार बन गया है। पूरी रात यहां 50 से ज्यादा विधायक सदन में फर्श पर गद्दे लगाकर सोये। कभी कीर्तन किया तो कभी नारे लगाये। इनके लिये घरों से टिफिन आये। गद्दे आये। सुबह ज्योंहि अध्यक्ष वासुदेव देवनानी ने सदन में प्रवेश किया त्योंहि फिर नारेबाजी-शोरगुल शुरू हो गया। प्रदर्शनकारी एमएलए ‘कानून मंत्री इस्तीफा दो’ नारे लगा रहे थे।

विधानसभा अध्यक्ष वासुदेव देवनानी ने सभी प्रदर्शनकारी विधायकों को अपनी सीट पर जाने को कहा। इसके साथ ही निलंबित विधायक मुकेश भाकर को सदन से बाहर भेजने को कहा। इसके बाद ही प्रश्नकाल के बाद इस मुद्दे पर चर्चा करने को कहा। दोनों ही बातें प्रदर्शनकारियों ने नहीं मानी।

ऐसे में प्रदर्शन, शोर-शराबे के बीच प्रश्नकाल शुरू हुआ। लगभग आधे घंटे ही कार्रवाई चली होगी कि अचानक महिला विधायक रमीला खड़ीया की तबियत बिगड़ गई। नेता प्रतिपक्ष टीकाराम जूली ने सदन में इसकी जानकारी दी। इस वक्त उपमुख्यमंत्री दिया कुमारी एक सवाल का जवाब दे रही थी। ऐसे मंे अध्यक्ष वासुदेव देवनानी ने तुरंत डॉक्टर को बुलाने की बात कही। इसके बावजूद शोर-शराब नहीं थमा। ऐसे में अध्यक्ष ने सदन की कार्रवाई आधे घंटे तक स्थगित करने की घोषणा।

इसके बाद 12ः16 बजे जब सदन की कार्रवाई फिर शुरू हुई तो फिर शोर-शराबे के बीच ही हुई। अध्यक्ष ने एक बार फिर कहा, जिस सदस्य को निलंबित किया है उसे बाहर भेजें। इसको विपक्ष ने नहीं माना।

मामला यह है : मंत्री के बेटे को  एएजी बनाने से शुरू हुआ हंगामा

 

दरअसल राजस्थान विधानसभा में सोमवार को शुरू हुआ हंगामा धक्का-मुक्की तक पहुंच गया था। अध्यक्षीय आदेश के बाद मार्शल ने निलंबित किये गये विधायक मुकेश भाकर को उठाकर बाहर ले जाने की कोशिश की तो कांग्रेस के बाकी विधायक उसके आस-पास जुट गये। आरोप है कि मार्शलों से धक्कामुक्की में महिला विधायक अनिता जाटव की चूड़ियां टूट गई। कलाइयों में खरोंचे आ गई।

वरिष्ठ विधायक हरिमोहन शर्मा के गिरने और चोट लगने का आरोप भी कांग्रेस ने लगाया है। घटना के बाद कांग्रेस के विधायक नेता प्रतिपक्ष टीकाराम जूली की अगुवाई में विधानसभा में ही धरना देकर बैठ गये हैं। इनका कहना था, जब तक निलंबन वापस नहीं होगा और न्याय नहीं होगा हम धरने पर रहेंगे।

दरअसल सोमवार को हंगामा तब शुरू हुआ जब नेता प्रतिपक्ष टीकाराम जूली ने आरोप लगाया कि जब देश में नए कानून लागू हो गए हैं उसके बाद राजस्थान सरकार ने जुलाई महीने में ही 12 सरकारी वकीलों की नियुक्ति की है। यह नियुक्ति पुराने कानूनों यानी सीआरपीसी की धाराओं मंे की गई है जब ये कानून अब अस्तित्व में ही नहीं है। ऐसे में यह नियुक्ति गैर कानूनी हो जाती है। इन 12 वकीलों में एक मंत्री का बेटा भी है। पता चला है कि मंत्री जोगाराम पटेल के बेटे की नियुक्ति पर सवाल उठाया गया था।

इसके बाद सदन में जोरदार हंगामा शुरू हो गया। जूली बोल रहे थे तो सत्तापक्ष के कई सदस्य उठकर खड़े हो गए। ऐसे मंे कांग्रेस के भी कई सदस्य उठकर बोलने लगे। अध्यक्ष वासुदेव देवनानी और जूली के बीच भी नोक-झोंक चली। आखिरकार हंगामा इतना बढ़ कि अध्यक्ष देवनानी पूरी तरह तैश में आ गये।

अध्यक्ष देवनानी ने मुख्य सचेतक जोगेश्वर गर्ग की ओर से रखे गए प्रस्ताव के साथ ही कांग्रेस विधायक मुकेश भाकर को सस्पेंड करने का निर्णय सुना दिया। इसके बाद हंगामा ज्यादा बढ़ गया। सदन की कार्रवाई दो बार स्थगित करने के बाद पूरे दिन के लिए स्थगित कर दी गई। दूसरी ओर कांग्रेस विधायक धरने पर बैठ गये। ये पूरी रात धरने पर रहे और सुबह कार्रवाई होने के बाद फिर हंगामा शुरू हो चुका है।