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BIKANER : सामान्य से 73 प्रतिशत ज्यादा बारिश, सबसे ज्यादा कोलायत में बरसे मेघ

  • राजस्थान: 13 जिलों में भारी बारिश, 24 में सामान्य से ज्यादा, 10 में सामान्य, तीन जिलों में ही सामान्य से कम बारिश
  • पूरे राजस्थान में अब तक सामान्य से 41.52 प्रतिशत ज्यादा बरसात

राहुल हर्ष, राजेश अग्रवाल

RNE, Network.

राजस्थान पर मानसून इस बार इतना मेहरबान हुआ है कि पिछले कई सालों के रिकॉर्ड टूटने जा रहे हैं। पूरे प्रदेश की बात करें तो मानसून सीजन में 10 अगस्त तक जहां सामान्यतया 263 मिमी औसत बारिश होती है वहीं इस वर्ष अब तक 372.23 मिमी बारिश हो चुकी है। मतलब यह कि सामान्य से 41.52 मिमी बारिश 10 अगस्त शुक्रवार सुबह तक हो चुकी है। अब भी पूरे प्रदेश पर बादल छाये हैं और बीकानेर संभाग सहित जगह-जगह तेज बारिश हो रही है।

दरअसल प्रदेश में 1 जून से 30 सितंबर तक की बारिश को मानसूनी बारिश माना जाता है। इसमें प्री और पोस्ट मानसून भी शामिल हो जाता है। इस लिहाज से एक जून से अब तक हुई बारिश के लिहाज से राजस्थान के 50 मंे से 47 जिलों में सामान्य या इससे अधिक बारिश हो चुकी है। महज तीन जिलों डूंगरगपुर, बांसवाड़ा और प्रतापगढ़ में ही सामान्य से थोड़ी कम बारिश हुई है।

संभाग की बात:

संभागवार वर्षा का औसत देखें तो प्रदेश के 10 में से एक बांसवाड़ा को छोड़ सभी संभागों में औसत से ज्यादा बारिश हुई है। अकेले बांसवाड़ा संभाग में सामान्य से 19.28 प्रतिशत बारिश कम हुई है।

किस संभाग में औसत से कितने प्रतिशत ज्यादा बारिश

  • अजमेर: 65.15
  • भरतपुर: 59.50
  • बीकानेर: 59.37
  • जयपुर : 48.54
  • जोधपुर: 91.62
  • कोटा: 16.90
  • पाली: 11.21
  • सीकर: 49.00
  • उदयपुर: 41.52

 

यहां सबसे कम:

बांसवाड़ा संभाग में औसत से 19.28 प्रतिशत बारिश कम हुई है। संभाग के बांसवाड़ा, डूंगरगपुर, प्रतापगढ़ तीनों जिो मं बारिश सामान्य से कम हुई है।

इन 13 जिलों में बहुत भारी बारिश :

बहुत भारी या अब्नॉर्मल बारिश तब मानी जाती है जब सामान्य से 60 प्रतिशत से भी अधिक हो। इस लिहाज से देखेें तो राजस्थान में अजमेर, अनूपगढ़, ब्यावर, भरतपुर, बीकानेर, चूरू, डीग, धोलपुर, दूदू, जैसलमेर, केकड़ी, फलौदी ओर टोंक में अत्यधिक बारिश हो चुकी है। इन सभी जिलों में सामान्य से 60 प्रतिशत से अधिक बारिश हो चुकी है। मसलन बीकानेर में अब तक 154.44 मिमी बारिश सामान्यतया होती है। इससे इतर इस बार 267.11 मिमी हो चुकी है। मतलब यह कि सामान्य 73 प्रतिशत ज्यादा बारिश बीकानेर में हो चुकी है। इसी तरह जैसलमेर में 145 और फलौदी में 171 प्रतिशत ज्यादा बारिश हो चुकी है।

इन 24 जिलों में सामान्य से ज्यादा :

सामान्य बारिश से 20 से 59 प्रतिशत तक ज्यादा बरसात होने पर इसे एक्सेस या सामान्य से ज्यादा बारिश कहा जाता है। राजस्थान इस बार अब तक 24 जिले ऐसे हैं जिनमें एक्सेस बारिश हो चुकी है। इन जिलों में अलवर, बालोतरा, बाड़मेर, बूंदी, दौसा, डीडवाना-कुचामन, श्रीगंगानगर नगर, गंगापुर सिटी, हनुमानगढ़, जयपुर ग्रामीण, झुंझुनूं, जोधपुर, जोधपुर ग्रामीण, करौली, खैरथल-तिजारा, कोटा, कोटपुतली-बहरोड़, नागौर, नीम का थाना, पाली, राजसमंद, सवाई माधोपुर, शाहपुरा, सीकर शामिल हैं।

10 जिलों में सामान्य बारिश :

राजस्थान के 10 जिले ऐसे हैं जहां औसत के लगभग बराबर बारिश हुई है। मतलब यह कि आमतौर पर जितनी बारिश होती है उससे 19 प्रतिशत तक कम या ज्यादा हो तो उसे सामान्य बारिश कहा जाता है। इन जिलों में बांसवाड़ा, बारा, भीलवाड़ा, चित्तौड़गढ़, जयपुर, जालोर, झालावाड़, सलूंबर, सांचौर, उदयपुर शामिल हैं।

इन तीन जिलों में कम बारिश:

डूंगरपुर, प्रतापगढ़ एवं सिरोही जिलों में सामान्य से कम बारिश हुई है। इसका पैमाना यह है जिन जिलों में औसत बारिश से 20 से 59 प्रतिशत बारिश कम हो तो उसे कमी या डेफिसिट वाले जिले मानते हैं।

महुवा में अब तक सबसे ज्यादा बारिश :

इस सीजन यानी एक जून से 10 अगस्त तक हुई कुल बारिश के आंकड़ों के लिहाज से बात करें तो राजस्थान के दौसा जिले के महुआ में अब तक की सबसे ज्यादा बारिश हुई है। यहां इस सीजन में अब तक 1125 मिमी बारिश हो चुकी है।

एक दिन की सर्वाधिक बारिश:

किसी एक दिन में इस सीजन की अब तक की सबसे Thnx बारिश का आंकड़ा देखा जाए तो इसमें पाली के हेमावास का नाम आता है। हेमावास में 06 अगस्त को 328 मिमी बारिश हुई है।

बीकानेर के बज्जू में कम, कोलायत में ज्यादा:

बीकानेर जिले के लिहाज से बात करें तो यहां अब तक सबसे ज्यादा 498 मिमी बारिश कोलायत मंे हुई है जबकि सबसे कम बरसात 153 मिमी बारिश कोलायत में हुई है।

जानिये बीकानेर में कहां, कितनी बारिश:

  • बीकानेर शहर 171.5 मिमी
  • बीकानेर ब्लॉक 219 मिमी
  • बज्जू 153 मिमी
  • छत्तरगढ़ 235 मिमी
  • खाजूवाला 362 मिमी
  • कोलायत 498 मिमी
  • लूणकरणसर 178 मिमी
  • नोखा 163 मिमी
  • पूगल 241 मिमी
  • श्रीडूंगरगढ 355 मिमी