एक दिन पहले मंत्री के तौर पर अधिकारियों की मीटिंग ली, राहत-बचाव के निर्देश दिये
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किरोड़ीलाल मीणा मंत्री है या नहीं है। औपचारिक तौर पर तो हैं क्योंकि उनका इस्तीफा स्वीकार नहीं किया है। अनौपचारिक तौर पर कहें तो खुद उन्होंने मंत्री के तौर पर कामकाज बंद कर रखा था। इस्तीफा दे दिया।
नये बने प्रदेशाध्यक्ष मदन राठौड़ ने कहा, वे मान जाएंगे। दो दिन पहले दौरे के लिये हैलिकॉप्टर मांगा, नहीं मिला तो किरोड़ीलाल फिर नाराज हो गए।
बाढ़ प्रभावित इलाकों में घुटनों तक पानी में पैदल दौरा करने गये। बोले, मंत्री न सही, जनप्रतिनिधि की हैसियत से लोगों के दुख-तकलीफ जान रहा हूं। इन सबके बीच बुधवार को तब सबकुछ ठीक लगा जब मीणा ने मंत्री के तौरपर अधिकारियों की मीटिंग ली। आपदा राहत एवं बचाव के निर्देश दिये।
इस मीटिंग मीणा की बतौर कैबिनेट मंत्री मीटिंग बताया गया। सूचना एवं जनसंपर्क विभाग ने बाकायदा इसका प्रेस नोट जारी किया। ऐसे में अब लगता है कि डा.मीणा मंत्री बने रहने के लिए मान गए हैं।
इस बीच गुरूवार को स्वाधीनता दिवस समारोह में एक बार फिर उनके रूठने-मनाने का क्रम दिखा। उन्होंने मंत्री के तौर पर सवाई माधोपुर में झंडारोहण कर दिया। इसके बाद भाषण देने से मुकर गये। कुछ देर असमंजस की स्थिति रही। अधिकारियों ने मनाया तो मान गये और भाषण दे दिया।
मामला यह है:
दरअसल मीणा ने लोकसभा चुनाव से पहले घोषणा की थी कि दौसा सीट पर भाजपा की हार हो गई तो मंत्री पद छोड़ दूंगा। दौसा मंे भाजपा की हार हो गई। इसके बाद मीणा ने इस्तीफा दे दिया। मंत्री की गाड़ी का उपयोग करना बंद कर दिया। कैबिनेट मंत्री के अपने कार्यालय भी नहीं जाते।