Doctors Strike : रेजीडेंट डॉक्टर हड़ताल पर, आईएमए, अरिस्डा, आरएमसीटीए ने भी कार्यबहिष्कार
RNE Bikaner.
कोलकाता के आरजी कर मेडिकल कॉलेज हॉस्पिटल में ट्रेनी महिला डॉक्टर से दरिंदगी और हत्या के बाद देशभर के डॉक्टर्स में आक्रोश लगातार बढ़ रहा है। शनिवार को देशभर में सरकारी के साथ प्राइवेट हॉस्पिटलों में भी इलाज ठप हो गया। रेजीडेंट डॉक्टर जहां हड़ताल पर है वहां आईएम और राजस्थान में सेवारत चिकित्सकों के संघ अरिस्डा ने भी एक दिन के लिए कार्य बहिष्कार कर दिया। इसके साथ ही राजस्थान मेडिकल कॉलेज टीचर्स एसोसिएशन भी आंदोलन के समर्थन में उतर आया है। नतीजा जहां शहर से गांव तक के सरकारी हॉस्पिटलों मंे इलाज नहीं हुआ वहीं मेडिकल कॉलेज से जुड़े हॉस्पिटलों मंे भी सुबह दो घंटे कार्य बहिष्कार रहा।
हॉस्पिटल पहुंचे मरीजों को बताया गया कि यूं तो डॉक्टर्स की हड़ताल है लेकिन सीनियर डॉक्टर दो घंटे बहिष्कार के बाद आउटडोर मंे आएंगे तब मरीज देखेंगे। नतीजा यह हुआ कि लगभग दो घंटे बाद जब डॉक्टर आउटडोर में पहुंचे तो मरीजों की लंबी कतार उन्हें इंतजार में मिली। जैसे-तैसे मरीजों को देखने की बारी आई लेकिन जब वे जांच करवाने पहुंचे तब तक अधिकांश को एक ही जवाब मिला-‘अब जांच का समय खत्म हो गया है। कल आना।’
ऐसे मंे डॉक्टर को दिखाने के बाद भी उचित इलाज शुरू नहीं हो पाया। कल रविवार को अवकाश है। ऐसे मंे जांच के लिए सोमवार को हॉस्पिटल फिर से आना होगा। सैंपल लेने के बाद जब रिपोर्ट आएगी तब तक आउटडोर का समय नहीं रहेगा। ऐसे मंे जांच रिपोर्ट दिखाने के लिये वापस उस डॉक्टर के आउटडोर का इंतजार करना होगा जिन्हें दिखाया है। मतलब यह कि मरीज अगर हॉस्पिटल मंे ही इलाज करवाना चाहता है तो उसे एक सप्ताह तक इंतजार करना पड़ सकता है। अन्यथा डॉक्टर के घर जाकर फीस देकर इलाज लेना पड़ेगा।
दूसरी ओर डॉक्टर्स का दर्द भ वाजिब है। प्रदर्शनकारी डॉक्टर्स का कहना है, जिस तरह की दरिंदगी हुई है उसे देखते हुए अब इलाज से पहले इंसाफ चाहिये। महिला डॉक्टर के साथ दरिंदगी करने वाले सभी लोगों को पकड़कर फांसी देने की मांग डॉक्टर्स कर रहे हैं। इसके साथ ही आरोपियों को बचाने और जांच में ढिलाई बरतने, सबूत मिटाने का प्रयास कर रहे लोगों पर भी कार्रवाई की मांग है। डॉक्टर्स का कहना है, सुरक्षा के पुख्ता नियम बनें और उन्हें कड़ाई से लागू किया जाए।