बाजार बंद करवा जुलूस के रूप में कलेक्ट्रेट पहुंचा प्रदर्शनकारियों का हुजूम
RNE Bikaner, Shriganganagar.
बीकानेर-श्रीगंगानगर सहित प्रदेशभर में अनुसूचित जाति, जनजाति संयुक्त संघर्ष समिति के बैनर तले भारत बंद को लेकर एससी-एसटी वर्ग के विभिन्न संगठनों ने राष्ट्रपति के नाम ज्ञापन जिला कलेक्टर के माध्यम से सौंपा । जिसमें अनुसूचित वर्ग से संबंधित विभिन्न माँगे रखी गई।बीकानेर में अलसुबह बंद समर्थकों की टोलियों ने मोर्चा संभाल लिया। बाजार बंद करवाए। दोपहर को बड़ी तादाद में प्रदर्शनकारी कोटगेट पर एकत्रित हो गए। यहां से प्रेम जी प्वाइंट,अंबेडकर सर्किल, तुलसी सर्किल होते हुए कलेक्ट्रेट परिसर पहुंचे।
ये रहे शामिल :
संघर्ष समिति में अनिल लीलड,अनिल बारूपाल,मनोज जनागल,पुनीत ढाल,काशीराम,राजपाल बौद्ध,प्रफुल हटीला,धनराज वाल्मीकि,मदन पंवार,रामनिवास मीना,भगवान मीणा,महेश नायक,मनोज श्रीदेव,सुनील हटीला,गणेश सोलंकी,रामदेव लंगा,धोबी समाज अध्यक्ष महेश सांखला ,ओम कोटनीस, दिलीप कुमार देवड़ा, बख्तावर रिठोदिया, मूलचन्द, कूपा राम,मोहन लाल जोइया,शेरा राम,एडवोकेट जगदीश,सुनीता हटीला,सुभाष तँवर आदि एससी एसटी वर्ग के युवाओं और बुजुर्ग बुद्धिजीवियों ने रैली और बंद का संचालन किया।
एससी एसटी के विभिन्न संगठन अजाक,वेलफेयर सोसाइटी,शिक्षक संघ-अम्बेडकर,एलआईसी एससी एसटी एसोसिएशन,रेलवे एससी एसटी एसोसिएशन,भीम आर्मी,भीम सेना आदि संगठनों ने समर्थन दिया ।साथ ही बीकानेर में अनुसूचित वर्ग के सभी कर्मचारी और अधिकारियों ने आकस्मिक अवकाश रख कर विरोध प्रदर्शित किया।
श्रीगंगानगर में पूर्णतया सफल रहा बंद :
अनुसूचित जाति के आरक्षण में क्रीमीलेयर पर सुप्रीम कोर्ट के फैसले के विरोध में बुधवार को श्रीगंगानगर शहर के बाजार पूर्णतया बंद रहे। इस दौरान शांति व्यवस्था बनी रही और कहीं कोई अप्रिय घटना या कानून व्यवस्था प्रभावित होने की हलचल नहीं हुई। सुरक्षा की दृष्टि से शहर के कई चौक-चौराहों पर पुलिस जाब्ता तैनात था। कलेक्टर लोक बंधू व एसपी गौरव यादव ने कल शांतिपूर्वक बंद की अपील की थी, जिसका असर देखने को मिला। आंदोलनकारी सुबह से ही बाजार व शहर के अन्य क्षेत्र में चक्कर लगाते रहे और लोगोें से अपने प्रतिष्ठान बंद रखने की अपील करते रहे।
बंद के दौरान परिवहन सेवा भी पूर्णतया ठप रही। बसों की आवाजाही बंद थी और अन्य वाहन भी ना के बराबर आ-जा रहे थे। बस स्टैंड पर पूरी तरह सन्नाटा पसरा रहा। सोशल मीडिया पर एक दिन पूर्व भारत बंद के प्रचार किए जाने के बाद यहां यात्रियों की संख्या भी ज्यादा नहीं थी। एनाउंसमेंट में बसों का संचालन बंद होने की जानकारी दी जा रही थी।
शोरूम खुला होने पर बनी विवाद की स्थिती :
एक वाक्या सुखाड़िया सर्किल के पास हुआ जब बंद के दौरान विभिन्न संगठनों के लोग टोलियों में घूम-घूम कर बाजार बंद करवा रहे थे। यहां एक शोरूम खुला हुआ था और जब संचालक को बंद करने को कहा गया तो दोनों पक्षों में विवाद हो गया। सूचना मिलने पर तुरंत पुलिस वहां पंहुची और बीच-बचाव कर मामला शांत करवा दिया। बंद के दौरान आवश्यक सेवाओं को मुक्त रखा गया था।
अम्बेडकर चौक में सभा रखी गई थी, यहां भी पुलिस की माकूल व्यवस्था थी। एसडीएम जीतू कुल्हरी व एएसपी सिटी बी. आदित्य ने पल-पल के हालात का जायजा लिया। सभा को संबोधित करते हुए वक्ताओं ने कहा कि डॉ. भीमराव अम्बेडकर ने संगठित होने का मंत्र दिया है, उसी का पालन करने संघर्ष को जुटे हुए हैं। दोपहर बाद एससी, एसटी व अन्य आरक्षण मंच के सदस्य कलेक्टर कार्यालय में जिला कलेकटर को ज्ञापन सौंपने गए, तब बाजार में दुकानें खुल गई थीं।
चुनावढ़ गांव में भी धरना प्रदर्शन :
चूनावढ कोठी में 23 जीजी के दलित परिवारों द्वारा बाजार बंद करवा कर विरोध स्वरूप नायब तहसीलदार को राष्ट्रपति के नाम ज्ञापन सौंपा गया। चूनावढ़ कोठी पर सुबह 8 बजे से सुप्रीम कोर्ट के फैसले के विरूद्ध धरना-प्रदर्शन किया गया जो दोपहर बाद ज्ञापन देने पर समाप्त हुआ। वक्ताओं ने कहा कि सुप्रीम कोर्ट के एससी एसटी आरक्षण में क्रीमी लेयर को लेकर सुनाए गए फैसले को वापिस लिया जाए। इस दौरान डॉक्टर भीमराव क्लब चूनावढ कोठी के अध्यक्ष प्रेम मेघवाल, योगेश मेघवाल, राजेश मेघवाल, सुभाष नायक विजय पाल सहित अन्य मौजूद थे। इस दौरान चूनावढ़ पुलिस का जाब्ता तैनात रहा।