कानून मंत्री के बेटे को एएजी नियुक्त करने पर राजस्थान विधानसभा में हुआ था हंगामा
AAG Manish Patel Resignation
RNE Network, Jaipur.
राजस्थान से बड़ी खबर सामने आ रही है कि कानून मंत्री जोगाराम पटेल के बेटे मनीष पटेल ने AAG पद से इस्तीफा दे दिया है। मनीष पटेल की नियुक्ति को कांग्रेस ने सवालों के घेरे में डाला था और इस मुद्दे पर विधानसभा में जबर्दस्त हंगामा हुआ। सदन की कार्रवाई भी स्थगित हुई। हंगामे ने इतना बड़ा रूप ले लिया कि एक विधायक को सस्पेंड किया गया। निलंबन के विरोध में कांग्रेस विधायकों ने पूरी रात विधानसभा में धरना दिया था।
खुद मनीष पटेल ने इस्तीफे की बात लिखी :
एडवोकेट मनीष पटेल ने खुद ही अधिवक्ताओं के ग्रुप में मेसेज के जरिये इस्तीफे की सूचना दी।
खुद मनीष के मेसेज में लिखा “.. मैंने पहले अपनी जयपुर यात्रा के दौरान राजस्थान के मुख्यमंत्री को लिखित रूप में अपना इस्तीफा दे दिया था, जिसमें मैंने अपनी व्यक्तिगत कठिनाइयों के कारण एएजी के रूप में आगे काम करने की अनिच्छा व्यक्त की थी।
मैं सीएम भजनलाल के प्रति अपना हार्दिक आभार व्यक्त करता हूं कि उन्होंने मुझे अपना आशीर्वाद दिया और एएजी के रूप में राज्य सरकार का प्रतिनिधित्व करने का अवसर प्रदान किया। मेरा त्यागपत्र स्वीकृति हेतु प्रक्रियाधीन है…।”
हंगामा : नेता प्रतिपक्ष जूली ने लगाये थे आरोप :
नेता प्रतिपक्ष टीकाराम जूली ने विधानसभा में यह मुद्दा उठाया। कहा- “देश में भारतीय नागरिक सुरक्षा संहिता 1 जुलाई से लागू हो चुकी है, लेकिन राजस्थान सरकार के विधि सचिव द्वारा 12 जिलों में राजकीय अधिवक्ता नियुक्त किए गए हैं, जो CRPC की धारा 24 (2) के तहत किए गए हैं। यह नियुक्ति BNSS की धारा 18 के तहत की जानी चाहिए थी। इस पर सरकार का जवाब आना चाहिए था।” इसके बाद विधानसभा में जबर्दस्त हंगामा हो गया।
गर्ग बोले थे मंत्रीपुत्र होना अपराध नहीं :
विधानसभा में मुख्य सचेतक जोगेश्वर गर्ग ने कहा, नियुक्ति योग्यता के आधार पर होती है। मंत्री का बेटा होना कोई अपराध नहीं है। अध्यक्ष देवनानी ने कहा कि यह मुद्दा सरकार के संज्ञान में आ गया है, लेकिन कांग्रेस विधायकों ने इस पर राज्य सरकार से जवाब की मांग की, लेकिन देवनानी ने नियमों का हवाला देकर इससे इनकार किया। इसको लेकर देवनानी व कांग्रेस विधायक आमने सामने आ गए।
अब ये बोले मंत्री जोगाराम :
इस्तीफे की खबरों के बीच मीडिया ने कानून मंत्री जोगाराम पटेल से इस मुद्दे पर पक्ष जानना चाहा। इस पर पटेल बोले, उसका खुद का वकालत का दायरा है। ऑफिस है। बहुत काम है। काम प्रभावित होता होगा तो उसने सीएम साहब से व्यक्तिगत मुलाकात कर अपनी बात रखी होगी।