पार्क में खड़ी है सैकड़ों सजी-धजी महिलाएं-लड़कियां, जानिये किसका इंतजार!
RNE Bikaner.
बड़ा बाजार से लक्ष्मीनाथ जी घाटी होते हुए पार्क के मुख्य दरवाजे तक महिलाओं का हुजूम। अलग अलग ग्रुपों में सजी-धजी महिलाएं-युवतियां इसी मंदिर की तरफ बढ़ रही हैं।
पार्क परिसर में प्रवेश के इकलौते मुख्य दरवाजे पर पुलिस का कड़ा पहरा। कोई भी पुरुष यहां पहुंच जाएं तो उसकी एंट्री नहीं है। बाहर ही रोका जा रहा है।
मंदिर के नित्य दर्शन का हवाला देने पर बताया जाता है, आज देर रात तक मंदिर खुला रहेगा। महिलाएं पार्क से निकल जाएं उसके बाद ही आप दर्शन कर पाएंगे।
अंदर हर तरफ झुंड में खड़ी सजी-धजी महिलाएं :
अब गेट के अंदर यानी पूरे मंदिर और पार्क परिसर पर नजर डालें तो हैरान करने वाला दृश्य नजर आता है। पूरे परिसर में सैकड़ों सजी-धजी महिलाएं। कहीं बतिया रहीं है तो कहीं कीर्तन हो रहा है। सबसे हैरान करने वाली बात यह है कि सब खड़ी हैं। कोई बैठ नहीं रही। ये खड़े रहना ही इस दिन का खास महात्म्य है जिसे ‘ऊभछठ’ कहते हैं।
यह महिलाओं का खास व्रत है जिसमें शाम होने के बाद वे बैठती नहीं है। पानी भी नहीं पीती। खड़े- खड़े तपस्या करती हैं। इंतजार होता है चंद्रोदय का। चंद्रदर्शन के साथ ही अर्घ्य देकर जलग्रहण करती हैं।
इसी कठोर व्रत को देखते हुए पूरे पार्क को शाम के बाद चंद्रोदय तक महिलाओं के लिए ही रिजर्व कर दिया जाता हैं। पुरुषों का प्रवेश निषेध होता हैं।