जो लोग जैन विधि से शादी करते है, वे जिन शासन की अवहेलना करते है
RNE Bikaner.
जैन विधि से विवाह संस्कार सम्पन्न करने के प्रचलन को आचार्यश्री जिन पीयूष सागर सूरीश्वरजी महाराज ने खारिज कर दिया है। उनका कहना है, जिन शासन में जैन विधि से शादी का कोई प्रावधान नहीं है। जो लोग जैन विधि से शादी करते है, वे जिन शासन की अवहेलना करते है। जैन धर्म व संस्कृति, कल्पसूत्र जी आदि आगमों में आर्य संस्कृति के अनुसार पाणिग्रहण संस्कार करने का विधान है। श्रावक-श्राविकाओं को जैन विधि से विवाह नहीं कर आर्य संस्कृति के अनुसार विवाह करना चाहिए।
आचार्यश्री जिन पीयूष सागर सूरीश्वरजी महाराज ने कहा, कतिपय श्रावक-श्राविकाएं समवसरण स्थापित कर, नवकार व अन्य आगम के मंत्रों जाप के साथ शादी कर अपने आपको गौरवान्वित महसूस करते है। जैन धर्म के दर्शन व सिद्धांत में सत्य, अहिंसा, अचौर्य, अपरिग्रह व ब्रह्मचर्य प्रमुख है। शादी जैसे पवित्र बंधन में इनमें ब्रह्मचर्य सहित कई सिद्धांतों की पालना नहीं की जा सकती ।
जैन श्वेताम्बर खरतरगच्छ के आचार्यश्री जिन पीयूष सागर सूरिश्वरजी के सान्निध्य में रविवार ढढ्ढों के चौक के प्रवचन पंडाल ’’यशराग’’ में व्यस्कों के लिए तथा रांगड़ी चौक के सुगनजी महाराज के उपासरे में बच्चों के लिए महावीर कॉलेज फॉर बेसिक नॉलेज शिविर आयोजित किया गया । शिविर में संस्कार, समाज, साधर्मिक भक्ति, विवाह, कर्मों की अदालत सहित विविध विषयों पर जिन शासन की परम्पराओं, सिद्धान्तों व मर्यादाओं के माध्यम से प्रस्तुत किया गया। सोमवार को बच्चों का आधे दिन की शिविर व दीपक एकासना का आयोजन किया जाएगा।
महावीर कॉलेज फॉर बेसिक नॉलेज :
श्री सुगन जी महाराज का उपासरा ट्रस्ट व श्री जिनेश्वर युवक परिषद के संयुक्त तत्वावधान में आयोजित महावीर कॉलेज फॉर बेसिक नॉलेज शिविर में बीकानेर के मुनि सम्यक रत्न सागर सूरीश्वरजी ने धारा प्रवाह 3 घंटे तक विविध विषयों पर अनेक धार्मिक प्रमाणों, घटनाओं व कथानकों के माध्यम से व्याख्यान दिया। उन्होंने विवाह के भेद, बच्चों में संस्कार, कर्मों की अदालत, कल्याण मित्र, देव गुरु व धर्म के प्रति समर्पण सहित अनेक विषयों पर विचार व्यक्त किए। उन्होंने कहा कि विवाह जैसे पवित्र बंधन को गलत परम्पराओं, रीति रिवाजों व रस्मों से मजाक नहीं बनाएं, मर्यादाओं का उल्लंघन नहीं करें। धर्म, कुल व समाज की मर्यादाओं व सीमाओं को ध्यान रखकर विवाह और अन्य मांगलिक कार्य करें। अन्याय, अनीति व बेईमानी से धन व सम्पत्ति अर्जित नहीं करें। बच्चों को संस्कार व अच्छी शिक्षा देने में अभिभावक अपने सही कर्तव्य का निर्वहन करें, लापरवाही नहीं करें।
देवेन्द्र स्तव प्रकीर्णक सूत्र की आराधना व जाप :
आचार्यश्री के सानिध्य में चल रहे श्री 45 आगम तप में रविवार को ढढ्ढा चौक की आगम वाटिका में देवेन्द्र स्तव प्रकीर्णक सूत्र की आराधना व जाप किया गया। आचार्यश्री ने धर्म चर्चा में बताया कि दस पयन्ना में से इस नवमें पयन्ना सूत्र के कर्ता श्री वीरभद्र गणि है। इस सूत्र में देवेन्द्रों में पूजित श्री जिनेश्वर देव की स्तुति की है, इसलिए इस सूत्र का नाम देवेन्द्र स्तव है। इस सूत्र में विवेकी व ज्ञानी श्रावक व उसकी पत्नी द्वारा वीर प्रभु के चैत्य में पूजा करने, द्रव्य पूजा के बाद भाव पूजा के उपक्रम में 24 तीर्थंकरों की स्तुति करने की जानकारी दी गई है। इसमें श्रावक की पत्नी द्वारा 32 इंद्रों आदि के 6 प्रश्नों श्रावक द्वारा गुरु महाराज के पास जाकर श्रुत ज्ञान हासिल करने के साथ इंद्रों से लेकर सिद्ध प्रभु तक का वर्णन है ।
अभिनंदन व अनुमोदना- आचार्यश्री के सान्निध्य में महावीर इंटरकॉन्टिनेंटल सर्विस ऑर्गेनाईजेशन के अन्तर्राष्ट्रीय अध्यक्ष लोकेश कावड़िया, प्रदेश अध्यक्ष अशोक जैन, महावीर इंटरनेशन के संतोष बांठिया का अभिनंदन वरिष्ठ श्रावक पूनम चंद नाहटा, संतोक चंद मुसरफ ने किया। आचार्यश्री, मुनि, साध्वीवृंद तथा श्रावक-श्राविकाओं ने कन्हैयालाल भुगड़ी के 34 दिन की, रौनक बरड़िया के 17 की व बालिका भूमि मुसरफ के 7 दिन की तपस्या की अनुमोदना की गई। संघ पूजा का लाभ रूपचंद सुरेन्द्र, सुधीर व मनीष बोथरा ने लिया।
बच्चों का दीपक एकासना :
आचार्यश्री जिन पीयूष सागर सूरीश्वरजी के सान्निध्य में सोमवार को 6 से 18 वर्ष तक की आयु के बालक-बालिकाओं का आधे दिन का शिविर व दीपक एकासना का आयोजन किया जाएगा। श्री जिनेश्वर युवक परिषद के अध्यक्ष संदीप मुसरफ व मंत्री मनीष नाहटा ने बताया कि शिविर में हिस्सा लेने वाले बालक-बालिकाओं को सुबह साढ़े आठ बजे परमात्मा की पूजा कर ललाट पर तिलक लगाकर कोठारी भवन में पहुंचना होगा। कोठारी भवन में सामूहिक सामयिक ग्रहण करवाई जाएगी। तत्पश्चात सुबह नौ बजे से साढ़े दस बजे तक प्रवचन, साढ़े दस बजे से साढ़े ग्यारह बजे तक क्लास, साढ़े ग्यारह बजे से एक बजे तक एकासन महावीर भवन में एवं विश्राम, उसके बाद एक बजे से ढाई बजे तक क्लास आयोजित की जाएगी। श्री सुगनजी महाराज का उपासरा ट्रस्ट के मंत्री रतन लाल नाहटा ने संस्कार सिंचन के लिए शिविर में अधिकाधिक बच्चों को भेजने का आग्रह किया है।