एक साल पहले आज ही के दिन शुरू हुआ था जीवन का संघर्ष
- हजारों समर्थक हर दिन कर रहे हैं स्वस्थ होने की दुआ
RNE Bikaner.
एक साल पहले आज ही के दिन जब सुबह यकायक ये खबर हवा में चली कि किसान केसरी, जांबाज राजनेता, यारों का यार रामेश्वर डूडी बीमार हो गया। ब्रेन हेमरेज हुआ है, ये सूचना थी। हजारों ऐसे लोग थे जिन्होंने ज्यादा खोज खबर लेने की भी कोशिश नहीं की। न सुध रही। बस, दौड़ा दी अपनी गाड़ी राजधानी जयपुर की तरफ।
बीकानेर हो या नोखा, लूणकरणसर हो या कोलायत, श्रीडूंगरगढ़ हो या खाजूवाला, अकेले बीकानेर से हजारों कारें तेज रफ्तार से जयपुर की तरफ दौड़ती जा रही थी। खबर ज्यूँ ज्यूँ फैली फिर तो श्रीगंगानगर, हनुमानगढ़, बाड़मेर, जोधपुर, भरतपुर, सीकर, झुंझनु, चूरू, नागौर, टोंक, सवाई माधोपुर, कोटा, अजमेर, उदयपुर और न जाने किस किस गांव से लोगों ने जयपुर की तरफ कूच कर लिया।
तब से आज तक पूरा एक साल हो गया है। जीवन का हर पल संघर्ष में जीने वाला रामेश्वर डूडी मौत के सामने भी झुकने को तैयार नहीं। अपने हजारों समर्थकों के प्यार और दुआओं की ताकत लेकर वह एक साल से जूझ रहा। वैचारिक या राजनीतिक मायनों से परे बात करें तो लगता है डूडी के रूप में अटलबिहारी वाजपेयी की कविता खड़ी है..
मौत से ठन गई..
जूझने का मेरा कोई इरादा न था
मोड़ पर मिलेंगे इसका वादा न था
रास्ता रोककर वो खड़ी हो गई
यूं लगा जिंदगी से बड़ी हो गई…
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हर चुनौती से दो हाथ मैंने किए,
आँधियों में जलाए हैं बुझते दिए
आज झकझोरता तेज़ तूफ़ान है,
नाव भँवरों की बाँहों में मेहमान है
पार पाने का कायम मगर हौसला,
देख तेवर तूफ़ाँ का, तेवरी तन गई,
मौत से ठन गई..
इन्हीं पंक्तियों के साथ डूडी के हजारों समर्थकों, प्रशंसकों की ओर से शीघ्र स्वास्थ्य लाभ की शुभकमनाएं।
एक साल से अर्धकोमा में है डूडी :
दरअसल ठीक एक साल पहले 27 अगस्त 2023 को सुबह अचानक डूडी को तेज सिरदर्द हुआ। उन्हें जयपुर के ही एक निजी हॉस्पिटल ले गए जहां ब्रेन हेमरेज घोषित किया गया। सूचना मिलते ही तत्कालीन मुख्यमंत्री अशोक गहलोत हॉस्पिटल पहुंचे। वहां से डूडी को एसएमएस हॉस्पिटल में शिफ्ट किया। डॉक्टर्स का बोर्ड बनाया।
इमरजेंसी सर्जरी की ओर क्लोट हटा दिया गया। इसके बावजूद ब्रेन में जितना डेमेज हुआ वह रिकवर नहीं हो पाया। डूडी को एयरलिफ्ट कर मेदांता हॉस्पिटल ले जया गया। हालांकि उनके स्वास्थ्य में पूरी तरह रिकवरी नहीं हुई लेकिन फिजियोथेरेपी के जरिये काफी सुधार हो रहा है। वे पलक झपकाते हैं।
उनके प्रति लोगों के प्यार का अनुमान इसीसे लगाया जा सकता है कि डूडी के अस्वस्थ होने पर कांग्रेस ने उनकी पत्नी सुशीला रामेश्वर डूडी को नोखा से विधानसभा का टिकट दिया। कभी राजनीति में सक्रिय नहीं रही सुशीला को नोखावासियों ने विधायक बनाया। बीकानेर जिले की सात विधानसभा सीटों में से महज ये एक ही सीट कांग्रेस ने जीती।