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Bikaner : देशनोक में सैलून की छत गिरी, दो बच्चों समेत पांच घायल

  • हैरानी: देशनोक में हादसा, एक्स-रे करवाने बीकानेर भेजा
  • बीकानेर: सैलून की छत गिरी, दो बच्चों समेत पांच घायल

RNE Deshnok-Bikaner.

करणीमाता मंदिर से विश्वविख्यात देशनोक में स्वास्थ्य सेवाओं के क्या हाल है इसका अनुमान रविवार को हुए एक हादसे और उसके बाद मरीजों की हालत को देखकर लगाया जा सकता है।

घटना यह है:

दरअसल देशनोक मंे हॉस्पिटल (सीएचसी) के सामने ही एक सैलून की छत गिर गई। अचानक हुए इस हादसे से अफरा-तफरी मच गई। पट्टियां गिरने से दो बच्चों सहित पांच लोग घायल हो गये। इन घायलांे में 10 वर्षी सुरेन्द्र, 13 वर्षीय किशन सहित सुभाष, मूलाराम और किशन शामिल रहे। इन में से एक के सिर में चोट लगी और एक के हाथ में सूजन से फ्रेक्चर की आशंका हुई। बताया गया कि प्राथमिक तौर पर किसी को गंभीर चोट नहीं लगी। राहत इस बात की है कि जितना गंभीर हादसा हुआ उतनी ज्यादा गहरी चोटें नहीं आई। इन सबके बावजूद हैरानी है कि दो मरीजों को बीकानेर रैफर किया गया।

रविवार को एक्स-रे नहीं होता :

हादसे के बाद एक बार फिर देशनोक हॉस्पिटल में स्वास्थ्य सेवाओं की हालत खुलकर सामने आ गई। चोटिल लोगों की जांच के लिये एक्स-रे की जरूरत थी लेकिन रविवार होने से हॉस्पिटल में एक्स-रे टैक्नीशियन नहीं होता। ऐसे में एक्स-रे करवाने और आगे का इलाज लेने के लिए बीकानेर रैफर कर दिया गया।

न सर्जन, न ऑर्थोपीडीशियन, कैसे होता है इमरजेंसी इलाज:

हालांकि रविवार होने से जहां एक्स-रे तक नहीं हो पाया वहीं आम दिनों मंे भी इलाज की उम्मीद करना बेमानी है। वह इसलिये क्योंकि चोट लगने के बाद जिन दो तरह के डॉक्टर्स की सर्वाधिक जरूरत होती है उनमें एक सर्जन और दूसरा आर्थोपीडिशियन होता है। हैरानी की बात यह है कि जिले के इस बड़े सामुदायिक स्वास्थ्य केन्द्र में दोनों ही विशेषज्ञता के डॉक्टर नहीं है। ऐसे में आपातकालीन इलाज की उम्मीद कैसे की जा सकती है। यही वजह है कि लगभग सभी मरीजों को रेफर किया जा रहा है।