Ayush : 2021-2022 बैच से प्रभावी होगा National Exit Test (NExT)
RNE Network, Dehli.
Ayush डॉक्टरर्स के लिए राष्ट्रीय एक्जिट टेस्ट (एनईएक्सटी) को लेकर देशभर में चल रहे विरोध-प्रदर्शन और असमंजस के बीच केंद्रीय आयुष राज्य मंत्री प्रतापराव जाधव की एक घोषणा ने इस एग्जाम के लेकर बने सभी असमंजस दूर कर दिये हैं। मंत्री जाधव ने स्पष्ट किया है कि राष्ट्रीय एक्जिट टेस्ट (एनईएक्सटी) 2021-2022 बैच से ही प्रभावी होगा।
केंद्रीय मंत्री ने कहा कि यह निर्णय इस मामले में छात्रों की चिंताओं की समीक्षा करने के लिए गठित समिति की सिफारिश पर लिया गया है। समिति ने सिफारिश की है कि एनसीआईएसएम और एनसीएच अधिनियम, 2020 के तहत 2021-22 शैक्षणिक सत्र में नामांकित छात्रों पर राष्ट्रीय एक्जिट टेस्ट (एनईएक्सटी-नेक्स्ट) लागू किया जाएगा, ताकि इसके कार्यान्वयन में किसी भी तरह की अस्पष्टता को दूर किया जा सके।
जयपुर के वीसी संजीव शर्मा की कमेटी ने की सिफारिशें :
इस मुद्दे पर बनाई गई समिति की अध्यक्षता राष्ट्रीय आयुर्वेद संस्थान, जयपुर के वाइस चांसलर प्रो. संजीव शर्मा ने की, जिन्हें छात्रों से प्राप्त सुझावों की समीक्षा करने और मंत्रालय को सिफारिशें प्रस्तुत करने की जिम्मेदारी प्रदान की गई थे। एक साल की इंटर्नशिप पूरी करने के बाद लाइसेंस और राज्य या राष्ट्रीय रजिस्टर में नामांकन के लिए यह परीक्षा अनिवार्य है। यह समस्या-आधारित परीक्षा है जिसमें व्यावहारिक कौशल का मूल्यांकन करने के लिए नैदानिक मामले के परिदृश्य, चित्र और वीडियो शामिल हैं। वे छात्र जिन्होंने अपनी इंटर्नशिप पूरी नहीं की है, लेकिन राष्ट्रीय एग्जिट टेस्ट (नेक्स्ट) में उत्तीर्ण हैं, वे एक साल की इंटर्नशिप पूरी करने के बाद ही राज्य या राष्ट्रीय पंजीकरण बोर्ड में पंजीकरण के लिए पात्र होंगे।
स्टूडेंट्स से भी हुई बात :
यह घोषणा आयुष पाठ्यक्रम के छात्रों की ओर से राष्ट्रीय एग्जिट टेस्ट (नेक्स्ट) के कार्यान्वयन के संबंध में विभिन्न अभ्यावेदन आने के बाद की गई है। एनसीआईएसएम और एनसीएच की नेक्स्ट परीक्षा के मुद्दे पर चर्चा के संबंध में बीएएमएस/बीएचएमएस के छात्रों के कुछ प्रतिनिधियों की केंद्रीय आयुष राज्य मंत्री (स्वतंत्र प्रभार) के साथ बातचीत भी हुई थी।
क्या है NExt, क्यों जरूरी :
राष्ट्रीय भारतीय चिकित्सा पद्धति आयोग (एनसीआईएसएम) अधिनियम 2020 और राष्ट्रीय होम्योपैथी आयोग (एनसीएच) अधिनियम, 2020 क्रमशः 11 जून, 2021 और 5 जुलाई, 2021 से लागू हुए। राष्ट्रीय भारतीय चिकित्सा पद्धति आयोग (एनसीआईएसएम) अधिनियम 2020 और राष्ट्रीय होम्योपैथी आयोग (एनसीएच) अधिनियम, 2020 के प्रावधानों के तहत दोनों आयोगों द्वारा इन अधिनियमों के लागू होने की तिथि से तीन वर्षों के भीतर राष्ट्रीय एक्जिट टेस्ट (नेक्स्ट) आयोजित किया जाना आवश्यक है।
नेक्स्ट, एनसीआईएसएम अधिनियम, 2020 के तहत राष्ट्रीय भारतीय चिकित्सा पद्धति आयोग (एनसीआईएसएम) की शुरू की गई एक महत्वपूर्ण परीक्षा है। इसे आयुर्वेद, सिद्ध, यूनानी और सोवा-रिग्पा में स्नातकों के लिए नैदानिक योग्यता, चिकित्सा नैतिकता की समझ और चिकित्सा-कानूनी मामलों को संभालने की क्षमता का आकलन करने के लिए डिज़ाइन किया गया है।