शंखेश्वर पार्श्वनाथ मंदिर में सात दिनों से चल रहा भक्ति संगीत
RNE Bikaner.
बीकानेर में श्री कोचर मंदिरात एवं पंचायती ट्रस्ट के तत्वाधान में पर्युषण पर्व पर सात दिवसीय भव्य संगीत संध्याओं का आयोजन हुआ। संगीत संध्या के अंतिम दिन बड़ी संख्या में जैन समुदाय के लोगों का हुजूम उमड़ पड़ा।
भजन संध्या से पूर्व शंखेश्वर पार्श्वनाथ भगवान व अधिष्ठायक देवताओं की मूर्ति की सेवक श्रीराम शर्मा द्वारा आकर्षक अंगी की गई। गौर तलब है कि भगवान नेमिनाथ जी की यह मूर्ति 990 साल प्राचीन है जो लगभग 400 वर्ष पूर्व गुजरात से लाकर यहां स्थापित की गई। यहां स्थापित मणिभद्र वीर की प्रतिमा जो पिंड स्वरूप है, अत्यंत चमत्कारी मानी जाती है।
इसके बाद रात्रि आठ बजे गायक विनोद सेठिया, सूनील पारख, मगन कोचर सत्येन्द्र बैद व जीतू बाबू कोचर द्वारा नवकार मंत्र का सामुहिक गान करते हुए श्रावक श्राविकाओं ने भक्ति रस का आनंद लिया।
बीकानेर, गंगाशहर, भीनासर, उदयरामसर आदि स्थानों से आए श्रावक-श्राविकाओं ने मंदिर में मूलनायक भगवान पाश्र्वनाथ के साथ गुरु प्रतिमा, हाजरा हजूर मणिभद्र वीर पिंड स्वरूप, देवी पद्मावती व पार्श्वयक्ष की प्रतिमाओं के भी दर्शन कर वंदन किया।
पारम्परिक भजनों पर श्राविका मंजुदेवी दफ्तरी, मधु कोचर साधना दफ्तरी, दिव्या, प्रिया कोचर, सरिता कोचर हेमागिनि, पूजा बैद, एकता सेठिया, सारिक कोचर ने भी टेर के साथ संगत दी।
भगवान नेमिनाथजी की मूर्ति का सेवक श्रीराम शर्मा द्वारा आकर्षक अंगी की गई। गौर तलब है कि यह मूर्ति 990 साल प्राचीन है जो लगभग 400 वर्ष पूर्व गुजरात लाकर यहां स्थापित की गई।, यहां स्थापित मणिभद्र वीर की प्रतिमा जो पिंड स्वरूप है अत्यंत चमत्कारी मानी जाती है।
भजन संध्या आयोजनों में सुरेंद्र कोचर भुता, पारस कोचर, प्रवीण कोचर, वसंत कोचर, संजय कोचर, कानी लाल कोचर, देवेंद्र पुगलिया, मोहित कोचर, भरत बोथरा नवीन डागा ने आयोजन को सफल बनाने मे महत्वपूर्ण भूमिका निभाई।