NOKHA : चेतन तेजी की कहानी झूठी निकली, गैंगवार में घायल नहीं हुआ खुद के हाथ से चली थी गोली
- चेतन तेजी को मनीष भाटी ने ही पिस्टल दी, चैक करते वक्त गोली चली
- बीकानेर पुलिस ने किया बड़ा खुलासा: नोखा गोलीकांड में खेडापा, जोधपुर के हथियार तस्कर मनीष भाटी का कनेक्शन खोज निकाला
RNE Nokha-Bikaner.
नोखा के राणाराव तालाब के पास पेट में गोली लगने से घायल चेतन तेजी की गैंगवार जैसी कहानी बिलकुल झूठी निकली। गोली खुद तेजी के हाथ से उस वक्त चली जब वह अवैध पिस्टल चैक कर रहा था। बीकानेर पुलिस ने इस मामले का खुलासा करते हुए अवैध पिस्टल के सप्लायर तस्कर मनीष भाटी का अवैध पिस्टल के साथ गिरफ्तार किया गया है।
मनीष भाटी दिल्ली में 15 अवैध पिस्टल सप्लाई करने के मामले से जुड़ा हथियार तस्कर है। चेतन तेजी को भी हथियार तस्करी की धाराओं में आरोपी माना गया है। पुलिस थाना नोखा, डीएसटी व साइबर सैल की संयुक्त बड़ी कार्रवाई में यह खुलासा है। अतिरिक्त पुलिस अधीक्षक (ग्रामीण) प्यारेलाल श्योराण ने पूरे मामले की कड़ियां एक-एक कर खोलकर रखी।
मामला यह है :
नोखा में पेट में गोली लगने से घायल चेतन तेजी ने पुलिस को बताया कि 05 सितंबर को शाम 6 बजे राणा राव तालाब से स्वामियों के श्मशान भूमि में जाने वाले रास्ते पर मेरी पत्नि मोनिका, बहिन सुमन को रामदेवरा जाने के लिये गाडी में चढाकर घर की तरफ जाने लगा। तभी सामने से दो बाईक सवार आये जिन्होने सफेद तोलिया से मुंह ढक रखा था। काले रंग की शर्ट पहना व्यक्ति बाईक चला रहा था और उसके पीछे डार्क मेंहदी रंग की चोकडी दार शर्ट पहने एक लडका बैठा था जिसने हाथ में पिस्टल तान रखी थी। उन्होंने मेरे आगे बाईक लगाई और मुझे जान से मारने के लिये पिस्टल से फायर किये। तीन फायर किये जिनमें दो फायर खाली गये और तीसरे फायर की गोली मेरे पेट पर लगी। मैं नीचे पड गया, मेरे साथ आया जीजा विजय पंडित ने मुझे उठाया और शोर मचाया तो कई लोग इक्कटठा हो गये तब तक दोनो बाईक सवार अपनी बिना नम्बर की बाईक लेकर शराब ठेके वाली गली से भाग गये।
पुलिस ने गैंगवार माना, आईजी-एसपी हॉस्पिटल पहुंचे, टीमें बनाई :
चेतन तेजी के बयान पर मुकदमा नम्बर 505/24 धारा 109(1), 126(2), 3(5) बीएनएस व 27 आर्म्स एक्ट पुलिस थाना नोखा में दर्ज किया जाकर अनुसंधान शुरू किया गया। फायरिंग की घटना को गंभीरता से लेते हुये ओमप्रकाश आईपीएस महानिरीक्षक पुलिस, बीकानेर रेंज, बीकानेर व तेजस्वनी गौतम आईपीएस पुलिस अधीक्षक बीकानेर ने तुरन्त पीबीएम अस्पताल पहुचंकर घायल चेतन तेजी से घटना की जानकारी ली। खुद एसपी घटनास्थल का निरीक्षण करने पहुंची। प्रथम दृष्टया मामला गैंगवार का प्रतीत हो रहा था। घटना की गंभीरता को देखते हुये पुलिस अधीक्षक बीकानेर ने अतिरिक्त पुलिस अधीक्षक (ग्रामीण) प्यारेलाल श्योराण आरपीएस के नेतृत्व में अलग-अलग टीमें गठित की गयी । टीम में वृताधिकारी नोखा हिमांशु शर्मा आरपीएस, डीएसटी प्रभारी सत्यनारायण पुनि., थानाधिकारी नोखा हंसराज लूणा पुनि, साईबर सैल प्रभारी दीपक यादव सउनि मय अलग-अलग टीमों का गठन कर उक्त प्रकरण के खुलासे के लिये टास्क दिया गया । जिसमें सभी टीमों को अलग-अलग कार्य दिया गया ।
तेजी की कहानी झूठ लगी, मनीष भाटी तक शक की सुईं :
पुलिस की अलग-अलग टीमों द्वारा मुखबीर तंत्र मजबूत किये व घटनास्थल के आस-पास लगे सीसीटीवी फुटेजों को चैक करना शुरू किया गया। घटनास्थान से तकनिकी साक्ष्य भी एकत्रित कर कार्य प्रारंभ किया गया। घटना के आस-पास के लोगों से व संदिग्धों से पूछताछ व अन्य जानकारीयां जुटाई। नोखा व बीकानेर शहर में रहने वाले संदिग्ध लोगों से पूछताछ की गई तथा पूर्व में फायरिंग के दर्ज हुये प्रकरणों से संबंधित बदमाशों से भी पूछताछ की गई। इतनी पूछताछ और छानबीन में चेतन तेजी की कहानी झूठी लगने लगी और मामले में हथियार तस्कर मनीष भाटी पर शक की सुईं गई। आखिरकार साक्ष्यों के आधार पर तथा संदिग्धों से लगातार पूछताछ से उक्त प्रकरण का खुलासा कर मुल्जिम मनीष भाटी को दस्तयाब कर गिरफ्तार किया गया।
इस टीम ने ऑपरेशन को अंजाम दिया :
हिमांशु शर्मा आरपीएस वृताधिकारी नोखा, हंसराज पु.नि. थानाधिकारी नोखा, सत्यनारायण पुनि प्रभारी डीएसटी, दीपक यादव सउनि प्रभारी साईबर सैल, ओमप्रकाश सउनि, रामकरण सउनि, दिलीप सिंह सउनि, राजुराम सउनि, कानदान हैडकानि, महावीर हैडकानि, योगेन्द्र हैडकानि, देवेन्द्र कानि, लखविन्द्र कानि, श्रीराम कानि, करणपाल कानि , सूर्यप्रकाश कानि, पेमाराम कानि, राजेन्द्र डीआर।
यह भी पढ़े :