40 लाख की चैन गणपति प्रतिमा के साथ विसर्जित हुई, 300 प्रतिमाओं की मिट्टी में ढूंढ ली
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एक परिवार ने अपने घर गणपतीजी को विराजित किया। खूब धूमधाम से पूजा की। सजाया, संवारा और यहां तक कि बप्पा को 60 ग्राम सोने की लगभग 40 लाख लागत वाली चैन भी पहनाई। विसर्जन के समय जोश, भक्ति और विदाई का ऐसा भावुकता वाला माहौल हो गया कि चैन निकालना भूल गए और मोबाइल टैंक में गणपति प्रतिमा विसर्जित कर दी।
काफी देर बाद जब याद आया तो घरवालों ने भागदौड़ शुरू की। काफी मशक्कत के बाद जब तक मोबाइल टैंक तक पहुंचे उसमें 300 प्रतिमाएं विसर्जित हो चुकी थी। अधिकारियों के हस्तक्षेप से टैंक का पानी पंप कर निकाला गया। लगभग 10 घंटे में 10 हजार लीटर पानी निकाला। इसके बाद टैंक में 300 प्रतिमाएं घुल जाने से बची मिट्टी थी। उसमें तलाश शुरू हुई और आखिरकार चैन मिल गई।
60 ग्राम सोने की चेन सजाई थी मूर्ती
मीडिया रिपोर्ट्स के मुताबिक बेंगलुरु के गोविंदराजनगर में रहने वाले टीचर रमैया और उमादेवी ने त्योहार के लिए अपने घर पर गणेश प्रतिमा रखी थी। पूजा के दौरान उन्होंने मूर्ति को 60 ग्राम सोने की चेन से सजाया और बाद में इसे एक मोबाइल टैंक में विसर्जित कर दिया। वापस लौटते समय, दंपत्ति को एहसास हुआ कि उन्होंने मूर्ति को विसर्जित करते समय उससे चेन नहीं निकाली।
वे मोबाइल टैंक पर वापस पहुंचे और अधिकारियों को सोने की चेन के बारे में बताया। इस दौरान टैंक पर मौजूद लड़कों ने बताया कि उन्होंने विसर्जन के दौरान एक चेन देखी थी, लेकिन उन्हें लगा कि यह नकली चेन है. इसके बाद उन्होंने इसे खोजना शुरू किया, लेकिन वे इसे नहीं ढूंढ पाए, क्योंकि विसर्जित की गई मूर्तियों से बहुत अधिक मिट्टी घुल गई थी।
पुलिस को सूचना दी, विधायक ने हस्तक्षेप किया :
दंपति ने मगदी पुलिस स्टेशन को सूचित किया. इसके अलावा उन्होंने स्थानीय विधायक को भी घटना के बारे में बताया। बताया जाता है कि इसके बाद फिर से तलाशी अभियान फिर से शुरू हुआ और यह 10 घंटे तक जारी रहा। इस बीच मोबाइल टैंक ठेकेदार ने अपने कर्मियों को चेन खोजने के लिए तैनात किया। इस दौरान उन्होंने सोने की चेन को खोजने के लिए टैंक से 10,000 लीटर पानी भी पंप किया। कम से कम दस लोगों द्वारा टैंक में चेन की तलाश करने के बाद यह चेन मिली।