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10 साल से फरार आतंकी को AGTF ने घर से दबोचा

आरएनई,स्टेट ब्युरो।

10 साल से फरार कुख्यात आतंकवादी को AGTF ने आज राजस्थान से गिरफ्तार कर लिया। इस आतंकवादी के 13 साथियों को क्राइम ब्रांच ने पूर्व में ही गिरफ्तार कर लिया था जबकि यह आतंकवादी पुलिस को चकमा देकर लगातार 10 सालों से फरार चल रहा था।पूछताछ में सामने आया कि 2014 में वो और उसके साथी आतंकवादी संगठन इंडियन मुजाहिदीन के संपर्क में थे। आतंकी घटनाओं को अंजाम देने की योजना थी।

ये है पूरा मामला

एंटी गैंगस्टर टास्क फोर्स (AGTF) ने स्लीपर सेल के आतंकवादी मोहम्मद मेराजुद्दीन (31) को गिरफ्तार किया है। 25 हजार रुपए का इनामी आतंकी पिछले 10 साल से फरार था। इसके सभी 13 साथी पकड़ लिए गए थे। मेराजुद्दीन नहीं पकड़ा जा सका था। एजीटीएफ ने दबिश देकर आतंकी को उसके घर से पकड़ा है। इंडियन मुजाहिदीन को ATS के हवाले कर दिया गया है।

2014 से स्लीपर सेल में एक्टिव

ADG (क्राइम) दिनेश एमएन ने बताया- गंगापुर सिटी में बजरिया के वार्ड नंबर 18 में रहने वाले मोहम्मद मेराजुद्दीन पुत्र मोहम्मद नियाजउद्दीन को अरेस्ट किया गया है। साल 2014 में स्लीपर सेल की ओर से भारत के विभिन्न स्थानों पर आतंकवादी घटनाओं को अंजाम देने की प्लानिंग थी। आतंकवादी घटनाओं को अंजाम देने से पहले ही सुरक्षा एजेंसियों को इनपुट मिल गया था। जयपुर, जोधपुर और सीकर से 13 आतंकियों को अरेस्ट किया गया था। इनमें से 12 आतंकियों को कोर्ट ने आजीवन कारावास की सजा सुनाई गई थी। मोहम्मद मेराजुद्दीन उस समय पकड़ में नहीं आया था।

25 हजार का रखा इनाम

ADG एमएन ने बताया थाना SOG जयपुर में अलग-अलग धाराओं में केस दर्ज किया गया था। एटीएस-एसओजी की टीम मेराजुद्दीन को पकड़ने के लिए लगातार दबिश देती रही। 24 जनवरी 2018 को एडीजी (एटीएस-एसओजी) की ओर से मेराजुद्दीन पर 25 हजार रुपए का इनाम रखा गया।

घर पर आने की सूचना पर दी दबिश

ADG एमएन ने बताया- गुरुवार को एजीटीएफ को सूचना मिली कि मेराजुद्दीन गंगापुर सिटी अपने घर आया हुआ है। सूचना पर टीम ने उसके घर और आसपास के क्षेत्र में निगरानी की। सूचना पुख्ता होने के बाद लोकल पुलिस की मदद से दबिश देकर मेराजुद्दीन को पकड़ा गया।

तीन राज्यों में काटी फरारी

ADG ने बताया- मेराजुद्दीन दिल्ली में ओखला स्थित मरकस, गुजरात और राजस्थान के विभिन्न जिलों में फरारी काट रहा था। प्रारंभिक पूछताछ में इसने बताया कि वह और इसके साथी इंडियन मुजाहिदीन एवं अन्य इस्लामी संगठनों से कॉन्टैक्ट में थे। साल 2014 में विभिन्न स्थानों पर आतंकी घटनाओं को अंजाम देने की योजना थी। इससे पहले ही इनके साथी सुरक्षा एजेंसियों की गिरफ्त में आ गए थे।