परशुराम समिति के पदाधिकारियों ने कहा, राजनीतिक आधार पर नहीं होने चाहिए सामाजिक मूल्यांकन, कलेक्टर को पत्र लिखा
आरएनई, बीकानेर।
देशभर में जहां खिड़कियां पाग वाले दूल्हों की बारातों का पुष्करणा सावा काफी चर्चित रहा वहीं इस बार सावे के इंतजामों को लेकर की गई व्यवस्थाओं में राजनीतिक हस्तक्षेप और भेदभाव के आरोप भी लगाये जा रहे हैं। सालों से सावे में अनुदान संबंधी काम करने वाली परशुराम सेवा समिति ने बीकानेर पश्चिम विधायक पर आरोप लगाया है कि उन्होंने राजनीतिक आधार पर समिति के कामों का विरोध किया। सामाजिक कामों का मूल्यांकन राजनीतिक आधार पर नहीं होना चाहिए।समिति के संयोजक किशनलाल ओझा, नवरतन व्यास, श्रीलाल व्यास आदि ने आरोप लगाया कि विधायक जेठानन्द व्यास ने उपमुख्यमंत्री को पत्र लिखकर यह आग्रह किया कि परशुराम सेवा समिति की बजाय दूसरी संस्था के मार्फत अनुदान से संबंधित काम करवाया जाए। सामाजिक संस्था के पदाधिकारियों ने समिति के कामकाज का ब्यौरा देते हुए कहा, 2011 से अनुदान कार्य संचालन कर रहे, परकोटे को छत मानने की मुहिम चलाई, इसे एक छत मनवाया।
समिति ने बीकानेर कलेक्टर को एक पत्र भी सौंपा है। इस पत्र में अब तक किये गए काम, पत्राचार आदि का जिक्र है। इसके साथ ही इस बात पर प्रशासन का आभार भी माना है कि इन सबके बावजूद परशुराम सेवा समिति की कार्यप्रणाली देखते हुए उन्हे सावे में रजिस्ट्रेशन सहित अन्य जिम्मेदारी दी गई।