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Rajasthan : अंता में 05 नवंबर को होगा स्मृति समारोह “कूंपळ”

RNE Network, Anta-Baran.

राजस्थानी भाषा के मुंशी प्रेमचन्द कहलाने वाले दिवंगत साहित्यकार श्री गिरधारी लाल मालव की स्मृति में दिया जाने वाला श्री गिरधारी लाल मालव स्मृति ‘मायड भाषा सम्मान’ इस वर्ष युवा कवि -लेखक डॉ.ओम नागर को दिया जाएगा। यह निर्णय अनंत साहित्य समिति की ओम सोनी मधुर की अध्यक्षता में हुई बैठक में हुआ। ओम नागर की राजस्थानी और हिंदी में बीस से अधिक पुस्तकें प्रकाशित हो चुकी है। उनके हिंदी कथेतर कृति ‘ निब के चीरे से ‘ की रचनाओं को विश्वविद्यालय पाठयक्रम में भी सम्मलित किया गया है।

समिति संयोजक चेतन मालव ने बताया कि विगत सात वर्षों से यह सम्मान राजस्थानी भाषा के लिए समर्पित साहित्यकार को दिया जाता रहा है। जिसमें साहित्यकार ओम नागर को 11,000 रूपये सम्मान राशि, मानपत्र, शॉल,श्रीफल भेंटकर सम्मानित किया जायेगा। समारोह में ओम नागर के राजस्थानी कविता -संग्रह ‘ फरोगड़ी ‘और कथेतर कृति ‘ भला मनख्यां की भली बातां ‘ का भी विमोचन अतिथियों द्वारा किया जायेगा।

समिति सचिव ओम मेरौठा के अनुसार यह श्री गिरधारी लाल मालव स्मृति समरोह ‘कूंपळ ‘ का आयोजन 5 नवम्बर को केशव ज्ञान भारती विद्यालय ,अंता में होगा। समारोह की अध्यक्षता राजस्थानी भाषा के प्रख्यात कवि -आलोचक नाटककार एवं राजस्थानी भाषा परामर्श मण्डल, साहित्य अकादेमी ,नयी दिल्ली के संयोजक डॉ.अर्जुनदेव चारण ,जोधपुर करेंगे।



मुख्य अतिथि अंता नगर पालिका के अध्यक्ष रामेश्वर खंडेलवाल होंगे । समारोह में विशिष्ट अतिथि के रूप में वरिष्ठ कवि -गीतकार दुर्गादान सिंह गौड़ ,कोटा, राजस्थानी साहित्यकार डॉ.गजेसिंह राजपुरोहित, विभागाध्यक्ष राजस्थानी भाषा जयनारायण व्यास विश्वविद्यालय जोधपुर, और सहकारी समिति ,अंता के चेयरमेन नरेंद् नंदवाना उपस्थित रहेंगे। स्मृति समारोह में शाम को दिनेश मालव स्मृति काव्य संध्या का भी आयोजन किया जाएगा।

ज्योतिषाचार्य पं, कैलाश चन्द शास्त्री को ‘अनंत रत्न सम्मान’ : 

बैठक में विचार- विमर्श उपरांत हर वर्ष दिया जाने वाला ‘अनंत रत्न सम्मान’ अंता के वयोवृद्ध और अंतरराष्ट्रीय ज्योतिष रत्न से सम्मानित ज्योतिषाचार्य पं, कैलाश चन्द शास्त्री को उनके द्वारा ज्योतिष क्षेत्र में किये गए नव अन्वेषण व ज्योतिष से संबंधित पुस्तकों के सृजन हेतु प्रदान करने का निर्णय हुआ।



समिति के उपाध्यक्ष विष्णु विश्वास ने बताया कि अनंत साहित्य समिति राजस्थान की एक ऐसी साहित्य संस्था है जो मायड भाषा राजस्थानी के साहित्यकारों को यह सम्मान लगातार सात वर्षों से देती आ रही है। अब तक यह सम्मान रघुराज सिंह हाड़ा, दुर्गा दान सिंह गौड़, मुकुट मणिराज, सी ऐल् सांखला, अंबिका दत्त चतुर्वेदी, किशन वर्मा व पंडित लोक नारायण शर्मा जैसे श्रेष्ठ साहित्यकारों को प्रदान किया है। इसी प्रकार सामाजिक सरोकार, पर्यावरण, लोक संस्कृति, ज्ञान विज्ञान जैसे क्षेत्रों में अंता व अंता परिक्षेत्र के विशिष्ट लोगों को अनंत रत्न देकर भी सम्मानित करती आई है। उनमें समाजसेवी छोटू लाल, स्काउट, रक्तवीर पवन महोबिया ,अंता, लोक कलाकार रमेश गंधर्व बड़वा, राजस्थानी भाषा शब्दकोश के डिजिटीलाइजेशन में महत्त्वपूर्ण योगदान देने वाले मनोज मिश्रण, मोलखी जैसे लोगों को दिया जा चुका है।

बैठक में समिति सदस्य रुस्तम खान, पवन गौत्तम,नरेंद्र मालव,दुष्यन्त विजय, अनिल दिवेदी, महावीर आमलिया, राधेश्याम पांचाल, विजय बत्रा, कुश पांचाल, अनूप श्रीवास्तव सहित अन्य सदस्य उपस्थित रहें। जिन्होंने कार्यक्रम की रूपरेखा बनाकर उसे अंतिम रूप दिया गया। अंत में धन्यवाद के साथ बैठक समाप्त की गई।