Skip to main content

Bikaner : मेडिकल कॉलेज प्रिंसिपल डॉ.सोनी, भामाशाह प्रतिनिधियों के बीच लंबी मीटिंग

  • बीकानेर के भामाशाह सदैव समर्पित : प्राचार्य डॉ.सोनी
  • सरकार-अधिकारी सहयोग करें, नकारात्मक टिप्पणी से बचें : भामाशाह

RNE Bikaner.

पीबीएम हॉस्पिटल में अलग-अलग विभागों के भवन बनाने के साथ ही नियमित विभिन्न सेवाएँ-सहयोग देने वाले भामाशाहों और हॉस्पिटल-कॉलेज प्रशासन के बीच बन रही दूरी पाटने की दिशा में मंगलवार को महत्वपूर्ण मीटिंग हुई। इस मीटिंग में जहां कई भ्रम टूटे और रिश्तों में फिर से मिठास दिखी वहीं भविष्य के लिए कई निर्णय भी हुए।

मीटिंग में यह बोले प्राचार्य सोनी :
प्राचार्य एवं नियंत्रक डॉ. गुंजन सोनी ने कहा कि कोविड काल में भगवान के मंदिर तक बंद करने पड़े लेकिन अस्पताल खुले रहे ऐसी विकट परिस्थितियों में भामाशाहों ने देवदूत बनकर मरीजों और उनके परिजनों की सेवा सुश्रुषा की। बीकानेर के भामाशाह सदैव समर्पित रहे हैं। हम उनकी सेवाओं की इज्जत करते हैं।

यह बोले भामाशाह :
दूसरी ओर भामाशाहों ने कहा, कि बीकानेर के विकास के लिए हम सदैव तैयार है लेकिन सरकार और संबंधित अधिकारियों को भी भामाशाहों का सहयोग एवं सम्मान करना चाहिए। नकारात्मक टिप्पणी करने से बचना चाहिए। सरकार को भामाशाहों का सहयोग लेते समय इस बात का ख्याल रखना चाहिए कि किसी अपरिहार्य घटनाओ को लेकर गैर जरूरी कारणों का जिम्मेदार भामाशाहों को न बनाया जाए ।

यहां से शुरू हुआ था विवाद :
दरअसल पीबीएम हॉस्पिटल में एसी रिपेयर करते हुए करंट से एक मिस्त्री की मौत हो गई। मरीजों के हित में भामाशह की ओर से हॉस्पिटल में एसी ठीक करवाए जा रहे थे। आरोप है कि उस मामले में हॉस्पिटल प्रशासन ने खुद पर कोई ज़िम्मेदारी नहीं ली।

इससे भामाशह काफी असंतुष्ट हुए। इस बीच मेडिकल कॉलेज प्राचार्य के हवाले से आए एक बयान ने भी आग में घी का काम किया। हालांकि प्राचार्य डॉ.सोनी ने पहले भी उस बयान का खंडन किया और आज भी मीटिंग में बयान को लेकर भ्रम दूर करने की कोशिश की।

अब ये होगा :
हल्दीराम मूलचंद हार्ट हॉस्पिटल में कार्डिक सर्जरी पीपीपी मोड पर शुरू करवाने के प्रयास किए जाएंगे
वार्ड में प्रवेश हेतु पास प्रणाली सख्ती से लागू की जाएगी।
पीबीएम परिसर में सीसीटीवी कैमरों की संख्या बढ़ाई जाएगी
यूरोलॉजी भवन की मरम्मत करवाई जाएगी।

ये रहे मौजूद :
बैठक के दौरान कॉलेज-हॉस्पिटल की ओर से प्राचार्य एवं नियंत्रक डॉ. गुंजन सोनी, अतिरिक्त प्राचार्य प्राचार्य डॉ. अनीता पारीक, डॉ. रेखा आचार्य, डॉ. सुरेंद्र कुमार वर्मा, पीबीएम अधीक्षक डॉक्टर पीके सैनी , यूरोलॉजी विभागाध्यक्ष डॉ. मुकेश आर्य, भामाशाह नोडल अधिकारी डॉ. जितेंद्र कुमार आचार्य आदि उपस्थित रहे।

ये भामाशह-प्रतिनिधि :
आचार्य तुलसी शांति प्रतिष्ठान से जेठमल बोथरा, मानव सेवा समिति से ओम प्रकाश मोदी, राम किशन पेड़ीवाल, ट्रॉमा रिलीफ सोसायटी सचिव एस.के. बेरी, शिवकिशन मिंडाराम दम्मानी चैरिटेबल ट्रस्ट से सचिव विनोद दम्मानी, सी एम मूंधड़ा ट्रस्ट से द्वारका पचीसिया, हल्दीराम मूलचंद ट्रस्ट से रमेश कुमार अग्रवाल, रोगनिदान सेवा केंद्र से देव किशन पेड़ीवाल, समाज सेवी श्याम सुंदर मोदी तथा अनंत लाल आदि उपस्थित रहे।